टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । रिपोर्ट अजय वर्मा । फरीदाबाद, 24 अगस्त, 2023: 2,600 बिस्तरों वाला अमृता अस्पताल पिछले साल अगस्त में माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन के बाद से अपनी स्थापना की पहली वर्षगांठ मना रहा है। 130 एकड़ में फैले भारत के सबसे बड़े प्राइवेट मल्टीस्पेशलिटी हेल्थकेयर अस्पताल ने पिछले 12 महीनों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। अपनी स्थापना के बाद से इसने 1.60 लाख से अधिक बाह्य रोगियों, 11,600 आंतरिक रोगियों और 3,000 से अधिक सर्जरी का आंकड़ा पार कर लिया है।
फरीदाबाद स्थित अमृता अस्पताल ने केवल एक वर्ष की अवधि में स्कूल ऑफ मेडिसिन और स्कूल ऑफ नर्सिंग और पैरा मेडिकल कोर्सेस की स्थापना की है। यह मेडिकल रिसर्च में भी पूरी तरह से शामिल है, जिसमें ज्यादातर फेकल्टी दवा परीक्षण, अनुसंधान अध्ययन आदि में भाग लेते हैं। इसके अलावा, इसने भारत के उत्तरी क्षेत्रों के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर के सभी क्षेत्रों में आउटरीच ओपीडी शुरू की है।
अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद के एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर स्वामी निजामृतानंद पुरी ने कहा, “हम इस विशेष दिन पर अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाने और हमें प्रेरित करने वाले सार्थक लक्ष्य के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए कुछ समय निकाल रहे हैं। पिछले एक साल में, हमने शीर्ष स्तर की चिकित्सा देखभाल और असाधारण रोगी अनुभव प्रदान करने में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमारी सफलता के पीछे प्रेरक शक्ति रही है, और यह आपका अटूट समर्पण है, जिसने इस यात्रा को संभव बनाया है। मुझे हमारी पूरी अद्भुत टीम पर गर्व है। हमारी सफलता हमारी मार्गदर्शक ज्योति, विश्व प्रसिद्ध मानवतावादी श्री माता अमृतानंदमयी देवी द्वारा दिखाए गए समाज सेवा और करुणा के मार्ग के कारण संभव हुई है। हमारी पूरी यात्रा के दौरान उनकी उपस्थिति हमारी निरंतर प्रेरणा रही है।
अमृता हॉस्पिटल्स के ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर डॉ प्रेम नायर और अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद के मेडिकल डायरेक्टर डॉ संजीव सिंह ने कहा, “शुरू से ही, हमारा प्राथमिक लक्ष्य एक स्वास्थ्य सेवा संगठन का निर्माण करना है जो न केवल अत्याधुनिक चिकित्सा देखभाल प्रदान करता है बल्कि एक दयालु, सहानुभूतिपूर्ण और नवीन संस्कृति को भी बढ़ावा देता है। हमने जो असाधारण परिणाम हासिल किए हैं और अनगिनत जिंदगियों पर सकारात्मक प्रभाव डाला है, वे आपकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण हैं। जैसा कि हम उन चुनौतियों पर विचार करते हैं जिन पर हमने विजय प्राप्त की है और जो सफलताएं हमने हासिल की हैं, आइए हम नए उत्साह के साथ भविष्य की ओर भी देखें। हमारी यात्रा अभी शुरू हुई है, और अभी कई माइलस्टोन तक पहुंचना है और जिंदगियों को छूना है।
अमृता अस्पताल, फरीदाबाद ने समाज के उन सभी वर्गों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है, जिनके पास जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं तक पहुंच नहीं है। इसे स्वास्थ्य शिविरों के आयोजन, बच्चों के लिए शिक्षा का प्रावधान और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के कार्यान्वयन के माध्यम से हासिल किया जा रहा है जो अंततः रोजगार की ओर ले जाते हैं।
अस्पताल के कई विभागों ने पिछले 12 महीनों में महत्वपूर्ण उपलब्धिया हासिल कीं, जिनमें देश की कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण सर्जरी भी शामिल हैं। इनमें मध्य पूर्व की एक 23 वर्षीय महिला की सफल सर्जरी भी शामिल है, जो एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति से पीड़ित थी जिसके कारण उसके स्तन का वजन 11 किलोग्राम हो गया था। 18 घंटे तक चली मैराथन सर्जरी में, मेडियन फेशियल क्लेफ्ट सिंड्रोम के साथ पैदा हुए चार वर्षीय लड़के का भी सफल ऑपरेशन किया गया। एक और उपलब्धि में, अमृता के सिर और गर्दन के सर्जनों ने एक नाइजीरियाई महिला की गर्दन से खरबूजे के आकार का ट्यूमर निकाला। इसके अलावा, बार-बार होने वाले सर्वाइकल कैंसर के लिए 65 वर्षीय महिला पर फरीदाबाद की पहली इंटरस्टिशियल ब्रैकीथेरेपी भी की गई।
अमृता अस्पताल पहले से ही रोबोटिक सर्जरी में पायनियर बन गया है, दा-विंची एक्सआई रोबोटिक आर्म्स का उपयोग करके 20 से अधिक सर्जरी कर चुका है। इसके यूरो-ऑन्कोलॉजिस्ट ने प्रोस्टेट कैंसर के लिए रोबोटिक रेडिकल प्रोस्टेटक्टोमी की शुरुआत की, जो कि फरीदाबाद में पहली बार हुआ। इसके अतिरिक्त, एक मरीज में प्रत्यारोपण के लिए हाल ही में लीवर ग्राफ्ट के लिए रोबोटिक लिविंग डोनर सर्जरी की गई थी।
दिसंबर 2022 में ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के लिए लाइसेंस प्राप्त करने के बाद अमृता अस्पताल ने पांच जीवित किडनी ट्रांसप्लांट और एक मृत दाता ट्रांसप्लांट किया है। इसके अतिरिक्त, इसके सर्जन लिवर ट्रांसप्लांट के बिना एक्यूट लीवर फेलियर वाले 81% बच्चों को बचाने में कामयाब रहे हैं।
अमृता अस्पताल देश के उन चुनिंदा अस्पतालों में से एक है, जहां बच्चों के लीवर, पित्ताशय और अग्न्याशय की समस्याओं के इलाज के लिए पीडियाट्रिक एंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलेंजियोपैंक्रेटोग्राफी (ईआरसीपी) प्रक्रियाएं करने की सुविधा है। इसने एक एसोफेजियल और एनोरेक्टल मैनोमेट्री केंद्र भी स्थापित किया और भारत का सबसे बड़ा रोबोटिक लाइव डोनर प्रोग्राम लॉन्च किया। इसने लीवर और अग्न्याशय के लिए समर्पित क्लीनिक भी स्थापित किए हैं।
अस्पताल में अब तक लगभग 116 बाल चिकित्सा और जन्मजात हृदय सर्जरी की जा चुकी हैं। एक महीने से कम उम्र के बच्चों पर नौ ऐसी सर्जरी की गईं, जिनमें सबसे छोटा सिर्फ चार दिन का था। अस्पताल ने पिछले 12 महीनों में 300 से अधिक गंभीर रूप से बीमार बच्चों का सफलतापूर्वक इलाज किया है।
अमृता अस्पताल ने बाहरी कान दोष वाले बच्चों के लिए हड्डी चालन ट्रांसप्लांट शुरू किया और सी साउंड लाइव (एसएसएल) का परीक्षण शुरू किया, जो बधिरों को बोलने में सशक्त बनाने वाली एक नई सहायक तकनीक है। अस्पताल दान की गई आंखों को एकत्रित करने के लिए एक मान्यता प्राप्त स्थान बनता जा रहा है। वर्ष के दौरान, इसे गुणवत्ता आश्वासन के लिए अपनी प्रयोगशालाओं के लिए एनएबीएल मान्यता भी प्राप्त हुई।
विशेष रूप से, अमृता अस्पताल ने हर महिला को दर्द-मुक्त प्रसव कराने का लक्ष्य बनाया है। इसकी विशेष नवजात परिवहन सेवाओं की मदद से सात उच्च जोखिम वाले नवजात शिशुओं को बचाया गया है। यह अंतर्गर्भाशयी ट्रांसफ़्यूज़न करने वाला फरीदाबाद का पहला केंद्र भी बन गया। पिछले एक वर्ष के दौरान, अस्पताल ने नींद की शिकायत वाले रोगियों के लिए स्लीप लैब की स्थापना की। इसके अलावा, इसने पार्किंसंस रोग के रोगियों के लिए एक सहायता समूह भी शुरू किया।
पिछले 12 महीनों में अस्पताल में 200 से अधिक न्यूरोसर्जिकल प्रोसीजर्स किए गए हैं, जिनमें डीप ब्रेन स्टिमुलेशन, विशेष मिर्गी सर्जरी और न्यूनतम इनवेसिव स्पाइन सर्जरी शामिल हैं। 100 जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के साथ-साथ 35 से अधिक बाल चिकित्सा न्यूरोसर्जिकल प्रोसीजर्स भी आयोजित किए गए। स्पाइनल सर्जनों द्वारा तीन प्रमुख स्पाइनल डिफॉर्मिटी सुधार सर्जरी की गईं। अस्पताल की बहुप्रशंसित कार्डियक यूनिट भारत के बहुत कम ऐसे केंद्रों में से एक है जो एक ही छत के नीचे कार्डियक, वैस्कुलर और थोरैसिक सर्जरी कर सकती है।
अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग ने बच्चों और वयस्कों दोनों में किडनी बायोप्सी सेवा की स्थापना की और बच्चों के लिए रखरखाव हेमोडायलिसिस कार्यक्रम शुरू किया। इसके अलावा, डॉक्टरों ने किडनी की गंभीर चोट से पीड़ित छह दिन की कम वजन वाली बच्ची का दुर्लभ डायलिसिस सफलतापूर्वक की।
एक नेक पहल में, हिंदुस्तान सिरिंज और मेडिकल डिवाइसेज की सीएसआर विंग, एचएमडी फाउंडेशन ने फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्र, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल प्रदान करने में मदद करने के लिए अमृता अस्पताल को एक मोबाइल परीक्षण प्रयोगशाला इकाई दान की। इसके अतिरिक्त देश में टेलीमेडिसिन के महत्व को देखते हुए इस साल मार्च में अस्पताल में टेलीमेडिसिन सोसाइटी ऑफ इंडिया के हरियाणा स्टेट चैप्टर का उद्घाटन किया गया।
अमृता अस्पताल, फरीदाबाद ने चिकित्सा और स्क्रीनिंग शिविर भी आयोजित किए, स्वयं सहायता समूहों का आयोजन किया, गांवों को गोद लिया, आसपास के गांवों की वंचित लड़कियों को जीडीए प्रशिक्षण प्रदान किया।