आर्टपार्क के रोबोटिक्‍स चैलेंज का समापन, रोबोटिक्‍स के क्षेत्र में नवाचारों के प्रदर्शन के लिये इस प्रतियोगिता में भारत की 134 से ज्‍यादा टीमों ने हिस्‍सा लिया था

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• इस चुनौती के तहत टीमों ने प्रेरक प्रदर्शन किये और स्‍थानीय आधार पर डिजाइन किये गये अपने रोबोट्स से वाशरूम में वाचमैन का काम आसानी से पूरा करवाया
• यह चुनौती रोबोटिक्‍स के एक परितंत्र को सहयोग और बढ़ावा देने और उसके सह-निर्माण के लिये आर्टपार्क के मिशन का हिस्‍सा है, ताकि भारत रोबोटिक्‍स प्‍लेटफॉर्म्‍स और टेक्‍नोलॉजीस में वैश्विक अग्रणी बन सके

टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ । अजय वर्मा Editor in Chief| 23 मई, 2022: बेंगलुरू में स्थित लाभ-निरपेक्ष फाउंडेशन, एआई एंड रोबोटिक्‍स टेक्‍नोलॉजी पार्क (आर्टपार्क) ने आज जेएन टाटा ऑडिटोरियम, आईआईएससी कैम्‍पस, बेंगलुरू में रोबोटिक्‍स चैलेंज का समापन किया। इस चुनौती में रोबोट्स को वाचमैन जैसे वह काम करके दिखाने थे, जो आमतौर पर वाशरूम में होते हैं। देशभर से मिले 134 आवेदनों में से टॉप चार टीमें – सर्बरस, ग्रिफिंडोर्स, गिगा रोबोटिक्‍स और रोबो ज्‍योथियांस ने फाइनल में अपनी जगह बनाई और अभिनव रोबोट्स का इस्‍तेमाल कर वाशरूम में चौकीदार जैसे कामों का प्रदर्शन किया। ग्रिफिंडोर्स को इस प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया, जबकि टीम गिगा रोबोटिक्‍स और सर्बरस उपविजेता रहीं।
फिनाले में उद्योग की अग्रणी हस्तियाँ मौजूद थीं, जिनमें विशाल धुपर (एमडी-एशिया साउथ, एनविडिया), संदीप दीक्षित (हेड न्यू टेक्नोलॉजी, अदाणी पावर), प्रणव सक्‍सेना (मुख्‍य प्रौद्योगिकी एवं उत्‍पाद अधिकारी, फ्लिपकार्ट हेल्‍थटेक), प्रोफेसर प्रदीप्‍त विश्वास (सेंटर फॉर प्रोडक्‍ट डिजाइन एंड मैन्‍युफैक्‍चरिंग, आईआईएससी), उमाकांत सोनी (आर्टपार्क के को-फाउंडर एवं सीईओ) और प्रोफेसर भारद्वाज अमृतुर (आर्टपार्क के शोध प्रमुख एवं निदेशक) शामिल हैं।

आर्टपार्क के सह-संस्‍थापक एवं सीईओ उमाकांत सोनी ने कहा, “अलाइड मार्केट रिसर्च के अनुसार, 2030 तक विश्‍व भर में सर्विस रोबोटिक्‍स का बाजार 21.2% सीएजीआर के साथ 153.7 बिलियन डॉलर का होने की उम्‍मीद है। सच यह है कि भविष्‍य के रोजगार उद्योग में सफल होने के लिये एआई और रोबोटिक्‍स में कुशलताएं विकसित करना महत्‍वपूर्ण होगा। आर्टपार्क रोबोटिक्‍स चैलेंज इसी दृष्टिकोण के अनुसार है और इसने सीखने वालों को इस क्षेत्र में अपनी कुशलताएं बढ़ाने और भारत में मौजूद वास्‍तविक दुनिया की चुनौतियों के लिये प्रौद्योगिकी समाधान बनाने का अवसर दिया है। इस आयोजन को मिली प्रतिक्रिया से हम बहुत खुश हैं और एआई एवं रोबोटिक्‍स की एक मजबूत कम्‍युनिटी निर्मित करने के लिये इस प्रतिसाद को आधार बनाएंगे, ताकि भारत में रोबोटिक्‍स के परितंत्र के निर्माण एवं विस्तार में सहायता कर सकें।”

आर्टपार्क के शोध प्रमुख एवं निदेशक, प्रोफेसर भारद्वाज अमृतुर ने कहा, “भारत ने 2020 में 3200 रोबोट्स लगाये थे, जो उस साल लगाये गये रोबोट्स की सबसे बड़ी संख्‍याओं में से एक है। अगली पीढ़ी की इस रोबोट प्रौद्योगिकी ने विभिन्‍न उद्योगों के लिये स्थिति को बदलने वाली एक संपत्ति का काम किया है और आने वाले वर्षों में इस टूल में निवेश की आवश्‍यकता बढ़ने वाली है, जिसका कारण इसके नवाचार का प्रकार है। ऐसे रोबोट्स हमारे कार्यस्‍थल की क्षमता और उत्‍पादकता को बढ़ाएंगे और भारत को विनिर्माण, लॉजिस्टिक्‍स, कृषि, आदि विभिन्‍न उद्योग में ग्लोबल लीडर बनाएंगे। आर्टपार्क में हमारा लक्ष्‍य है अपनी प्रेरक प्रतियोगिताओं के माध्‍यम से कुशलता एवं क्षमता निर्माण द्वारा ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देना और युवाओं को एआई और प्रौद्योगिकी से सम्‍बंधित कुशलताएं सीखने, प्रदर्शित करने और उन्‍हें बढ़ावा देने के लिये एक मंच प्रदान करना। क्‍योंकि इससे वे भविष्‍य के रोजगार उद्योग में सफल होंगे और महत्‍व श्रृंखला का कायाकल्‍प करेंगे। आर्टपार्क द्वारा इस प्रतियोगिता के संचालन की अलग बात यह है कि फाइनलिस्‍ट्स को एक साल तक संरक्षण और भौतिक सहयोग प्रदान किया गया है, ताकि वे प्रतियोगिता की कठिनाई का सामना कर सकें।”

सेवा उद्योग श्रम की बढ़ती लागत, प्रदर्शन के वास्‍तविक मानकों के अभाव और कठिन परिश्रम करने वाले श्रमशक्ति के कारण लगातार संघर्षरत है। इस स्थिति में, कड़ी मेहनत करने वाले सेवा प्रदाता दैनिक आधार पर बाजार में अपनी अलग पेशकशों को सिद्ध करने के लिये लड़ रहे हैं। इन चुनौतियों से निपटने के लिये सर्विस रोबोट्स जैसी ऑटोमेटेड टेक्‍नोलॉजी से नियमित और खतरनाक शारीरिक कार्यों को ऑटोमेट किया जा सकता है और कर्मचारियों का जीवन बेहतर किया जा सकता है।

इस चुनौती में फ्लोर पर हो सकने वाली किसी भी असुविधा को दूर करने और फिर सैनिटाइजिंग लिक्विड से वाशबेसिन और वाश‍बेसिन काउंटर को साफ करने का काम दिया गया था। मुख्‍य तकनीकी चुनौतियाँ सही सेंसर्स का उपयोग करके वाशरूम और आस-पास का सही नक्‍शा बनाने, संचा‍लन, कचरा उठाने और पोछा लगाने जैसे काम करने के लिये एक रोबोटिक प्‍लेटफॉर्म और एक मेनिप्‍युलेटर को डिजाइन करने और वाशरूम में विभिन्‍न चीजों की जगह और दिशा की सही पहचान करने और अनुमान लगाने के लिये परसेप्‍शन एल्‍गोरिदम्‍स बनाने की थी। रोबोट्स को समय से पहले वाशरूम एरिया देखने का मौका मिला था, ताकि वे वातावरण को जान सकें और योजना तथा संचालन के उद्देश्‍य से उसका निरूपण कर सकें।

आर्टपार्क भारत और विकासशील दुनिया की समस्‍याओं पर केन्द्रित है और उन्‍हें खोजपरक समाधानों से सम्‍बोधित करने का प्रयास करता है। इस लक्ष्‍य की प्र‍ाप्ति के लिये वह भारतीय युवाओं के लिये सीखने के नये-नये अवसर निर्मित करता रहता है, जिनके माध्‍यम से वे अपनी कुशलताओं को बढ़ा सकते हैं, निर्मित कर सकते हैं और दुनिया को दिखा सकते हैं और वास्‍तविक संसार की समस्‍याओं को प्रौद्योगिकी में नवाचारों के माध्‍यम से दूर करते हुए भविष्‍य के लिये तैयार हो सकते हैं। आर्टपार्क रोबोटिक्‍स चैलेंज इसी दीर्घकालीन सपने का हिस्‍सा था।

आर्टपार्क के विषय में
एआई और रोबोटिक्स टेक्‍नोल़ॉजी पार्क (आर्टपार्क) अपनी तरह का अनोखा और गैर-लाभकारी फाउंडेशन है, जिसकी स्थापना बेंगलुरु में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (आईईएससी) ने की थी। सावर्जनिक-निजी साझेदारी के मॉडल को एआई फाउंड्री से सहयोग मिला है। इसका उद्देश्य एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और रोबोटिक्स के क्षेत्र में टेक्‍नोलॉजी के नवाचारों को बढ़ावा देना है। इसको अंतर्विषय साइबर-भौतिक प्रणालियों (एनएम-आईसीपीएस) के राष्ट्रीय मिशन के तहत भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) से 170 करोड़ रुपये (22 मिलियन डॉलर) की सीड फंडिंग मिली थी। इसका इकोसिस्टम कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह इंडस्ट्री, शैक्षिक जगत और सरकारी निकायों की साझीदारी और आपसी समन्वय से बनाया गया संघ बन गया है। इन आविष्कारों को इस तरह व्यवस्थित किया जाएगा, ताकि यह समरूपी गति वाले शोध एवं विकास द्वारा विभिन्न क्षेत्रों, जैसे स्वास्थ्य रक्षा, शिक्षा, यातायात, बुनियादी ढाँचा, कृषि, रिटेल और साइबर सुरक्षा में उत्‍पादों और समाधानों का निर्माण कर सामाजिक प्रभाव पैदा कर सके, जिससे स्‍टार्टअप्‍स लॉन्‍च होंगे। आर्टपार्क को कनार्टक सरकार की ओर से 60 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है। आर्टपार्क को यह अनुदान भारत में नई तकनीक, मानकों, उत्‍पादों, सेवाओं और भारत के बाहर बौद्धिक संपत्तियों की सुरक्षा के क्षेत्र में आधुनिकतम आविष्कारों के लिए दिया गया है।

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