केबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने वर्ष 2021-22 के बजट को संतुलित और दूरगाामी बताया 

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Cabinet Minister Moolchand Sharma

Today Express News | Ajay Verma | चंडीगढ़, 12 मार्च- हरियाणा के परिवहन, खान एवं भू-विज्ञान तथा कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री मूलचंद शर्मा ने वर्ष 2021-22 के बजट को संतुलित और दूरगाामी बताते हुए कहा कि इसमें समाज के हर वर्ग का ख्याल रखा गया है। साथ ही, बजट में शिक्षा, रोजगार, बुनियादी ढांचे व बिजली-पानी सहित हर क्षेत्र में सुधार की बात कही गई है। उन्होंने इस बजट को कई मायनों में अभूतपूर्व बताते हुए, इसके लिए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का आभार जताया है।

मूलचंद शर्मा ने कहा कि प्रदेशवासियों को पर्यावरण प्रदूषण के नकारात्मक प्रभावों से बचाने के मकसद से शून्य उत्सर्जन इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी। राज्य सरकार की योजना शुरू में प्रदेश में सकल लागत मॉडल पर 124 पूर्णत: इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की परिवहन प्रणाली के साथ देश की श्रष्ेठ प्रणालियों में से एक है। सरकार ने वर्ष 2021-22 में बीएस-6 उत्सर्जन मानदंडों को पूरा करने वाली 800 मानक गैर-एसी बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा, किलोमीटर स्कीम के तहत किराए पर ली गई 536 बसों का संचालन भी शुरू कर दिया गया है। इस तरह, जल्द ही हरियाणा रोडवेज के बेड़े में बसों की कुल संख्या 5,000 से अधिक हो जाएगी। साथ ही, प्रदेश में 54 वोल्वो मर्सिडीज सुपर लग्जरी एसी बसों 18 सुपर लग्जरी एसी मल्टी-एक्सल बसों का संचालन भी किया जा रहा है।

परिवहन मंत्री ने कहा कि आवेदकों को भारी मोटर वाहन चलाने हेतु अत्याधुनिक प्रशिक्षण सुविधा प्रदान करने के लिए, कैथल, बहादुरगढ़ और रोहतक में तीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान संचालित किए गए हंै। इसके अलावा, 6 जिलों-अम्बाला, करनाल, हिसार, रेवाड़ी, फरीदाबाद और गुरुग्राम में निरीक्षण और प्रमाणन केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रोहतक जिले के कन्हेली गांव में एक निरीक्षण और प्रमाणन केन्द्र कार्यरत है। यह केद्रं जींद, रोहतक, पानीपत, सोनीपत और झज्जर जिलों के परिवहन वाहनों की फिटनेस आवश्यकताओं की पूर्ति कर रहा है। फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, जींद, पलवल और यमुनानगर में नौ और ऐसे संस्थान स्थापित किए जा रहे हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम में एक क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैन्युअल टिकट प्रणाली को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से ‘ओपन लूप टिकटिंग सिस्टम और जीपीएस सिस्टम’ को स्वनिर्माण, संचालन एवं स्थानांतरण मॉडल पर लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। यह जून, 2021 के अंत तक पूरी तरह से लागू होने की संभावना है।

मूलचंद शर्मा ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय (एसवीएसयू) सरकार की विशिष्ट परियोजना के रूप में स्थापित किया गया है। इसमें 27 नए कार्यक्रम शुरू किए गए हैं और ‘नेशनल ओपन कॉलेज नेटवर्क’ (एनओसीएन) के माध्यम से ब्रिटेन के सरकारी अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग के साथ एक समझौता किया है। एसवीएसयू द्वारा विश्व स्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी पद्धति पर पलवल के दुधौला में बनने वाले अपने परिसर में एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया जाएगा। विश्वविद्यालय द्वारा  ‘विश्वकर्मा कौशल रथ’ के नाम से एक मोबाइल आईटी लैब भी डिजाइन और विकसित की जाएगी, जो विद्यार्थियों/जन-साधारण को कौशल प्रदान करने के लिए प्रदेश-भर में विभिन्न नामित स्थानों पर जाएगी। इसके अलावा, बच्चों को कौशल आधारित शिक्षा के लिए प्रोत्साहित और प्रेरित करने के लिए, विश्वविद्यालय द्वारा नौवीं कक्षा से आगे के विद्यार्थियों को दाखिला देने के लिए सीबीएसई से संबद्ध एक ‘फीडर स्कूल’ भी शुरू किया जाएगा।

वर्ष 2020-21 के दौरान राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आयोजित 470 प्लेसमेंट कार्यक्रमों के माध्यम से 8012 प्रशिक्षुओं को रोजगार दिया गया है। नई ‘दोहरी प्रशिक्षण प्रणाली’ के तहत 64 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों और 165 उद्योगों के बीच 244 व्यवसाय इकाइयों के लिए एमओयू किया गया है और 5148 सीटों पर प्रवेश की पेशकश की गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में राज्य की प्रति लाख जनसंख्या पर अधिकतम प्रशिक्षुओं को लगाने में हरियाणा देश में प्रथम स्थान पर रहा।

मूलचंद शर्मा ने बताया कि खनन रियायतें प्रदान करने के लिए ई-नीलामी प्रणाली क्रियान्वित की है। दिसंबर,2020 में कुल 119 लघु खनिज खानों में से 58 खानों को प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से आवंटित किया गया। साथ ही, राज्य के सभी जिलों में ई-रवाना प्रणाली शुरू की गई है। परिवहन मंत्री ने बताया कि वर्ष 2021-22 के बजट में परिवहन विभाग के लिए 2408 करोड़ रुपये और  कौशल विकास  एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के लिए 868 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

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