Today Express News | Ajay Verma | नई दिल्ली, 12 मार्च ओरावेल स्टेज प्राइवेट लिमिटेड (OYO) के खिलाफ जोस्टल ने 3 साल पुरानी कानूनी लड़ाई जीत ली है। मध्यस्थता ट्रिब्यूनल ने व्यवस्था दी कि प्रतिद्वंद्वी जोस्टल हॉस्पिटेलिटी के अधिग्रहण के बाद ओयो ने अपने बाध्यकारी समझौते का उल्लंघन किया। साथ ही ओयो को दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने और टर्म शीट में किए वादे के अनुसार शेयरहोल्डिंग जारी करने का निर्देश दिया। 26 नवंबर 2015 को दोनों पक्षों के बीच टर्म शीट पर सहमति बनी थी। इसमें जो रूम्स के शेयरहोल्डर्स को ओयो के 7% शेयर जारी करने का वादा किया था। यह आदेश 6 मार्च, 2021 को मध्यस्थता ट्रिब्यूनल में भारत के पूर्व चीफ जस्टिस एएम अहमदी ने सुनाया था।
माननीय ट्रिब्यूनल ने माना कि जोस्टल और ओयो के बीच टर्म शीट एक बाध्यकारी समझौता था। आदेश में कहा गया है कि ओयो ने आंतरिक मुद्दों की वजह से निर्धारित दस्तावेजों का पालन नहीं कर टर्म शीट का उल्लंघन किया। ट्रिब्यूनल ने माना कि लेन-देन किया गया था क्योंकि 2016 में जो रूम्स ने पूरे बिजनेस को ट्रांसफर कर दिया था। टर्म शीट के उल्लंघन के परिणामस्वरूप, जिसमें जो और उसके शेयरहोल्डर्स की कोई गलती नहीं थी, जो रूम्स के शेयरधारक शेयर हासिल करने के पात्र थे और उसने सभी पक्षों को निर्देश दिए कि वे निश्चित अनुबंधन का पालन करें।
जो रूम्स और ओयो ने 2015 में विलय के लिए बातचीत शुरू की थी और 26 नवंबर 2015 को एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। जो रूम्स ने समझौते के तहत अपना दायित्व पूरा किया और बिजनेस को ट्रांसफर कर दिया, लेकिन ओयो ने जो रूम्स के शेयरहोल्डर्स को 7% शेयरहोल्डिंग नहीं की और उसकी वजह से मामला मध्यस्थता ट्रिब्यूनल के पास गया, जिसका हाल ही में आदेश आया है। अक्टूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जस्टिस एएम अहमदी को एकमात्र मध्यस्थ नियुक्त किया गया था।
इस कानूनी लड़ाई में ओयो का प्रतिनिधित्व डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी, श्री सलमान खुर्शीद जैसे हाई-प्रोफ़ाइल वकीलों ने किया। जो रूम्स का प्रतिनिधित्व टीएमटी लॉ प्रैक्टिस ने किया, जिसने श्री अभिषेक मल्होत्रा, मैनेजिंग पार्टनर के जरिए समस्त कार्यवाही की जानकारी दी।
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ हाल ही में विनियामक फाइलिंग के अनुसार ओयो ने अपने सीरीज F1 राउंड के एक हिस्से के रूप में $58,490 के शेयर मूल्य पर 7.31 मिलियन डॉलर जुटाए हैं, जो ओयो को $ 9 बिलियन के मूल्यांकन के बराबर है। अगर मध्यस्थता ट्रिब्यूनल के आदेश को लागू किया जाता है तो जो रूम्स के शेयरहोल्डर्स को 7% शेयरहोल्डिंग का आबंटन होगा और यह भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम में सबसे बड़ा एक्जिट देगा। यह 2015 में 400 मिलियन डॉलर के स्नैपडील-फ्रीचार्ज सौदे को पीछे छोड़ देगा।