सर्दियों में ही क्यों बढ़ जाता है जोड़ों का दर्द? जानिए कारण और उपचार

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Why does joint pain increase in winter Know the reasons and treatment

Today Express News / Ajay verma / स्वास्थ्य डेस्क । सर्दियों का सीजन अपने साथ एक खुशनुमा माहौल लेकर आता है, जो हर किसी को पसंद होता है। इस सीजन में लोग घूमने फिरने और इंज्वाय करने को पहली प्राथमिकता देते हैं। लेकिन, इसी के साथ ये सीजन कई लोगों की मुसीबत भी बढ़ा देता है। इन दिनों में सबसे आम समस्या है जोड़ों का दर्द। अकसर लोग इस समस्या से परेशान रहते हैं। वैसे तो आम धारणा ये है कि, लोगों में ये समस्या तोर पर एक उम्र बाद यानी वृद्धावस्था में होती है, लेकिन आजकल कई नौजवान भी इस समस्या से ग्रस्त नजर आ रहे हैं।

बता दें कि, इस मौसम में धमनियों में बहने वाला ब्लड अच्छी तरह से संचरित नहीं हो पाता, जिसके चलते शरीर के निचले भागों में खून के बहाव में कमी आ जाती है। यही कारण है कि, सर्दियों में छोटी सी चोट भी काफी तेज पीड़ा का कारण बन जाती है। बैरोमीटर के दबाव से जोड़ों में सूजन हो सकती है। अकसर ये समस्या उन लोगों में ज्यादा उत्पन्न होती है, जो इस सीजन में अधिक मात्रा में तला भुना खाते हैं, साथ ही, व्यायाम नहीं करते और डिहाइड्रेशन से ग्रस्त रहते हैं।

फिजियोथेरेपिस्ट डॉ़ जितेंद्र सिंगला के मुताबिक, ठंड ज्यादा बढ़ने पर अकसर लोग जोड़ों में दर्द से ग्रस्त रहते हैं। मौसम से संबंधित जोड़ों का दर्द आमतौर पर रुमेटाइइड गठिया से पीड़ित लोगों को होता है। आमतौर पर ये समस्या कूल्हों, घुटनों, कोहनी और कंधों में होती है। ऐसे में जानते हैं कि, जोड़ों में दर्द क्यों होता है।
सर्दियों में जोड़ों के दर्द का कारण

सर्दियों के दिनों में हमारा शरीर दिल के पास ब्लड को गर्म रखने का प्रयास रखता है। इसी वजह से शरीर के अन्य भागों पर पर्याप्त ब्लड नहीं पहुंच पाता। पैरों में ज्यादा मसल्स होने के कारण यहां रक्त की आवश्क्ता अधिक होती है, लेकिन रक्त का प्रवाह कम होने से जोड़ों में दर्द रहने लगता है। सर्दियों में उन लोगों को जोड़ों में अधिक दर्द होता है जिन्हें पहले कभी चोट लगी हो, फ्रैक्चर या मोच की समस्या हुई हो या जिनकी हड्डियों का ऑपरेशन हुआ हो। इसके अलावा, जोड़ों पर अनुवांशिक कारणों से दर्द होने, कमजोरी के चलते दर्द होने, बासी खाना खाने, अपच, ठंडी सीलन भरी जगहों में रहने, तनाव ग्रस्त रहने से भी होता है।

ये हैं जोड़ों में दर्द के अन्य कारण

-नसों में खिंचाव
सर्दी के दिनों में ‘एटमॉसफेरिक प्रेशर’ यानी वायुमंडलीय दबाव कम होने से जोड़ों में सूजन बढ़ने लगती है। ये जोड़ टखने, घुटने, रीढ़, उंगलियों या शरीर के किसी भी हिस्से के हो सकते हैं। कई बार ये सूजन अंदरूनी होती है। सूजन आने से नसों में खिंचाव होने लगता है, जिसके चलते वो नाजुक हो जाती हैं। यहीं से दर्द की शुरुआत हो जाती है।

-जोड़ों का कसाव
गर्मी के दिनों में शरीर की मांसपेशियां फैलती हैं, वहीं ठंड के दिनों में ये सिकुड़ने लगती हैं। ऐसे में उन लोगों को ये समस्या ज्यादा होती है, जो एक स्थान पर बैठकर काम करते हैं। ऐसी स्थिति में लोगों की जीवनशैली सुस्त हो जाती है, जिसके कारण शरीर में मौजूद जोड़ों में गर्मी उत्पन्न नहीं हो पाती। ठंड के असर के चलते कोशिकाएं और मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं। जोड़ कठोर हो जाते हैं। उनके लचीलेपन में कमी आने से जोड़ों में दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

– कम ऑक्सीजन के चलते
जैसा कि हमने आपको पहले बताया कि, सर्दी के दिनों में मांसपेशिया सिकुड़ने लगती है। ऐसे में रक्त धमनियां भी संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्त का प्रवाह सामान्य नहीं रहता। शरीर के विभिन्न अंगों तक खून और ऑक्सीजन की पूर्ति कम हो जाती है। क्योंकि, रक्त में मौजूद हिमोग्लोबिन ऑक्सीजन को शरीर के एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाता है, जो ठंड की परिस्थितियों के कारण अनुकूल ढंग से संचालित नहीं हो पाता और इसी वजह से जोड़ों में दर्द उत्पन्न हो जाता है।
-खाने में उन चीजों को शामिल करना चाहिए, जो शरीर को गर्म रखें और वजन न बढ़ने दें। वजन बढ़ने से शरीर के सभी जोड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है, जो आगे चलकर इनके दर्द का कारण बनता है।
-मसालों में काली मिर्च, हल्दी, दाल चीनी शरीर को गर्म रखते हैं। अखरोट, पिस्ता, काजू, किशमिश, मूंगफली और बादाम मिला कर एक या दो मुट्ठी सूखे मेवे खाना भी फायदेमंद हो सकता है।
-मौसम्बी, संतरा, कीनू जैसे मौसमी फल और ब्रोकली, हरी सब्जियां या साग जैसे पालक, सरसों या राई का साग जरूर खाएं। इससे गठिया या जोड़ों के दर्द में आराम मिलता
है।
-जोड़ों के दर्द से परेशान रहने वालों को विटामिन के, विटामिन सी और विटामिन डी, ज्यादा मात्रा में लेने चाहिए। संतरा, पालक, पत्तागोभी और टमाटर खाने से भी राहत मिल सकती है।
-हर रोज गुड़ खाएं। ये शरीर में खून की कमी को दूर करता है, साथ ही हीमोग्लोबिन बढ़ाता है, जिसके चलते रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है।
-खजूर में विटामिन ए और बी के अलावा पोटैशियम, मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। इसका सेवन से मासपेशियां तो मजबूत होती ही हैं, साथ ही शरीर में रक्त की पूर्ति भी काफी तेजी से होती है।

फिजियोथेरेपी से दूर हो सकता है सर्वाइकल और पीठ दर्द’।

इसमें बिना दवा के लोगों को बीमारी से निजात देने के बारे में बताया गया। फिजियोथेरेपिस्ट डॉ़ जितेंद्र सिंगला ने बताया कि मौसम बदलने के साथ ही इस समय सर्वाइकल और पीठ, कमर दर्द शुरू हो जाता है। खून का दौड़ान बाधित होने से यह होता है। इसके लिए लोग खूब दवाएं लेते हैं, लेकिन जल्दी ठीक नहीं होता जबकि फिजियोथेरेपी से महज कुछ दिनों के इलाज से यह बिना दवाई ठीक हो जाता है। फिजियोथेरेपी सभी प्रकार के हड्डी व जोड़ों के दर्द में बहुत कारगर है।

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