फ़रीदाबाद – शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में मीडिया एंड एंटरटेनमेंट स्किल्स काउंसिल द्वारा वर्चुअल विद्यादान कार्निवाल का शुभारंभ किया। बतौर मुख्य अतिथि एमईएससी के अध्यक्ष सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता सुभाष घई ने वर्चुअल तरीके से शुभारंभ करते हुए विद्यादान के महत्व पर चर्चा की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की पहचान गुरु-शिष्य परंपरा रही है और आज भी जिंदा रखना जरूरी है। गुरु-शिष्य का संबंध ऐसा हो कि शिष्य बिना किसी संकोच के जिज्ञासा वश सवाल पूछ सके। मौजूदा वक्त में जरूरी है कि शिक्षण पद्धति के तमाम नई तकनीक और संसाधनों को अपनाया जाए। यदि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर बनना है कि अपने ज्ञान का स्तर बढ़ाना होगा। हुनर सीखना होगा। एक अधिक भाषाएं पढ़नी होगी। इस मौके पर सुभाष घई ने विद्यादान को बढ़ावा देने के लिए विशलिंग वुड्स इंटरनेशनल टीम द्वारा बनाए गए वीडियो के जरिये अन्य शिक्षकों और गुरुओं की हौसला अफजाई की।
जे.सी. बोस विश्वविद्यालय में मनाया गया शिक्षक दिवस
बतौर वक्ता मौजूद केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के सलाहकार व वरिष्ठ अर्थशास्त्री वीएलवीएसएस सुब्बा राव ने हाल ही में जारी नई शिक्षा नीति पर अपनी बातें रखी। उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण ने शैक्षिक व्यवस्था को बदल दिया है और अब शिक्षा के जरिये ही वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई जा सकती है। फिक्की के महासचिव दिलीप चिनॉय ने विद्यादान के एक वर्ष पूरा होने पर बधाई देते हुए नई शिक्षा नीति पर अपनी बातें रखी। शारदा यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर वाई के गुप्ता ने कहा कि छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए अब स्किल एजुकेशन बहुत जरूरी है। पुनर्युग आर्ट विजन के संस्थापक आशीष कुलकर्णी ने सृजनात्मक शिक्षण पर जोर दिया।
कनाडा के मशहूर कंटेंट क्रिएटर और यूट्यूबर ईलीन अल्दीज और मार्क व्हाइटवे बतौर अंतरराष्ट्रीय मेंटर के तौर पर पूरे सत्र में मौजूद रहे। स्मर्श गंगा के सहसंस्थापक व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् अरुषि निशंक ने नई शिक्षा नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति से देश शिक्षा के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत करने जा रहा है। इस मौके पर एमईएससी के सीईओ मोहित सोनी ने सभी का धन्यवाद करते हुए मीडिया और एंटरटेनमेंट के अन्य गुरुओं को विद्यादान मुहिम से जुड़ने की अपील की।
एमईएससी कार्निवाल में मीडिया एंड एंटरनेटनमेंट जगत पर होगा मंथन