गहलोत अशोभनीय भाषा के साथ क्यों बरसे सचिन पायलेट पर?

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Today Express News /Report Rahul Arora / कल ये खबर स्पष्ट रूप से दी गई थी कि मुख्यमंत्री

अशोक गहलोत ने राज्यपाल को मिल कर 102
विधायकों की सूची दी जिनका उन्हें समर्थन प्राप्त
है जबकि सचिन पायलट समेत 19 विधायकों को
स्पीकर ने दल बदल कानून में नोटिस दिया हुआ
था —

गहलोत के पास निर्दलीय और अन्य दलों के सभी
विधायकों को मिला कर 128 विधायकों का समर्थन
प्राप्त था –इनमे अगर 19 सचिन पायलट वाले
निकाल दिया जाये तो बाकि 7 कहां गए, उन्हें किसी
गिनती में क्यों नहीं लिया जा रहा -क्यूंकि गहलोत
खुद 102 के समर्थन का दावा कर रहे हैं –

सचिन पायलट ने अदालत में सही मुद्दा उठाया है कि
दलबदल कानून या व्हिप सदन के बाहर लागू नहीं
हो सकता –वो केवल सदन में लागू होता जिसके ना
मानने पर सदन के नेता के अनुरोध पर स्पीकर
कार्रवाई कर सकता है —

कल को किसी विधायक के घर में खाना खाते हुए
स्पीकर फ़ोन करके कह दे कि खाना बंद कर दो,
अन्यथा कार्रवाई करूँगा,तो ये क्या जायज होगा-
पार्टी ने 19 विधायकों को बुलाया, वो नहीं गए, तो
इसमें स्पीकर का क्या दखल बन सकता है और
वो दखल दे रहा है तो वो न्यायोचित नहीं होगा –

जब एक तरफ अदालत में अभिषेक मनु सिंघवी गला
फाड़ कर गहलोत और स्पीकर का पक्ष रख रहे थे,
तब उसी समय गहलोत का प्रेस कॉन्फ्रेंस में सचिन
पायलट के खिलाफ अशोभनीय भाषा का प्रयोग करना
किसी तरह भी सही नहीं कहा जा सकता —

कल जिस व्यक्ति को राज्य कांग्रेस का अध्यक्ष और
उपमुख्यमंत्री बना रखा था, उसे आज गहलोत
निकम्मा और नकारा कह रहे हैं —
फिर ऐसे निकम्मे और नकारा व्यक्ति से राहुल और
प्रियंका संपर्क करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं –

भाजपा पर कांग्रेस के विधायकों की खरीद फरोख्त
का आरोप तो लगा दिया और ऐसा करना तो आपका
अधिकार है मगर 102 विधायकों को होटल में लपेट
कर रखने में भी तो कांग्रेस को सौदेबाजी करनी पड़
रही होगी –

ऐसा नहीं है, तो एक बार सभी 102 विधायकों को
खुले में छोड़ने की हिम्मत कीजिये, अपने आप पता
चल जायेगा आपके साथ कितने खड़े हैं – आज की
तारीख में आप बेहतर कीमत दे रहे हो हर एक
विधायक की, तो वो आपके साथ है —

गहलोत ने फ़ोन टेप के आरोप तो लगा दिए मगर एक
बात भूल रहे हैं कि जो 102 अंदर मौज मस्ती कर
रहे हैं, उनमे भी कुछ अपने पास फ़ोन रिकॉर्ड किये
बैठे होंगे –वो बागी हो गए तो क्या होगा —

जिस तरह आज गहलोत प्रेस कॉन्फ्रेंस में भड़के हैं,
उससे लगता है, उन्हें हाई कोर्ट से कोई राहत मिलने
की कोई उम्मीद नहीं है जिसकी वजह से सरकार
पर संकट दिखाई दे रहा है उन्हें और इसलिए पत्थर
बरसा दिए पायलट पर —

खेमचन्द शर्मा
BJP मीडिया पेनलिस्ट

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