Today Express News/ Ajay Verma / कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान लोगों ने घरों पर रहकर नई-पुरानी फिल्में, विभिन्न ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वेब सीरीज और सीरियल्स देखी है। बीते तीन महीने में लॉकडाउन के दौरान टेलीविजन और ओटीटी मार्केट में बहुत बड़ा उछाल देखने को मिला है। ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में टीवी का प्रयोग कोविड-19 के पहले अवधि में 38 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं लोग अब सातों दिन टीवी देखने के कारण इसमें 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर 300 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। कोरोनावायरस के संक्रमण खत्म होने के बाद भी मनोरंजन की दुनिया गुलजार रहने वाली है।
एमेजॉन प्राइम वीडियो और नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफार्म के जरिये दुनिया भर में दिल्ली क्राइम, सेक्रेड गेम्स, पाताललोक और द फैमिली मैन जैसे कार्यक्रम देखे जा सकते हैं। भारत में तैयार कुछ कार्यक्रम इंटरनैशनल एमी अवार्ड के लिए भी नामांकित किए गए थे। कहानी को खूबसूरती से परोसने की इस क्षमता की ही तलाश दुनिया के बड़े प्लेटफॉर्म को है। अच्छी कहानियों को खूबसूरती से परोसने का काम करते है पर्दे के पीछे रहकर काम करने वाले सिनेमेटोग्राफर। अगर बात करियर की करें तो मनोरंजन के बढ़ती दुनिया और नए प्लेटफार्म के कारण अब सिनेमेटोग्राफरों की मांग बढ़ती जा रही है। 12वीं के बाद सभी एक ऐसा करियर विकल्प चुनना चाहते है, जिसमें वे एक अच्छा भविष्य बना सकें।
क्या होता सिनेमाटोग्राफी:
सिनेमाटोग्राफी फिल्म और टीवी से जुड़ा एक टेक्निकल काम है जो दृश्यों को जीवंत बना देता है। एक अच्छा सिनेमेटो ग्राफर कहानी के हिसाब से सीन और और डायरेक्टर के अनुसार कैमरा और लाइटिंग एडजेस्ट करने का काम करता है। विजुलाइजेशन के अलावा इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी ज्ञान और क्रिएटिविटी की भी भरपूर समझ होती है। सिनेमेटोग्राफी में मौशन कैमरे की जरूरत होती है जो बाकी कैमरो से अलग होते हैं। इसका बखूबी प्रयोग वही कर सकता है जो सिनेमेटोग्राफी में अच्छा प्रशिक्षण लिया हो। इन्हें डायरेक्टर ऑफ फोटोग्राफी भी कहा जाता है।
क्यों है इसमें करियर के अवसर
देश में बॉलीवुड फिल्मों के अलावा अन्य भारतीय भाषाओं जैसे तेलगू, कन्नड़, मलयालम, पंजाबी, तमिल, बंगाली, मराठी में फिल्में बनती है। फिल्मों के अलावा अब ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए वेबसीरीज, टीवी के सीरियल, कॉमेडी शो, क्विज प्रतियोगिता बनाए जा रहे है। 4एस इंटरनेशनल, हुकूम का इक्का समेत अन्य प्रोड्क्शन कंपनियां क्षेत्रीय भाषाओं में वीडियो गाने बना रही है। इन सबके लिए बेहतरीन सिनेमेटोग्राफर की जरूरत होती है। बीते दो वर्षों में मोबाइल के लिए वीडियो कंटेंट तेजी से बढ़ा है।
मोमैजिक द्वारा किये गए एक सर्वे की बात करें, तो तकरीबन 70 फ़ीसदी लोग मोबाइल पर वीडियो कंटेंट देखते हैं। अगस्त 2019 के सर्वे के मुताबिक, देश में 55% लोग टीवी शो, स्पोर्ट्स, फिल्में अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म कंज्यूम कर रहे थे। 41% लोग कंटेंट टीवी पर देखते है। लेकिन लॉकडाउन के बाद इसमें जबरदस्त इजाफा हुआ है। अच्छे कंटेंट को अच्छा दिखाने का काम सिनेमेटोग्राफर ही कर सकता है।
बाजार की स्थिति
इंटरनेट ने मोबाइल पर वीडियो कंटेंट देखने की फैसिलिटी को मजबूती दी है। मोमैजिक सर्वे के मुताबिक, 2023 तक 3.6 लाख करोड़ रुपए का केवल भारत में ही ओटीटी का मार्केट होगा। वर्तमान में एप्पल, डिज्नी, यू ट्यूब, प्ले स्टेशन, गूगल प्ले मूवी एंड टीवी, स्लिंग टीवी इत्यादि बड़े प्लेयर इस मैदान में उतर चुके हैं। नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, हॉटस्टार, जी5, एमएक्स प्लेयर काम कर रहे है। एडवरटाइजर के लिहाज से भी बड़ी कम्पनियां अपना रूख ओटीटी पर कर रही हैं। फिक्की की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2020 में भारत की फिल्म इंडस्ट्री की कमाई करीब 19,000 करोड़ होगी जबकि डिजिटल की कमाई 17 फीसदी ज्यादा होने का अनुमान है। डिजिटल मीडिया को 22 हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई का अनुमान है। ऐसे में आने वाले वक्त में करियर के बेहतर अवसर है।
12वीं के बाद है करियर के विकल्प
सिनेमेटोग्राफर में कई स्किल्स का होना जरूरी है। एक अच्छा सिनेमेटोग्राफर बनने के लिए आपको बेसिक पर ध्यान देना होगा, फिल्म सेट के बारे में सारी जानकारी लेनी होगी, अपने नेटवर्क बनाएं और मार्केट में आने वाली नई-नई तकनीकों को सीखें। किसी भी स्ट्रीम से 12वीं करने वाले छात्र सिनेमेटोग्राफी में करियर बना सकते हैं। सिनेमेटोग्राफर बनने के लिए आपको एक स्नातक की डिग्री प्राप्त करनी होगी। आप फिल्म से संबंधित क्षेत्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही आप सिनेमेटोग्राफी में सर्टिफिकेट या डिप्लोमा कोर्स भी कर सकते हैं। इसके लिए नई तकनीकियों का पता होना जरुरी है, इसलिए इस क्षेत्र में एक आप स्पेशलाइजेशन कोर्स भी कर सकते हैं।
मिलती है इतनी सैलरी
भारत में एक फ्रेशर सिनेमेटोग्राफर को लगभग तीन से पांच लाख रुपये प्रति वर्ष वेतन मिलता है। वहीं एक अनुभवी और अच्छे सिनेमेटोग्राफर को पांच लाख रुपये से आठ लाख रुपये प्रति वर्ष वेतन दिया जात है। समय के साथ-साथ वेतन बढ़ता जाता है। ओटीटी प्लेटफॉर्म आने की वजह से इंटरनेशनल लेवल पर काम करने का मौका मिल सकता है।
कहां-कहां मिल सकता है काम
मौजूदा वक्त में सिनेमेटोग्राफर के लिए काम की कोई कमी नहीं है। बॉलीवुड की फिल्मों से लेकर अन्य भाषाओं में बनने वाली फिल्मों में अवसर मिल सकता है। इसके अलावा एडवरटाइजिंग एजेंसी, डॉक्यूमेंट्री प्रोड्यूसर, फिल्म प्रोडक्शन कंपनी, वीडियो प्रोड्क्शन कंपनी, ओटीटी प्लेटफॉर्म के अलावा आप खुद का प्रोड्क्शन कंपनी भी शुरू कर सकते है। फिल्म उद्योग से लेकर टेलीविजन उद्योग तक में आपके लिए जॉब की कई ऑपर्चुनिटी मौजूद है। आजकल कई प्रोडक्शन हाउस खुल गये है जिनमें आपको आसानी से जॉब मिल सकता है। इसके अलावा आप चाहे तो फ्रिलांसर के तौर पर काम कर सकते है।