विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के फ्यूजन पर 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार जे.सी. बोस विश्वविद्यालय

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कुलपति प्रो. दिनेश कुमार पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए।

TODAY EXPRESS NEWS / AJAY VERMA / फरीदाबाद, 5 जनवरी – जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए फरीदाबाद ‘फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी’ पर 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (आईएसएफटी-2020) की मेजबानी के लिए तैयार है।यह सम्मेलन सोसायटी फार फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी (एसएफएसटी) के संयुक्त तत्वावधान तथा युनिवर्सिटी आफ साउथ फ्लोरिडा, युनिवर्सिटी आफ साउथ टेक्सेज, इंस्टीट्यूशन आफ मैकेनिकल इंजीनियर्स और अन्य प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों के सहयोग से 6 से 10 जनवरी, 2020 तक आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन में देश और विदेशों से लगभग 400 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है।

यह जानकारी आज यहां कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करते हुए दी। इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. एस.के. गर्ग, टीईक्यूआईपी निदेशक डाॅ. विक्रम सिंह, सभी डीन एवं विभागाध्यक्ष और विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि यह पहली बार है जब विश्वविद्यालय बड़े स्तर पर किसी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है जोकि तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम-3 (टीईक्यूआईपी) के अंतर्गत प्रयोजित है।
प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि आईएसएफटी-2020 के उद्घाटन सत्र में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व चेयरमैन डाॅ. वेद प्रकाश मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा, एआईसीटीई के वाइस चेयरमैन डाॅ. एम.पी. पुनिया, एनआईटी हमीरपुर के निदेशक डाॅ राकेश सहगल और डेकेन इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ कंवलजीत जावा सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर 8वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी सम्मान की बात है। यह सम्मेलन अकादमिक एवं शोध संस्थानों, औद्योगिक विशेषज्ञों, प्रबंधकों, इंजीनियरों इत्यादि के लिए मंच उपलब्ध करवायेगा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में मौजूदा चुनौतियों के लिए समाधान प्रदान करेगा। यह सम्मेलन शिक्षाविदों और उद्योग के बीच परस्पर सहभागिता को भी बढ़ावा देगा तथा हाल में विकसित नवीनतम प्रौद्योगिकीय अनुसंधानों को भी प्रदर्शित करेगा। उन्होंने कहा कि भविष्य की प्रौद्योगिकी का आधार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में फ्यूजन द्वारा नये अनुसंधान है। इसलिए, यह एक ऐसा विषय है, जिस पर व्यापक चर्चा और परस्पर संवाद की आवश्यकता है। सम्मेलन में अमेरिका, साउथ कोरिया, फ्रांस, थाईलैंड, इटली, जर्मनी सहित विभिन्न देशों से लगभग 50 प्रतिभागी आ रहे है।
सम्मेलन के दौरान कुल 17 सत्र आयोजित किये जायेंगे, जिसमें 11 तकनीकी सत्र, चार प्लेनरी (परिपूर्ण) सत्र तथा दो पोस्टर प्रस्तुति सत्र शामिल है। सभी तकनीकी सत्रों में लगभग 400 शोधकर्ताओें के 200 से ज्यादा शोध पत्र रखे जायेंगे, जिसमें भारत, अमेरिका, साउथ कोरिया, फ्रांस, थाईलैंड, इटली, जर्मनी, ईरान, नाइजीरिया, साउदी अरब तथा म्यांमार शामिल हैं।
सम्मेलन तकनीकी सत्रों के दौरान जिन विषयों पर चर्चा होंगे, उनमें ऊर्जा एवं ताप प्रणाली में उन्नति, कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के डिजाइन एवं विश्लेषण, सिविल एवं एनवायरमेंट इंजीनियरिंग, प्रोड्क्शन एवं इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्राॅनिक्स इंजीनियरिंग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अन्य क्षेत्र शामिल हैं।
प्लेनरी सत्र को विभिन्न देशों के 17 आमंत्रित वक्ता जोकि विभिन्न विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखते है, संबोधित करेंगे और सम्मेलन की विषयवस्तु को लेकर शोध कार्यों एवं शोध संभावनाओं के बारे में चर्चा करेंगे। इस सभी सत्रों की अध्यक्षता हरियाणा के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति कर रहे है, जिसमें विश्वकर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर रेवाड़ी के कुलपति डाॅ. एस.के. गखड़, गुरू जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति डाॅ. टंकेश्वर कुमार तथा गुरूग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. मारकण्डेय अहूजा शामिल हैं।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, पहले दिन शाम को तथा दूसरे दिन की सुबह सभी प्रतिभागियों का पंजीकरण किया जायेगा। दूसरे दिन उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी और प्लेनरी सत्र आयोजित किये जायेंगे, जोकि दो दिन तक चलेंगे। सम्मेलन के दौरान चैथे एवं पांचवें दिन प्रतिभागियों के लिए आगरा और दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण का कार्यक्रम भी रखा गया है। इसके अलावा, प्रतिभागी विश्वविद्यालय में विभिन्न सुविधाओं एवं प्रयोगशालाओं का जायजा भी लेंगे और विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित नये इनोवेशन एवं स्टार्ट-अप अवधारणाओं पर चर्चा करेंगे।
सम्मेलन के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित नई तकनीकी एवं उपकरणों की एक प्रदर्शनी भी लगायी जायेगी, जोकि सम्मेलन का मुख्य आकर्षण होगी।
प्रतिभागियों को सम्मेलन के संबंधित सभी प्रकार की जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा एक मोबाइल एप भी विकसित की गई है। इसके अलावा, सम्मेलन से संबंधित जानकारी वेबसाइट www.isft.org.in ूूू के साथ-साथ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर भी उपलब्ध करवाई गई है।
आईएसएफटी के संदर्भ मेंः 
फ्यूजन आफ साईंस एंड टैक्नाॅलोजी पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की शुरूआत 2011 में हुई थी और अब तक सात अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भारत सहित अन्य देशों में आयोजित हो चुके है। इस सम्मेलन के आयोजन में 12 देशों की सहभागिता रहती है। प्रतिवर्ष सम्मेलन में सैंकड़ों शोध पत्र एवं लेख रखे जाते है, जिस पर व्यापक चर्चा की जाती है।
सोसायटी फॉर फ्यूजन ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के संदर्भ मेंः
यह अकादमिक एवं अनुसंधान, उद्यम, इंजीनियरिंग जैसे पेशेवर से लोग का समूह है, जिनका उद्देश्य अंतःविषय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देना है। सोसाइटी शिक्षा और उद्योग के बीच परस्पर सहभागिता को बढ़ावा देने के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व के वैज्ञानिक प्रयासों में व्यवस्थित अध्ययन और अनुसंधान करती है।

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