TODAY EXPRESS NEWS : कोलकाता। पश्चिमी बंगाल के शिक्षण संस्थाअेंा को तंबाकू मुक्त बनाने व बच्चों को इससे दूर रखने में शिक्षक अहम् भूमिका निभाएंगे। तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (टीओएफईआई) की नई गाइडलाइन को लागू करने और तंबाकू निंयत्रण गतिविधियों में बच्चों को शामिल कराने की सकारात्मक पहल शिक्षक करेंगे। यह जानकारी डिस्ट्रिक इस्पेक्टर कार्यालय, संबंध हेल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) और नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, हावड़ा के सहयोग से आयोजित शिक्षकेां व प्रधानाध्याकेंा की दो दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला में मंगलवार को निकलकर सामने आई।
प्राईमरी स्कूल काउंसिल व समग्र शिक्षा अभियान के चैयरमेन कार्तिक चंद्र मन्ना ने कहा कि विभाग का शिक्षण संस्थाअेां को तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान बनाने का प्रयास सकारात्मक है। शिक्षण संस्थाअेां केा तंबाकू मुक्त बनाने का यह कदम् बेहद प्रभावशाली साबित होगा। इस प्रकार की कार्यशालाअेंा से शिक्षकेां को तंबाकू के दुष्प्रभाव व इससे होने वाली बीमारियेां के बारे में जानकारी भी मिलती है। जोकि बच्चों को तंबाकू के प्रयोग से बचाने में कारगर साबित हेागी। वंही शिक्षक इस नई गाईडलाइन के तहत बच्चों को किसी प्रकार तंबाकू से बचाया जाए इसकी जानकारी भी दी जायेगी।
तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थानों (टीओएफईआई) के लिए दिशा निर्देशों में बताया गया है कि शैक्षिक संस्थानों के भीतर तंबाकू का उपयोग वर्जित है, स्कूलों के 100 गज के भीतर इसकी नहीं हो सकती और प्रत्येक शैक्षणिक संस्थान कम से कम छह महीने में पोस्टर, पट्टिका आदि प्रदर्शित करने आदि जैसी गतिविधियों का आयोजन किया जाए।
शिक्षकेां ने ली शपथ
इस दौरान शिक्षकेंा व प्रधानाध्यापकेां को तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां को न लेने की शपथ दिलाई गई। शपथ के बाद सभी शिक्षकेंा व प्रधानाध्यापकेां ने हमेशा इस संकल्प को याद रखने व बच्चों को इससे बचाने का भी भरोसा दिलाया।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्वेश्य शिक्षकों को महामारी तम्बाकू के बारे में जागरूक करना और युवाओं के बीच तम्बाकू के सेवन को रोकने में उनका समर्थन प्राप्त करना था। शिक्षकों को तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (टीओएफईआई) के दिशा निर्देशों और छात्रों द्वारा तम्बाकू के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य को नुकसान तथा बच्चों को तंबाकू से बचाना कितना जरूरी पर विस्तार से चर्चा की गई ।
पश्चिम बंगाल के शिक्षा विभाग के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए नारायण सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, हावड़ा के प्रमख हैड एंड नेक सर्जरी-ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अपूर्व गर्ग ने कहा, बड़े मौखिक कैंसर सर्जरी से गुजरने वाले मरीजों को भारी दर्द , आर्थिक तबाही और परिवार के नुकसान सहना पड़ता है। ऐसे से लगभग 50 प्रतिशत मरीज एक वर्ष से अधिक जीवित नहीं रह पाते। तंबाकू का सेवन के लिए ऐसे लोग पश्चताप करते हैं। इसलिए, कैंसर और तंबाकू के सेवन से पैदा होने वाली कई अन्य घातक बीमारियों को कम करने के लिए तंबाकू सेवन की रोकथाम सबसे अच्छा तरीका है। ”इस अवसर पर प्रसिद्ध फिल्म निर्माता शिबो प्रसाद मुखर्जी ने शिक्षा विभाग से राज्य के स्कूलों को तंबाकू मुक्त करने की अपील की है। उन्होंने कहा “हम पश्चिम बंगाल के स्कूल शिक्षा विभाग से अपील करते हैं कि वह स्कूल स्तर पर तंबाकू विरोधी गतिविधियों की शुरुआत करने के साथ-साथ पश्चिम बंगाल में तम्बाकू मुक्त स्कूल बनाने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें जो छात्रों, कर्मचारियों, शिक्षकों और अभिभावकों को भी इससे दूर रहने के लिए प्रेरित करेगा। ”
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (जीएटीएस 2017) में बताया कि पश्चिम बंगाल में 2.3 करोड़ वयस्क या तो धूम्रपान करते हैं और बिना धुआं वाले तंबाकू का सेवन करते हैं। तंबाकू से संबंधित बीमारियों के कारण हर साल 1.5 लाख से अधिक लोगों की अ काल मृत्यु होती है। इससे भी ज्यादा चैंकाने वाली बात यह है कि पश्चिम बंगाल में हर दिन 438 बच्चे तंबाकू का सेवान शुरू करते हैं।
प्राईमरी शिक्षा के जिला इंस्पेक्टर सुशांतों कुमार पांडा, स्कूल शिक्षा (बेसिक) के उप निदेशक पूर्ण चद्र जाना सहित कोलकाता जिले भर के माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाचार्य और शिक्षक सहित 500 प्रतिभागियों ने हिस्स लिया।
( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )