वित्त मंत्री ने विधानसभा में पेश किया बजट.

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 रोजगार सृजन में उद्योग क्षेत्र के महत्त्व को देखते हुए हरियाणा के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने  सोमवार को अपने बजट 2017-18 में उद्योग और खनिज विभाग के लिए 399.88 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया जोकि संशोधित अनुमान 2016-17 के 366.99 करोड़ रुपये की तुलना में 8.96 प्रतिशत अधिक है। कैप्टन अभिमन्यु ने  हरियाणा विधानसभा में बजट अनुमान 2017-18 प्रस्तुत करते हुए कहा कि रोजगार के अवसर सृजित करने में उद्योग की महत्त्वपूर्ण भूमिका के  मद्देनजर सरकार ने नई उद्यम प्रोत्साहन नीति तैयार और क्रियान्वित की है, जिससे राज्य में उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल माहौल बना है। 
 वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के समय, हरियाणा ‘‘ईज़ ऑफ डुइंग बिजनैस’’ के मामले में भारत वर्ष में 14वें स्थान पर था। बहरहाल, नई उद्यम प्रोत्साहन नीति की घोषणा के एक वर्ष के भीतर अब देश के अग्रणी राज्यों में और उत्तर भारत में पहले स्थान पर है। वर्तमान राज्य सरकार के दो वर्ष से अधिक के कार्यकाल में 12,725 लघु और 266 मध्यम एवं बड़े उद्योग स्थापित हुए हैं। 16,780 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ इन उद्योगों नेे 1.70 लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया है। उद्यम या औद्योगिक मंजूरी प्रदान करने वाले सभी विभागों को संपर्क के एक बिंदु के साथ एक ही छत के नीचे लाने के उद्देश्य से हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन  केंद्र स्थापित किया गया है। इस केंद्र से निवेशकों एवं उद्यमियों को पारदर्शी रूप से सहज और परेशानी मुक्त सेवाएं उपलब्ध करवाया जाना अपेक्षित है। ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के महत्त्व को देखते हुए वित्त मंत्री ने वर्ष 2017-18 में गैर-परंपरागत ऊर्जा विभाग के लिए 112.50 करोड़ रुपये का आवंटन किया है जोकि गत वर्ष के 44.26 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान परिव्यय की तुलना में 154.18 प्रतिशत अधिक है। 

 राज्य सरकार सभी ग्रामीण और घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति प्रदान करने के लिए कृत-संकल्प है, जिसके लिए ‘‘म्हारा गांव, जगमग गांव’’ योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत, 165 गांवों में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। पंचकूला प्रदेश का ऐसा पहला जिला बन गया है, जहां सभी गांवों को भी 24 घंटे बिजली मिल रही है। 
लाइन हानियों को कम करने और ग्रामीण उपभोक्ताओं को अपने बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए प्रेरित करने हेतु सरचार्ज माफी योजना-2016 और स्वैच्छिक घोषणा योजना क्रियान्वित की गई है। इस योजना के बहुत ही सकारात्मक परिणाम रहे हैं और लगभग 1.08 लाख उपभोक्ताओं ने इस योजना में भाग लिया और लगभग 400 करोड़ रुपये के बिलों का निपटान हुआ है।  गत दो वर्षों के दौरान, सम्प्रेषण एवं वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए विभिन्न क्षमताओं के 73 सब-स्टेशन स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, 228 सब-स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई गई है और 1300 किलोमीटर लम्बी बिजली लाइनें बिछाई गई हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने कुछ श्रेणियों के भवनों के लिए सोलर रुफटॉप बिजली संयंत्र स्थापित करना अनिवार्य किया है, जो बिजली उत्पन्न करने के लिए उपलब्ध छतों का इस्तेमाल करने और उपभोक्ताओं के बिजली के बिलों को कम करने में मदद करेगा। अब तक, राज्य में 45 मेगावाट क्षमता की रूफटॉप सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हुई हैं। सरकार ने तीन चरणों में एक लाख सोलर आधारित होम सिस्टम प्रदान करने के लिए कुल 230 करोड़ रुपये की लागत से ‘‘मनोहर ज्योति’’ स्कीम शुरू की है।  हरियाणा सरकार द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आधारभूत संरचना के विकास पर दिए जा रहे विशेष बल के मद्देनजर वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने भवन एवं सडक़ क्षेत्र के लिए 3827.70 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार से करोड़ों रुपयों की अनेक सडक़ एवं रेल परियोजनाएं स्वीकृत करवाई हैं।  केन्द्र सरकार द्वारा अक्तूबर, 2014 से अब तक राज्य में कुल 505 किलोमीटर लम्बाई के चार नए राष्ट्रीय राजमार्गों के अतिरिक्त 469 किलोमीटर लम्बाई के मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्गों के सुधार की घोषणा गई है। इसके अलावा, 703 किलोमीटर लम्बी 11 राज्य सडक़ों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि सितंबर 2014 से अब तक, हरियाणा राज्य से गुजरने वाली 906 किलोमीटर लम्बी नौ अन्य सडक़ों को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया है। केंद्र सरकार ने दिल्ली-अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेसवे वाया जींद की स्वीकृति दी है, जो राज्य में विकास का एक नया कॉरिडोर खोलेगी।हरियाणा सरकार ने सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय से सेतु भारतम् योजना के तहत 346.69 करोड़ रुपये की राशि से विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों पर 8 आरओबी स्वीकृत करवाए हैं।  वित्त मंत्री ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में नई रेल लाइने बिछाने और रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने हेतु एक संयुक्त उद्यम कंपनी का गठन करके रेलवे नेटवर्क को सुधारने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा रेल मंत्रालय के साथ एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इसके लिए बजट में पर्याप्त धनराशि का प्रावधान किया जा रहा है। 
हरियाणा को पूरी तरह से डिजिटल मोड़ में लाने के मद्देनजर वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने बजट अनुमान 2017-18 में आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के लिए 125.56 करोड़ रुपये आबंटित किए है जोकि संशोधित अनुमान 2016-17 के 88.69 करोड़ रुपये की तुलना में 41.57 प्रतिशत अधिक है.सरकार और निजी क्षेत्र से संबंधित विभिन्न नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रदेशभर में आईसीटी आधारित अटल सेवा केन्द्र स्थापित किए जा रहे हैं। प्रदेश में 3600 से अधिक अटल सेवा केन्द्र और 134 ई-दिशा केंद्र पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं।कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि राज्य सरकार ने ई-गवर्नेंस में अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इनमें नई पेंशन योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) पुरस्कार, हरियाणा वित्तीय प्रबंधन प्रणाली(ई-ग्रास) के ई-स्टेम्पिंग एप्लीकेशन के साथ एकीकरण के लिए सीएसआई निहिलेंट अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस, 2016, ई-ग्रास का ई-स्टेम्पिंग के साथ एकीकरण के लिए स्कॉच ऑर्डर ऑफ मेरिट, 2016, स्कॉच द्वारा ई-टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) के लिए ऑर्डर ऑफ मेरिट, समग्र वेब उपस्थिति के लिए हरियाणा स्टेट फार डिजिटल इंडिया-सिल्वर मैडल, एमईआईटीवाई, भारत सरकार और गुरुग्राम जिला के राजस्व रिकार्ड का जीआईएस के साथ एकीकरण के जी-ट्रायंगुलेशन प्रोजेक्ट के लिए राष्ट्रीय ई-शासन पुरस्कार शामिल हैं।
राज्य नागरिक डाटाबेस (एसआरडीबी) के तहत, आधार कोष के लिए लगभग 1.58 करोड़ नागरिकों का रिकॉर्ड एकत्रित किया गया है। विकसित नागरिक डाटा  का इस्तेमाल भारत सरकार की परिकल्पना के अनुरूप लाभ प्रबंधन के लिए किया जा रहा है। आंकड़ों के आदान-प्रदान के लिए विभिन्न विभागों की 29 ई-सेवाओं को एसआरडीबी के साथ एकीकृत किया गया है। एसआरडीबी की मदद से केरोसीन सब्सिडी, सामाजिक पेंशन और छात्रवृत्तियां प्राप्त कर रहे अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाए गए हैं, जिससे राज्य के लिए काफी बचत हुई है। 

 बजट प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि आधुनिक भारत के महान दार्शनिक, राजनीतिज्ञ पंडित दीन दयाल उपाध्याय, जिन्होंने ‘‘एकात्मक मानव दर्शन’’एवं ‘‘अंत्योदय’’ के सिद्धांत प्रतिपादित किये, के सपने को साकार करने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए उनके जन्मशताब्दी वर्ष के दौरान श्रमिकों, मजदूरों, गरीबों और अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों से संबंधित लोगों, महिलाओं एवं वृद्धों के कल्याण एवं उत्थान के लिए नए कदम उठाए गए हैं। 
मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत, गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे अनुसूचित जाति के परिवारों को उनकी बेटियों के विवाह पर 41,000 रुपये की वित्तीय सहायता जबकि समाज के सभी वर्गों की विधवाओं को उनकी बेटियों के विवाह के अवसर पर 51,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है। ‘‘मुख्यमंत्री सामाजिक समरसता अंतरजातीय विवाह शगुन योजना’’ के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1.01 लाख रुपये किया गया है।   
डॉ. अम्बेडकर मेधावी छात्र योजना के तहत, अनुसूचित जाति और पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों को उनकी कक्षा के अनुसार 8,000 रुपये से लेकर 12,000 रुपये तक की वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।       हरियाणा दिवस, 1 नवम्बर, 2016 से वृद्धों और दिव्यांगों तथा विधवाओं की पेंशन बढ़ाकर 1600 रुपये प्रति माह की गई है। स्कूल नहीं जाने वाले दिव्यांगों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता 700 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति माह की गई है।
वर्ष 2017-18 में, महिला एवं बाल विकास के लिए 1247.24 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया गया है, जोकि संशोधित अनुमान 2016-17 में 1009.66 करोड़ रुपये की तुलना में 23.53 प्रतिशत अधिक है।
कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि राज्य में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए विभिन्न  समुदायों और सामाजिक संगठनों को एक ही मंच पर लाने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। वर्तमान सरकार के प्रयासों और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के फलस्वरूप लिंगानुपात (जन्म के समय) में काफी सुधार हुआ है जो 2011 में केवल 830 की तुलना में दिसंबर, 2016 तक 900 के स्तर तक पहुंच गया है।
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के कल्याण का जिक्र करते हुए कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि हरियाणा राज्य के लगभग 2.50 लाख कर्मचारियों को केन्द्र सरकार की तर्ज पर सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के लाभ 1 जनवरी, 2016 से देने वाले पहले कुछ राज्यों में से एक है। सरकार ने स्वीकृत सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार राज्य के पेंशनरों की पेंशन में संशोधन को स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिससे लगभग 2.25 लाख पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे। कर्मचारियों और पेंशनरों को बकाया राशि का भुगतान करने के लिए बजट 2016-17 में पहले ही पर्याप्त प्रावधान किया गया है।
हरियाणा ने अपने पुलिस कर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश की शुरूआत की है। स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर, सरकार ने होम गार्ड कर्मियों का मानदेय 300 रुपये प्रति दिन से बढ़ाकर 572 रुपये प्रति दिन किया है, जो पुलिस कांस्टेबल के न्यूनतम वेतन के बराबर है और इससे 5000 होम गार्ड लाभान्वित हुए हैं। 

 समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास और अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए 6859.55 करोड़ रुपये, बिजली क्षेत्र के लिए 12,685.71 करोड़ रुपये, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी के लिए 3382.84 करोड़ रुपये, शहरी विकास के लिए 4973.58 करोड़ रुपये और जिला योजना के लिए 400 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। परिवहन क्षेत्र के लिए 2549.81 करोड़ रुपये और  भवन एवं सडक़ क्षेत्र के लिए 3827.70 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है. कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि किसी भी प्रयास की सफलता समाज के वंचित वर्गों के लिए उपलब्ध करवाए गए लाभों से आंकी जाती है। मैंने वर्ष 2017-18 में एससीएसपी घटक के तहत अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए विशेष रूप से 7230 करोड़ रुपये का परिव्यय निर्धारित किया है जोकि विकासात्मक योजनाओं के 35885 करोड़ रुपये के परिव्यय का 20.15 प्रतिशत है। यह बजट हरियाणा को भारतीय संघ की एक जीवंत, गतिशील और उभरती इकाई के रूप में रूपांतरित करने के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के उस विजन पर आधारित है, जहां खेतों में फसलें लहलहा रही हों, उद्योग के पहिये निर्बाध रूप से गतिशील हों, कोई भी अपने-आपको वंचित महसूस न करे, लोगों में संतुष्टि का भाव हो, युवा गर्व की भावना से ओत-प्रोत हों और अनुसूचित जातियों, पिछड़े वर्गों, समाज के कमजोर वर्गों तथा महिलाओं को न केवल सुरक्षा और समान अवसर मिलें, बल्कि वे सशक्त भी महसूस करें। वित्त मंत्री ने कहा कि  ‘अंत्योदय’ और ‘सरकार कम से कम-सुशासन अधिकतम’ ऐसे मार्गदर्शक सिद्धान्त हैं, जो हरियाणा को रहने के लिये एक बेहतर स्थान बनाते हैं। उन्होंने नौ प्राथमिकता क्षेत्रों पर आधारित इस विजन को पूरा करने के उद्देेश्य से एक कार्य-योजना बनाई है। यह क्षेत्र हैं – कृषि, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, अवसंरचना, शिक्षा और आईटी शासन, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, युवा और संस्कृति का विकास।

           

बाइट:- कैप्टेन अभिमन्यु, वित्त मंत्री।

वीओ 6- ‘‘हर खेत को पानी’’ के विजऩ को साकार करने तथा रावी-ब्यास के पानी में से हरियाणा के यथोचित हिस्से का पानी लेने के लिए सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के निर्माण की प्रतिबद्घता के साथ वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने इस उद्देश्य के लिये 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया है.उन्होंने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 22 फरवरी, 2017 को दोहराया है कि न्यायालय द्वारा 30 नवम्बर, 2016 को पारित अंतरिम आदेश, आगामी आदेशों तक प्रभावी रहेंगे। ‘‘इस उद्देश्य के लिए, मैं वर्ष 2017-18 में विशेष तौर पर 100 करोड़ रुपये का परिव्यय आवंटित करने का प्रस्ताव करता हूँ । मैं इस गरिमामयी सदन को विश्वास दिलाता हूँ कि एसवाईएल नहर को बनवाने के लिये अगर 1000 करोड़ रुपये की भी जरूरत पड़ेगी तो हम इसकी व्यवस्था करेंगे।  कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि राष्ट्रपति संदर्भ की सुनवाई, जो गत 12 वर्षों से अधिक समय से लंबित थी, पर भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 10 नवम्बर, 2016 को हरियाणा के पक्ष में निर्णय दिया है। माननीय न्यायालय ने कहा है कि पंजाब वर्ष 2002/2004 के फैसले तथा निर्णय को रद्द और 31 दिसम्बर, 1981 के समझौते को समाप्त नहीं कर सकता। पंजाब में एसवाईएल नहर के शेष भाग को शीघ्र पूरा करवाने और प्रदेश के लोगों को चिरलम्बित न्याय दिलवाना सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा ने 28 नवम्बर, 2016 को माननीय राष्ट्रपति महोदय को, उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के लिए एक ज्ञापन सौंपा।     ‘‘हर खेत को पानी’’ के विजऩ को साकार करने तथा टेल तक पानी पहुंचाने के लिये प्रतिबद्घ वित्त मंत्री ने वर्ष 2017-18 के लिए सिंचाई और जल संसाधनों के लिए परिव्यय को संशोधित अनुमान 2016-17 के 2397.68 करोड़ रुपये से 13.62 प्रतिशत बढ़ाकर 2724.26 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है। प्रदेश में पानी की हर बूंद का इष्टतम उपयोग और संरक्षण करने के एक स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ सिंचाई के क्षेत्र में विभिन्न कदम उठाए गये हैं।

            ‘‘हर खेत को पानी’’ के विजऩ को साकार करने की दिशा में, जेएलएन उठान सिंचाई प्रणाली के विभिन्न पम्प घरों और नहरों की क्षमता को सुधारने के लिए 143 करोड़ रुपये की एक परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसका कार्य वर्ष 2017-18 के अंत तक पूरा होने की संभावना है। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा दिसंबर, 2016 में पेहोवा में 13 जिलों के लिए स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई प्रदर्शन की 25 करोड़ रुपये की एक पायलट परियोजना का उद्घाटन किया गया।  

अपना तीसरा बजट पेश करते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा के मामले में किसान व मजदूर देश की रीढ़ हैं।  इसलिए, उन्हें एक ऐसा अनुकूल वातावरण उपलब्ध करवाना जरूरी है, जहां उन्हें आय सुरक्षा मिलेे। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे किसानों की कड़ी मेहनत और सरकार द्वारा उठाए गए ठोस प्रयासों के फलस्वरूप, खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2014-15 में 152.36 लाख मीट्रिक टन से बढक़र 2015-16 में 163.33 लाख मीट्रिक टन हो गया, जोकि 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्ष 2016-17 के लिए 174.50 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। 

 प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने और उनके समग्र विकास के लिए निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार सात कार्य बिंदुओं पर केंद्र सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रही है। ये कार्य बिंदु हैं – प्रभावी सिंचाई पद्धतियां, गुणवत्ता आदानों – बीजों और उर्वरकों का प्रावधान, कटाई उपरांत नुकसान की रोकथाम, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को प्रोत्साहन देना, ई-बाजार की स्थापना, फसल बीमा और पशुपालन, डेरी और मत्स्य पालन इत्यादि जैसी संबद्ध गतिविधियों को बढ़ावा देना। 
         

( REPORT BY AJAY VERMA & RAJA PATEL FARIDABAD ) 

 

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