इंडोनेशिया के जकार्ता में एशियन पैरा गेम में दिव्यांशी सतीजा ने तैराकी में सिल्वर और ब्रॉन्ज मैडल जीता।

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TODAY EXPRESS NEWS : फरीदाबाद के आयशर स्कूल में ढोल नगाड़ो के साथ दिव्यांग खिलाड़ी दिव्यांशी सतीजा का जोरदार स्वागत किया गया. दरअसल हाल ही में इंडोनेशिया के जकार्ता में सम्पन हुई एशियन पैरा गेम में 15 साल की दिव्यांग छात्रा दिव्यांशी सतीजा ने तैराकी में सिल्वर और ब्रॉन्ज मैडल जीतकर सबसे कम उम्र की पहली भारतीय खिलाड़ी होने का गौरव हासिल किया है. इस छात्रा ने सौ मीटर बटर फ्लाई में सिल्वर और सौ मीटर फ्री स्टाइल तैराकी प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मैडल हासिल किया है. इस ख़ास मौके पर समाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने उसके स्कूल समारोह में पहुंचकर उसे सम्मानित किया। पत्रकारों से बातचीत करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री कृषणपाल गुर्जर ने कहा की इस स्कूल की बच्ची दिव्यांशी सतीजा ने एशियन पैरा गेम्स में दो मैडल जीतकर हरियाणा और देश के गौरव को बढ़ाया है इस बच्ची को सम्मानित करके उन्हें ख़ुशी और गर्व महसूस हो रहा है. उन्होंने कहा की हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार की खेल नीति का ही यह नतीजा है जहाँ हरियाणा के खिलाड़ियों का दबदबा खेलो में बढ़ा है इसलिए मैं हरियाणा को खेलो की खान कहु तो कोई अतिशोक्ति नहीं होगी। आज हरियाणा के खिलाड़ियों को मैडल हासिल करने पर नौकरी और भारी भरकम रकम दी जा रही है. वहीँ उन्होंने कहा की हमारे विभाग में पैरा ओलम्पिक खिलाड़ियों के लिए बहुत सी छात्रवृतियां और सुविधाएं मौजूद है. हमारे विभाग ने दिव्यांगों के लिए बहुत योजनाए बना रखी है. जिन पर मोदी सरकार तेज़ी से काम कर रही है.

वहीँ इंडोनेशिया के जकार्ता में सम्पन हुए एशियन पैरा गेम्स तैराकी में दो मैडल जीतकर देश की पहली कम उम्र की खिलाड़ी बनने का गौरव हासिल करने वाली 15 वर्षीय दिव्यांग तैराक दिव्यांशी सतीजा ने बताया की उसने सौ मीटर बटर फ्लाई में सिल्वर और सौ मीटर फ्री स्टाइल तैराकी प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मैडल हासिल किया है. जिसकी उसे बेहद ख़ुशी है और अब वह इससे भी बड़े रिकॉर्ड बनाना चाहती है. इस खिलाड़ी ने बताया की उसकी बड़ी बहन भी नेशनल रेकॉर्ड होल्डर है और जब वह मात्र दो साल की थी तो बहन की सफलता पर चियर करते हुए वह पानी में गिर गयी थी लेकिन फिर वह अपने आप ही हाथ पाँव मारकर ऊपर आ गयी।  तब से वह तैराकी की प्रेक्टिस करने लगी. जिसका नतीजा आज देखने को मिला। इस सफलता का श्रेय उसने अपने माता पिता – बड़ी बहन , टीचर्स और प्रिंसिपल को दिया जिन्होंने उसे हमेशा उत्साहित किया।
वहीँ इस दिव्यांग खिलाड़ी की नेशनल रिकॉर्डधारी बड़ी बहन दिव्या ने कहा की वह अपनी लाइफ में नेशनल रिपोर्द से आगे नहीं बढ़ पायी लेकिन उसकी  छोटी बहन ने यह कर दिखाया और उसे विश्वास है की उसकी बहन अब और भी बड़े कीर्तिमान स्थापित करेगी।

( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )


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