फरीदाबाद में दो संस्थाओ की नाक की लड़ाई बना दशहरे का त्योहार ( पढ़िए पूरी खबर )

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TODAY EXPRESS NEWS : फरीदाबाद में दशहरा पर्व मनाने को लेकर दो संस्थाओ में नाक की लड़ाई पिछले तीन साल से लगातार बनी हुई है आलम यह है की फरीदाबाद धार्मिक समाजिक संगठन और सिद्धपीठ हनुमान मंदिर संस्था एक बार फिर अपने अपने बैनर तले दशहरा मनाने का दावा कर रहे है. हालांकि अभी तक प्रशासन द्वारा किसी भी संस्था को दशहरा मनाने के लिए हरी झंडी नहीं दिखायी गयी है. इसके बावजूद शहर में स्तिथि तनावपूर्ण बनी हुई है. एक तरफ जहाँ  सिद्धपीठ हनुमान मंदिर संस्था पिछले 60 साल से दशहरा मनाय जाने का दावा कर रही है और उसके द्वारा बार बार यह आरोप लगाय जा रहे है की पिछले तीन साल से केंद्रीय राजयमंत्री कृष्णपाल गुर्जर और विधायिका सीमा त्रिखा के इशारे पर प्रशासन उन्हें दशहरा मनाने की इजाजत नहीं दे रहा जबकि हाल ही में शहर की सौ से जायदा संस्थाओ ने सिद्धपीठ हनुमान मंदिर को ही दशहरा मनाने के लिए उन्हें समर्थन दिया है इसके बावजूद प्रशासन मंत्री के इशारे पर उनका हक़ छीन रहे है और दशहरे के त्यौहार को बदरंग बनाने पर तुले हुए है. इस संस्था द्वारा चेतावनी दी गयी है की अगर उन्हें दशहरा मनाने की इजाजत नहीं दी गयी तो पूरे शहर में काले झंडे लगाय जाएंगे और मंत्री और विधायक के पुतले फूंके जाएंगे।  इस सारे मामले पर अपनी बात रखते हुए फरीदाबाद धार्मिक एवं समाजिक संगठन के प्रधान जोगिंदर चावला और चेयरपर्सन राधा नरूला ने संस्था के कार्यकर्ताओ समेत एक प्रेसवार्ता का आयोजन करते हुए साफ़ किया है की फरीदाबाद प्रशासन ही तय करेगा की इस बार दशहरे का त्यौहार उनकी संस्था मनाएगी या फिर कोई दूसरी संस्था। उन्होंने साफ़ किया की उनकी संस्था ने दशहरे की तमाम तैयारियां पूरी कर रखी है. वहीँ इस संस्था ने दावा किया की उनकी ही संस्था पिछले तीस साल से दशहरा मना रही है इसलिए वही दशहरा मनाने के हकदार है. उन्होंने बताया की इस बार उनकी संस्था ने 80 फुट का रावण और करीब 70 फुट के मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले तैयार कर रखे है. इसके अलावा 40 फ़ीट लम्बी लंका भी उनकी संस्था द्वारा तैयार की गयी है.  फरीदाबाद धार्मिक एवं समाजिक संगठन के प्रधान जोगिंदर चावला ने बताया की हाल ही में प्रशासन ने दोनों संस्थाओ की मीटिंग बुलाई थी जिसमे प्रशासन ने दोनों संस्थाओ की दलीलों को सुना था और अब फैसला प्रशासन को करना है. उन्होंने मौजूदा सिद्धपीठ हनुमान मंदिर संस्था पर अपने आप को प्रधान कहने वाले राजेश भाटिया पर आरोप लगाते हुए कहा की वह अपने आप को डॉन समझता है और वह एक सट्टा किंग है जो मंदिर के प्रांगण में सट्टे का कारोबार करता है. उन्होंने कहा की तथा कथित राजेश भाटिया के प्रधानगी के पद को लेकर हाईकोर्ट की डबल बैंच में मामला पेंडिंग है जिसकी अगली तारीख तीस अक्टूबर है. उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा की सिद्धपीठ हनुमान मंदिर का अपने आप को प्रधान बताने वाले राजेश भाटिया का मकसद त्यौहार मनाना नहीं बल्कि दशहरे के नाम पर लाखो की कलेक्शन करना मुख्य मकसद है.

( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )


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