” सिद्ध पीठ महाकाली मंदिर” के गल्ले पर लगी प्रशासन की सील – दर्जनों संस्थाओ ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन

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TODAY EXPRESS NEWS : देशभर में 10 अक्टूबर 2018 से माँ भगवती के नवरात्रो का भव्य आयोजन बड़ी ही धूमधाम से किया जाएगा। जिसके लिए मात्र कुछ ही दिन शेष रह गए है. लेकिन इस बार एनआईटी फरीदाबाद के बस अड्डे के पास स्थित सिद्ध पीठ महाकाली मंदिर में इस बार नवरात्रो के त्यौहार को लेकर कानूनी अड़चन आड़े आ रही है. जिसको लेकर दो दर्जन से अधिक समाजिक संस्थाओ के पदाधिकारियों ने मंदिर के प्रांगण में एक मीटिंग की और सभी ने यह फैसला लिया की प्रशासन द्वारा मंदिर के गल्ले पर लगाई गयी सील को हटवाने के लिए वह एसडीएम को ज्ञापन सोपेंगे और नवरात्रो के त्यौहार को देखते हुए उनसे मांग करेंगे की यदि मंदिर को लेकर कोई भी कानूनी अड़चन बीच में आ रही है वह सब इसमें सहयोग करने के लिए तैयार है लेकिन प्रशासन नवरात्रो के तयोहार को इस बार भी वैसे ही मनाने दे जैसे हर साल मनाते आये है. क्योंकि लोग बड़ी ही श्रद्धा के साथ सिद्ध पीठ महाकाली मंदिर में नवरात्रो के दौरान माँ काली के दर्शन करने आते है जिसके चलते मंदिर में व्यवस्था बनाने के लिए खर्चे की ज़रूरत पड़ती है. यदि प्रशासन अपनी देख-रेख में गल्ले को खोलने की इजाजत दे देता है तो इस बार भी श्रद्धालु नवरात्रो का त्यौहार धूमधाम से मना सकेंगे।

गौरतलब है की सिद्ध पीठ महाकाली मंदिर पिछले 40 सालो से आस्था का केंद्र बना हुआ है और हजारो श्रद्धालु पूस्जए अर्चना करने के लिए हर साल नवरात्रो के त्यौहार पर आते है लेकिन पिछले लम्बे समय से —— कुछ लोगो ने मंदिर के प्रधान पर गंभीर आरोप लगाते हुए प्रशासन से शिकायत की है की मौजूदा प्रधान अपने पद का दुरूपयोग कर रहा है और मंदिर के गल्ले के रुपयों का गलत इस्तेमाल कर रहा है. जिसके बाद प्रशासन द्वारा मंदिर के गल्ले को सील कर दिया गया और तीन महीने के भीतर चुनाव करवाने के आदेश दे दिए. लेकिन तीन महीने से जायदा समय बीत जाने के बावजूद प्रशासन द्वारा चुनाव मंदिर के चुनाव नहीं करवाय गए. मंदिर का कोष सील होने के कारण कावड़ शिविर , श्रीकृष्ण जन्म आष्ट्मी , बिजली के बिल , पंडितो का वेतन आदि खर्चो में व्यवधान आ रहा है. वहीँ अब हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्यौहार नवतारते सर पर है और ऐसे में समाजिक संस्थाओ को यह चिंता सताने लगी है की यदि ऐसा चलता रहा तो इस बार वह सिद्ध पीठ महाकाली मंदिर में नवरात्रो का त्यौहार नहीं मना पाएंगे क्योंकि मंदिर के कोष पर प्रशासन द्वारा सील लगाई हुई है. विभिन्न समाजिक एवं धार्मिक संस्थाओ से आये पदाधिकारियों ने बताया की आज वह सब इकठ्ठा होकर एसडीएम को ज्ञापन सोपेंगे की जिस तरह से हर बार नवरात्रो का त्यौहार सिद्ध पीठ महाकाली मंदिर मनाता आया है इस बार भी प्रशासन मंदिर को इजाजत दे की वह त्यौहार को  धूमधाम से मनाये। उन्होंने बताया की हिन्दुओ के लिए नवरात्रो की पूजा अर्चना की बड़ी ही मान्यताये है जिसके चलते श्रद्धालु दूर दूर से सिद्ध पीठ महाकाली मंदिर में माँ के दर्शन करने के लिए आते है. इन्ही भावनाओ का ध्यान प्रशासन रखे. वहीँ प्रशासन चाहे तो वह सभी काम अपनी देखरेख में करवाए जिसके चलते उन्हें कोई दिक्कत नहीं है वहीँ वह भी प्रशासन का पूरा – पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने उम्मीद जतलाई की प्रशासन द्वारा उन्हें मंजूरी जरूर दी जायेगी।
भुवनेश्वर शर्मा – अध्यक्ष – प्रदेश अध्यक्ष – अखिल भारत हिन्दू महासभा    ( विवाद और आरोप गलत है इस मंदिर की आस्था को देखते हुए प्रशासन मंदिर के कोष को अपनी देखरेख में खुलवाए और नवरात्रो का त्यौहार मनाने की इजाजत दे )
संतोष यादव – सदस्य – भाजपा राष्ट्रीय आईटी सैल ( भाजपा सरकार में जायज बातें जरूर मानी जायेगी और इस बार मंदिर नवरात्रे का त्यौहार धूमधाम से ही मनाएगा )
संजीव कुशवाहा – राष्ट्रीय अध्यक्ष – मानव सेवा दल   ( सिद्ध पीठ महाकाली मंदिर की मान्यता बहुत है अगर परमिशन नहीं दी गयी तो बहुत सारी आपदाये आएँगी )
राजकुमार – अध्यक्ष – पूर्वांचल एकता परिषद् ( पूर्वांचल के लोगो की काली माँ के मंदिर में बहुत बड़ी आस्था है और प्रशासन इसमें कोई भी व्यवधान न करे और इसकी व्यवस्था फिर से सुचारु करे वहीँ वह भी प्रशासन का सहयोग करेंगे।

( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )


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