FARIDABAD : 2 माह से 80 साल तक किसी भी उम्र में हो सकता है ब्रेन ट्यूमर: डॉ.मुकेश पांडे

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TODAY EXPRESS NEWS FARIDABAD ( रिपोर्ट अजय वर्मा )  7 जून 2017। बे्रन ट्यूमर कैंसर का एक प्रकार है। जो मस्तिष्क के अंदर होता है। इसके होने का कोई खास कारण नहीं है, जोकि जीवनशैली से जुड़ा हो। ब्रेन ट्यूमर का नाम सुनते ही मरीज और उसके परिजनों को एक सदमा सा लग जाता है। शरीर के किसी भी भाग के ट्यूमर की तरह जब मस्तिष्क की कोशिकाओं का विकास अनियंत्रित होता है तो वह ट्यूमर का आकार ले लेता है। ब्रेन ट्यूमर 2 माह के बच्चे से लेकर 80 साल तक किसी भी उम्र में हो सकता है।

एशियन अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. मुकेश पांडे का कहना है कि उन्होंने अपने 10 वर्षों के करियर में न केवल देशी बल्कि विदेशी मरीजों जिनमें 4 माह से 80 साल तक के ब्रेन ट्यूमर के मरीजों की सफल सर्जरी की है। डॉ. ने बताया कि कि उनके पास ओपीडी में आने वाले ब्रेन से संबंधित 70 प्रतिशत मरीज सिरदर्द की समस्या लेकर आते हैं। इनमें ज्यादातर मरीजों को ट्यूमर की शिकायत नहीं होती है। डॉ. पांडे ने बताया कि महीने में करीब 15-20  सर्जरी की जाती हैं इनमें से २०-३० प्रतिशत मरीज कैंसर जैसे ट्यूमूर के होते हैं। 70 प्रतिशत मरीज बिना कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर से संबंधित होते हैं।

बचपन और बुढ़ापे में होने वाले ब्र्रेन ट्यूमर कैंसर किस्म के होते हैं और 20 वर्ष से 40 वर्ष की आयु वाले ब्रेन ट्यूमर अमूमन बिना कैंसर वाले ट्यूमर होते हैं। उनका कहना है कि ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी की सफलता इस पर निर्भर करती है कि ब्रेन ट्यूमर का किस स्टेज पर पहचाना है। शुरूआती स्टेज में इसका सफल उपचार संभव होता है।

डॉ. मुकेश पांडे का कहना है कि सभी ब्रेन ट्यूमर कैंसर नहीं होते और अधिकतर ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के बाहर नहीं फैलते। ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उसके आकार और उसके स्थान पर निर्भर करता है। इसका समय रहते इलाज हो जाए तो लाभदायक होता है। ब्रेन ट्यूमर की कोई खास निशानी नहीं होती है।

बहुत तेज सिर दर्द होना खास तौर पर दर्द के साथ नींद खुलना

झुकते  समय सिर में दर्द होना

दौरे की शिकायत, सिर में दर्द के साथ उल्टी होना

शरीर के किसी भाग में कमजोरी आ जाना

आंख की रोशनी कम हो जाना या धुंधला दिखाई देना

सुनने की शक्ति कम होना

 चेहरे में तिरछापन आना

बेहोशी आ जाना

ये कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जिनसे ब्रेन ट्यूमर का शक होता है, लेकिन ये लक्षण अन्य तकलीफों में भी हो सकते हैं। इसलिए इन लक्षणों के चलते न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरो सर्जन से जांच करानी चाहिए। ताकि समय रहते सीटी स्कैन और एमआरआई के माध्यम से इलाज शुरू किया जा सके। ब्रेन ट्यूमर का इलाज अधिकतर ऑपरेशन के द्वारा किया जाता है। इनमें से बहुत से ट्यूमर दूरबीन और नाक के रास्ते से भी निकाले जा सकते हैं।  ऑपरेशन के बाद ट्यूमर की जांच की जाती है और उसे एक से चार तक ग्रेडिंग में बांटा जाता है। जांच से ब्रेन ट्यूमर के आगे का इलाज रेडियो थेरेपी और कीमोथेरेपी से किया जाता है। समय रहते इलाज मिलने से बहुत से मरीजों को स्वस्थ और खुशहाल जीवन दिया जा सकता है।

 

 

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