निगमायुक्त महोदय मैं आपसे तीन प्रश्र और पूछ रहा हूं। आशा है आप जरुर इनके उत्तर देंगे – वरिष्ठ पत्रकार सुभाष शर्मा

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वरिष्ठ पत्रकार सुभाष शर्मा

TODAY EXPRESS NEWS ( वरिष्ठ पत्रकार सुभाष शर्मा )

प्रश्र नं. 1 : नगर निगम की जांच कमेटी में शामिल शिखा सिंगला जिस पर अवैध तौर पर दर्जनों कम्पलीशन करवाने के आरोप लगे थे और वो निगम की नियमित कर्मचारी भी नहीं है। ऐसे में उसे जांच कमेटी का हिस्सा बनाना क्या कानूनी तौर पर जायज है और ऐसा करना आपके अधिकार क्षेत्र में आता है स्पष्ट करें।

प्रश्र नं. 2 : नगर निगम के विज्ञापन विभाग में बड़ा घोटाला चल रहा है। सूत्रों के अनुसार निगम ने लाल एंड कंपनी को मात्र 49 यूनिक  पोल और 34 गैंट्री का ठेका करीब 26 लाख प्रतिमाह पर दिया हुआ था, जबकि फरीदाबाद, ओल्ड जोन, बल्लभगढ़ व ग्रेटर फरीदाबाद में हजारों होर्डिंग बोर्ड अवैध तौर पर लगे हुए है। अब तो लाल एंड कंपनी का ठेका भी रद्द हो चुका है। ऐसे में पूरा फरीदाबाद जो अवैध यूनिक पोल, गैंट्री व होर्डिंग बोर्ड से पटा हुआ है। इनकी एवज में अब कौन सा अधिकार पैसे वसूल रहा है। अगर कोई नहीं वसूल रहा तो पूरे शहर में लगे विज्ञापन बोर्डाे को हटाया क्यों नहीं जा रहा स्पष्टीकरण दें।

प्रश्र नं. 3 : निगम के प्लानिंग विभाग में जो अधिकारी आजकल तैनात है क्या उनकी शैक्षणिक योगयता इस काबिल है कि उनको टाऊन प्लानिंग का कार्य सौंपा जा सकता है। इस विभाग में कार्यरत महीपाल रावत, भूपेंद्र ढिल्लो व कुछ अन्य अधिकारी किसके इशारे पर पिक एंड चूज नीति के तहत फरीदाबाद के नागरिकों के प्रतिष्ठानों की जांच करवाने की आड में एक बड़ा खेल कर रहे है और कुछ लाईजनर इसकी सैटलमेंट भी करवा रहे है। क्या इसकी जांच आप करवाने का प्रयास करेंगे।

प्रश्रकर्ता सुभाष शर्मा हरियाणा सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार है और अभी पीटीआई (भाषा) के फरीदाबाद प्रभारी है। वर्ष 1999 से ही बड़े घोटाले खोलते रहे है। अरावली के पहाड़ों में होने वाले अवैध खनन का पर्दाफाश कर सीबीआई की जांच भी करवा चुके है। अरावली के पहाड़ों में अवैध निर्माण की एक जनहित याचिका भी अभी सुप्रीमकोर्ट में लंबित है। उपरोक्त मामले तब उठाए गए थे, जब देश में आरटीआई कानून वजूद में नहीं था।


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