TODAY EXPRESS NEWS ( Ajay verma ) हरियाणा के पर्यावरण मंत्री विपुल गोयल ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सरकार विभिन्न विशेषज्ञों की मदद से ‘सोर्स एट्रीब्यूशन स्टडी’ की योजना बना रही है ताकि कार्य-योजना को क्रियान्वित किया जा सके।
उधर, मंत्री गोयल ने हरियाणा के फरीदाबाद व गुरूग्राम शहरों में प्रदूषण के बारे में मीडिया में प्रकाशित रिपोर्टों को गलत करार दिया है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की हाल ही की रिपोर्ट ने विश्व के प्रदूषित शहरों में फरीदाबाद का द्वितीय स्थान है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड फरीदाबाद व गुरूग्राम में वर्ष 2010 से निरंतर वायु परिवेश गुणवत्ता निगरानी स्टेशन के माध्यम से निगरानी कर रहा है। बोर्ड के समक्ष उपलब्ध विवरण के अनुसार, वर्ष 2013 से नियमित रूप से इन शहरों की संख्या पीएम 2.5 निगरानी की जा रही है। ये संख्या केवल थोड़े से समय के लिए यानी दीवाली के आसपास के कुछ दिनों में, फसल कटाई के मौसम में फसलों के अवशेष जलने पर और सर्दी के कुछ दिनों में ही 170 से ऊपर बढ़ती है। यह भी तब होता है जब तापमान कम हो और हवा चलने की गति बहुत ही कम हो। इसलिए यह दावा कि फरीदाबाद में औसत पी.एम 2.5 वैल्यू 170 से ऊपर है, सही नहीं है।
रिपोर्ट में श्रीनगर जैसे शहर के भी प्रदूषित होने का दावा किया गया है, जो कि आंकड़ों के स्रोत पर संदेह पैदा करता है। यहां तक कि पटियाला के वायु प्रदूषण स्तर को पी.एम 2.5 वैल्यू के आधार पर वर्ष 2010 से 2016 तक काफी अधिक दिखाया गया है और पंजाब भी दावा करता है कि उसने कभी भी पी.एम 2.5 वैल्यू की मोनिटरिंग नहीं की।
गोयल ने कहा कि दिल्ली के नजदीक होने के कारण फरीदाबाद दिल्ली के प्रदूषण से प्रभावित हुआ है। दिल्ली में अधिक वाहनों की संख्या, भवन आदि के निर्माण में उठती धूल और म्यूनिसिपल के सॉलिड वेस्ट के जलने से वहां प्रदूषण काफी अधिक है। हमारी रिपोर्टों के अनुसार दिल्ली में प्रदूषण का स्तर हमेशा इन दो शहरों की तुलना में अधिक रहा है। दिल्ली से अधिक फरीदाबाद में प्रदूषण बताना कतई भी तर्क संगत नहीं है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने पूरे राज्य में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए पहले से ही एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम और झज्जर जिलों में 10 साल से पुराने डीजल वाहनों पर पहले से ही प्रतिबंध लगा दिया गया है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा एनएचएआई, हुडा और लोक निर्माण विभागों को उनकी निर्माण गतिविधियों के दौरान धूल उडऩे पर रोकथाम लगाने के निर्देश दिए हुए हैं। इसके अलावा कचरा जलाने तथा वाहनों द्वारा प्रदूषण फैलाने पर हुड्डा, शहरी स्थानीय निकाय, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला प्रशासन की टीम द्वारा जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान किया गया है। गुरुग्राम और फरीदाबाद में सडक़ों की धूल को कम करने के उद्देश्य से सफाई के लिए मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन और वैक्यूम मशीनों का उपयोग किया जा रहा है। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि मुख्य सचिव के स्तर पर लगभग हर महीने प्रदूषण के मामलों की समीक्षा की जाती है और इस दिशा में उठाए गए कदमों की लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जागरूक करने वाले विभिन्न संदेश डिस्पले किए जाते हैं और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसके अलावा प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मास ट्रांसपोर्ट सिस्टम और अवांछित वाहनों पर रोक लगाने जैसे कई उपाय किए जा रहे हैं।
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