61 वर्ष बसाया पूर्व 5 ए ब्लाक का पार्क आज उजडऩे के कगार पर, निगम अधिकारी व कर्मचारियों ने देख-रेख से मुंह मोड़ा

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61 years ago, the park of 5A block was on the verge of being demolished today, the corporation officials and employees turned their backs on the care

Today Express News | Ajay verma | फरीदाबाद। आज से 61 साल पहले 5 ए ब्लाक के बीच एक बहुत बड़ा खाली प्लाट पड़ा था। शायद यह पार्क के लिए रखा गया था जिसे ब्लाक में रहने वाले सैकड़ों राजस्थानी किरायेदार शौच के लिए प्रयोग करते थे, मैंने प्रयास कर उन्हें रेलवे स्टेशन के सामने बसाने की कोशिश की जिसका कुछ समय पश्चात मैंने स्वयं उसे गांधी कालोनी का नाम दिया। उस समय अधिसूचित समिति के मुखिया श्री पीके गौड से बार-बार प्रार्थना करने पर उस स्थान को पार्क का रूप देने के लिए कांटेदार तार लगाये गये। इससे पूर्व श्री पीके गौड ने अपने एसडीओ श्री चोपड़ा और श्री आशानन्द जेई को मेरे घर भेजा। यही दो अधिकारी उस समय प्रशासन को चलाते थे। श्री आशानन्द जेई ने कहा कि आपको गौड साहब ने बुलाया है। मैं जब अधिसूचित समिति में उनसे मिला तो उन्होंने कहा कि बा$गी जी आप इस पार्क के स्थान को अपने नाम 90 वर्ष की लीज पर ले लें, सरकार देने को तैयार है। आप एक प्रार्थना पत्र मुझे दे दें। मगर हमने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

यह प्रस्ताव प्रशासन द्वारा इसलिए दिया गया क्योंकि उस समय के प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री ने सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को यह आदेश दिए थे कि सरकार की हर खाली जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए इस ब्लाक के लोगों को खेतीबाड़ी के लिए 90 साल के लिए अलॉट कर दी जाए। 5 ए ब्लाक के खाली प्लाट को हरा-भरा करने का काम मैंने शुरू कर दिया और फिर इसमें जामुन, अमरूद,पीपल, बरगद, नीम जैसे बड़े-बड़े सैकड़ों पेड़ लगा दिए जिसका प्रमाण इस ब्लाक की हरियाली को आज भी दर्शा रहा है। एक ऐसा समय भी था जब शहर के अनेक स्थानों से लोग इस पार्क को देखने आते थे, मगर ज्यों-ज्यों फरीदाबाद मिश्रित प्रशासन और बाद में नगर निगम फरीदाबाद की स्थापना हुई। इस पार्क को उजाडऩे में नगर निगम के अधिकारियों ने पूरा सहयोग किया।

पिछले 10 साल से भी ज्यादा समय से माली तो नगर निगम का है, मगर बाकी कोई साहूलियत नहीं है। हम अपनी ओर से इस पार्क को हर प्रकार से हरा-भरा बनाने का प्रयास कर रहे है। मगर 10 वर्षों से निगम का कोई भी मुख्य अभियंता, कार्यकारी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता ने इस ब्लाक की सुध नहीं ली कि 5 ए ब्लाक पार्क भी इस शहर का एक हिस्सा है। वह समय भी था जब सेक्टर-12 स्थित टाउन पार्क में फूलों का मेला लगता था तो 5 ए ब्लाक के हर घर और पार्क को फूलों के गमलों से सजाया जाता था और उस समय के आयुक्त द्वारा मुझे प्रशासन की ओर से सम्मानित भी किया गया था। याद रहे हमने आज तक सरकार से किसी प्रकार की कोई ग्रान्ट या सहयोग नहीं लिया।  पार्क में बच्चों के स्कूल आने पर उन्हें ठंडा पानी मिले इसके लिए 60 हजार रूपये की एक ठंडे पानी का वाटर कूलर भी लगाया गया था।
अभी कुछ दिन पहले पार्क की टूटी दीवारों में लगी अनेकों ग्रिलें गिरने लगी तो नगर निगम के अधिकारियों का इस ओर ध्यान लाया गया मगर कुछ नहीं हुआ। किसी मनचले ने जाना नगर निगम को तो इन ग्रिलों की परवाह नहीं वह गिरी हुई ग्रिलों को लेकर चलता बना। इन ग्रिलों की जानकारी नगर निगम प्रशासन को दी तब जाकर निगम अधिकारियों ने रेलवे रोड स्थित एनआईटी पांच थाने में अज्ञात चोरों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई।  चोर पकड़ा गया कुछ ग्रिलें बरामद हुई और शाम को उक्त चोर को छोड़ दिया गया जो आज भी थाने में ग्रिलें धूल चाट रही है।

5ए ब्लाक के लोगों पर निगम प्रशासन की मेहरबानी देखिए कि इतना कुछ होने पर पार्क में कार्यरत माली लाखन की डयूटी 4 दिन के लिए किसी अन्य दूसरे पार्क में लगा दी गई।
क्या ऐसे ही चलेगा नगर निगम का प्रबंध।
क्या ऐसे ही चलेगा पार्षद जसबंत सिंह का राज।
क्या ऐसे ही चलेगा विधायिका श्रीमति सीमा त्रिखा का प्रशासन।
क्या ऐसे ही चलेगा सांसद कृष्णपाल गूर्जर का राज।
अगर ऐसे ही चलता रहा तो क्या यहीं रामराज है?
यह एक प्रश्र है जो प्रशासन, प्रदेश सरकार, केन्द्रीय सरकार के लिए एक चुनौती बनकर रह गया है?

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