TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA ) दिखाई दे रहा यह नजारा बल्लभगढ़ के पन्हेड़ा खुर्द गांव का है, जहां 55 गांव की पंचायत के प्रतिनिधि एक महापंचायत का आयोजन कर रहे हैं। दरअसल 2031 के मास्टर प्लान को लेकर फरीदाबाद और पलवल जिले के 55 गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया जाना है जिसके विरोध में यह पंचायत हो रही है। किसान नेता राजेश तेवतिया व किशन सिंह चहल की माने तो हरियाणा का किसान अब यह जान चुका है कि सरकार किस तरह से जमीन अधिग्रहण करके उनकी रोजी-रोटी को छीनने का काम कर रही है। यह पंचायत इसलिए रखी गई है ताकि महापंचायत में यह निर्णय हो सके की भूमि का अधिग्रहण किसान की शर्तों के अनुसार होना चाहिए। किसानों की मानें तो भूमि का अधिग्रहण करते समय यह तय हो कि किसानों को एकमुश्त जमीन का मुआवजा मिले तथा एक प्लॉट के अलावा परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी मिलनी चाहिए। किसानों की माने तो 2013 के लैंड एजुकेशन एक्ट के सभी नियमों को सरकार पूरा करें ताकि किसानो को इसका भरपूर फायदा मिल सके। किसान नेताओं की मानें तो पूरे हरियाणा में किसानों के साथ सरकार भेदभाव की नीति अपना रही है। भूमि अधिग्रहण करते समय किसानों से दूसरे वादे किए जाते हैं और अधिग्रहण करने के बाद उन वादों से सरकार मुकर जाती है।