1983 पीटीआई को तीन दिन का शार्ट नोटिस कोर्ट का हवाला देकर निकालने का फरमान निंदनीय : सुनील खटाना

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सुनील खटाना
सुनील खटाना - प्रदेश महासचिव- हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन

Today Express News / Report / Ajay verma / Faridabad / HSEBU/29/05/2020/आज हरियाणा कर्मचारी महासंघ से संबंधित हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन के प्रदेश महासचिव सुनील खटाना ने कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए बताया कि हरियाणा प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 1983 शारीरिक प्रशिक्षण अनुदेशकों (पीटीआई) की नौकरी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों जिनमे इनकी नियुक्ति को बर्खास्त करने को लेकर जो तलवार लटक रही है  और इस फैसले से 1983 पीटीआई ही नही बल्कि उनके साथ 10 हजार पारिवार के आश्रितों के सम्मुख आज रोजी रोटी का एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है ।

कोरोना महामारी के ऐसे समय मे जब शिक्षा विभाग ने इन 1983 पीटीआई को तीन दिन का शार्ट नोटिस कोर्ट का हवाला देकर निकालने का फरमान जो जारी किया है । यह यकीनन प्रदेश के खराब चल रहे हालातों को और सत्तासीन सरकार की मन्शा को बखूबी दर्शाती है । कि वह अपने मुलाजिमों के प्रति कितनी संवेदनशील है । जिसमे अपनी नौकरी को बचाने के लिये चिलचिलाती 45° डिग्री की गर्मी में प्रदेश अध्यक्ष से लेकर विधायकों तक गुहार लगाने की जद्दोजहद में ये शिक्षक लगे हैं ।

लेकिन प्रदेश की सरकार को चाहिये कि अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग कर इन 1983 पीटीआई ही नही बल्कि समुचित उनके साथ साथ 10 हजार परिवारों के ऊपर मँडराते हुए रोजी रोटी के आपातकाल को बचाने में बहाल करे । साल 2010 में भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित हुए इन शिक्षकों का क्या कसूर है, अगर कसूर है तो हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग में उच्च पद पर बैठे अधिकारियों का रहा है । जिन्होंने भर्ती निकाली थी और उस भर्ती की प्रक्रिया के सभी मापदंडों को शोक्षकों ने जब पूरा कर लिया था तो इसके बावजूद इन पीटीआई शिक्षकों को बलि का बकरा क्यों बनाया जा रहा है । क्या उस समय पद पर आसीन रहे वह अधिकारी दोषी नही जिनकी गलती की वजह से आज ये 1983 पीटीआई शिक्षक वर्ग और उसका परिवार सड़कों पर आ गया ।

जिसे कतई बर्दाश्त नही किया जायेगा । जिसके लिये एचएसईबी वर्कर यूनियन का प्रत्येक कर्मचारी इन पीटीआई शिक्षकों के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर साथ खड़ा है । यदि इन्हें जल्द ही बहाल कर नौकरी पर नही रखा गया तो यूनियन इनके आंदोलन के साथ अगले पड़ाव में शिक्षा विभाग सहित मैदान में उतर कर्मचारीयों के रोजगार की इस लड़ाई में कूच करने बाध्य होगी । किसी भी हद तक यदि इस लड़ाई को आगे बढ़ना पड़े तो इसके लिए बिजली विभाग का एक एक कर्मचारी इन साथियों के रोजगार को बचाने में सरकार के साथ अड़ने और लड़ने के लिये भी तैयार रहेगा । हरियाणा कर्मचारी महासंघ सर जुड़ी एचएसईबी वर्कर यूनियन कर्मचारियों इस लड़ाई में इन पीटीआई शिक्षको के साथ खड़ी है । और जिसके लिये संघर्ष का विरोध इनके साथ जारी रहेगा ।

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