TODAY EXPRESS NEWS : चंडीगढ़, 19 अगस्त। रोहतक की जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा विभिन्न कर्मचारियों के लिए की गई घोषणाओं पर जननायक जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जेजेपी ने इन घोषणाओं को मात्र छलावा बताते हुए पूर्व सीएम से अपने 10 सालों के राज में कर्मचारियों पर किए गए शोषण का जवाब मांगा है।
जजपा कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष संजीव मंदोला ने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए आज अपनी कर्मचारी विरोधी नीतियों पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के सबसे बड़े दुश्मन भूपेंद्र हुड्डा रहे हैं क्योंकि उन्होंने कर्मचारियों जायज मांगों को कभी मानने का काम नहीं किया। इसके अलावा गलत तरीके से भर्तियां करके हजारों युवाओं को आज सड़क पर आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि आज हजारों कर्मचारी हुड्डा सरकार की गलत भर्ती नीति के कारण पक्के नहीं हो पा रहे हैं और आदालतों के चक्कर खाने को मजबूर हैं।
मंदोला ने कहा कि प्रदेश में लगातार 10 वर्षों तक भूपेंद्र हुड्डा मुख्यमंत्री रहे लेकिन उन्होंने कर्मचारियों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया, कर्मचारी संगठन लगातार 10 वर्षों तक उनके शासनकाल में पंजाब के समान वेतनमान की मांग को लेकर आंदोलन करते रहे लेकिन इस पर हुड्डा मौन साधे रहे। मंदोला ने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुड्डा ने कर्मचारियों के वोट बटोरने के मकसद से पंजाब के समान वेतनमान देने का ऐलान किया था लेकिन उनको बखूबी से पता था यह पूरा होने वाला नहीं है।
मंदोला ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में कर्मचारियों की पेंशन बंद करने का निर्णय भी भूपेंद्र हुड्डा के कार्यकाल में किया गया था, आज अपनी राजनीति की डूबती हुई नैया को बचाने के स्वार्थ में वे कर्मचारियों को बहकाने का प्रयास कर रहे हैं।
संजीव मंदोला ने कहा कि हरियाणा में स्थाई भर्तियों की बजाय ठेके, डेली वेजेज अस्थाई रूप से कर्मचारियों की नियुक्तियों का दौर भी हुड्डा के शासन काल की विशेषता रही है। उन्होंने गेस्ट टीचर्स, मिड डे मील वर्कर की अस्थाई भर्तियां शुरू की गई। उन्होंने बताया कि हुड्डा राज में कंप्यूटर ऑपरेटर भी निजी कंपनियों के माध्यम से ठेके पर लगाए गए। इनेके अलावा रोडवेज, बिजली निगम, शिक्षा, सिंचाई, लोक निर्माण, जन स्वास्थ्य इत्यादि विभागों में ठेकेदारों के माध्यम से भर्तियां शुरूवात कर भूपेंद्र हुड्डा ने ही बेरोजगारों के शोषण का नया दौर शुरू किया था। मंदोला ने कहा कि हालात यहां तक थे कि मिड डे मील वर्कर को नियुक्ति पर महज 700 रूपये माहवार दिया गया था।
जेजेपी कर्मचारी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राजनैतिक रंजिश रखते हुए हुड्डा ने जहां 7000 औद्योगिक सुरक्षा बल में लगे पुलिसकर्मियों को हटाया वहीं 5000 ग्राम सहायकों को भी नौकरी के हटाकर घर बैठाने का काम किया।
मंदौल ने दावा किया कि स्कूलों में फर्नीचर, जनरेटर, कंप्यूटर, प्रोजेक्टर व किताबों की खरीद पर हुड्डा के शासनकाल में हजारों करोड़ रुपए का घोटाला किया गया। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र हुड्डा के शासनकाल में महज 2000 रूपये में बीए पास बेरोजगारों को शिक्षा प्रेरक की नौकरी के नाम पर बहकाया गया। उनके शासन में अस्थाई, ठेके, अनुबंध, कम्पनियों के माध्यम से कर्मचारियों की भर्तियां कर दमनकारी शोषणकारी नीतियां अपनाई।
मंदोला ने कहा कि यह वही भूपेंद्र हुड्डा है जिनके शासनकाल में कर्मचारियों को पांचवें वेतनमान आयोग लागू करवाने के लिए लंबे आंदोलन से गुजरना पड़ा लेकिन वह केंद्र के समान पांचवा वेतनमान भी लागू नहीं कर पाए। कर्मचारियों के हकों पर डाका डालने वाले भूपेंद्र हुड्डा आज सातवें वेतनमान देने की बात कर रहे हैं। वास्तव में हुड्डा सरकार की नीतियां पूरी तरह कर्मचारी विरोधी रही हैं अब चुनाव समीप आने पर कर्मचारियों को बहकाने, भ्रम का माहौल बनाने का कार्य कर रहे हैं।
मंदोला ने कहा कि जहां एक तरफ भूपेंद्र हुड्डा अपने सियासी स्वार्थ को पूरा करने के लिए कर्मचारियों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ जननायक जनता पार्टी सत्ता हासिल करने के बाद कर्मचारियों के लिए अलग से आयोग बनाएगी और इस आयोग की सभी सिफारिशों को लागू किया जाएगा। मंदोला ने कहा कि कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, 2016 से एचआरए भत्ता लागू करने और पंजाब के समान वेतन देने का वायदा सिर्फ जेजेपी ही पूरा करने का दमखम रखती है और सरकार आने पर कर्मचारियों के हित में कल्याणकारी कदम उठाए जाएंगे।
( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )