TODAY EXPRESS NEWS : फरीदाबाद, 13 जुलाई – वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एनआईटीटीटीआर), चंडीगढ़ के सहयोग से शिक्षकों के लिए जीवन कौशल विकास विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य शिक्षकों को रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाले चुनौतियों का सामना करने, समस्याएं सुलझाने तथा निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने के लिए जरूरी जीवन कौशल से अवगत करवाना था ताकि शिक्षकों के माध्यम से बुनियादी जीवन कौशल जानकारी विद्यार्थियों को प्राप्त हो सके। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय तथा अन्य शिक्षण संस्थानों के शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी युग में विद्यार्थियों के लिए जीवन कौशल प्रशिक्षण बेहद जरूरी है, जो उनके संपूर्ण व्यक्तित्व विकास में मदद करता है। स्वयं को जानने, रचनात्मक सोच पैदा करने, जीवन की समस्याएं सुलझाने तथा निर्णय लेने की समझ विकसित करने तथा प्रभावी संवाद में जीवन कौशल प्रशिक्षण अहम भूमिका निभाता है। उन्होंने कार्यक्रम की सफलता पर सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। इस अवसर पर डीन (संस्थान) डॉ. संदीप ग्रोवर तथा डीन (अकादमिक) डॉ. विक्रम सिंह भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन को विश्वविद्यालय से डॉ. रचना अग्रवाल तथा अनुश्री चौहान तथा एनआईटीटीटीआर, चंडीगढ़ से डॉ. रमा छाबड़ा ने किया। पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान लगभग 20 सत्र आयोजित किये गये, जिसमें 10 विशेषज्ञ वक्ताओं प्रो. रवि के. हांडा, डॉ. पारूल खुराना, डॉ. मीतू मट्टा, प्रो. रितु गांधी अरोड़ा, प्रो. सुजाता शाही, डॉ. ज्योति राणा, प्रो. संदीप ग्रोवर तथा प्रो. अरविंद गुप्ता ने संबोधित किया तथा जीवन कौशल विकास का उद्देश्य व विद्यार्थियों के लिए महत्व, सॉफ्ट स्किल के विभिन्न प्रकारों, मानव मूल्यों, समय प्रबंधन, प्रभावी संवाद, भावनात्मक समझ, निर्णय लेने संबंधी क्षमता विकास तथा पारस्परिक संबंध विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। अंत में प्रतिभागियों ने कार्यक्रम को लेकर अपने अनुभव साझे किये।
( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा के साथ मंजीत सिंह की रिपोर्ट )