TODAY EXPRESS NEWS ( REPORT BY AJAY VERMA ) फरीदाबाद, 23 अक्तूबर – हरियाणा स्वर्ण जयंती समारोह के उपलक्ष्य में वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा 25 व 26 अक्तूबर, 2017 को दो दिवसीय राज्य स्तरीय विज्ञान सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। सम्मेलन के समापन समारोह में 26 अक्तूबर को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंगे तथा विश्वविद्यालय में लगभग 60 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास तथा उद्घाटन करेंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि सम्मेलन का उद्देश्य विज्ञान के प्रति विद्यार्थियों की रुचि को बढ़ावा देना तथा विज्ञान से संबंधित संवाद को प्रोत्साहित करना है। इस सम्मेलन में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के लगभग 1500 विद्यार्थी हिस्सा लेंगे। विज्ञान सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में दीन बन्धु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति डॉ. राजेन्द्र कुमार अनयाथ मुख्य अतिथि होंगे।
सम्मेलन की संयोजक डॉ. सोनिया बंसल ने बताया कि हरियाणा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन के दौरान प्रतिष्ठित वैज्ञानिक के आमंत्रित चर्चा सत्र आयोजित किये जायेंगे तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित लघु फिल्म भी प्रदर्शित की जायेगी। इस दौरान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जायेगा।
दो दिवसीय विज्ञान सम्मेलन का मुख्य आकर्षण विद्यार्थियों द्वारा बनाये गये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मॉडल्स की प्रदर्शनी रहेगी, जिसके लिए विभिन्न स्कूल एवं कालेजों से 24 अक्तूबर तक मॉडल्स आमंत्रित किये गये है। ये सभी मॉडल्य चयनित 11 विषयों पर आधारित होने चाहिए, जिसमें कौशल भारत, हरित भारत, डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत, स्वदेशी भारत, स्वस्थ भारत, सुरक्षित भारत, शिक्षित भारत, सामर्थ भारत, विज्ञान गांव तथा मेक इन इंडिया विषय शामिल है। प्रदर्शनी के लिए चयनित मॉडल्स में श्रेष्ठ तीन मॉडल्स में पुरस्कृत किया जायेगा।
इन परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे मुख्यमंत्री
सभागार (ऑडिटोरियम): विश्वविद्यालय द्वारा लगभग एक करोड़ रुपये लागत से ऑडिटोरियम तैयार किया गया गया है। इस सभागार में लगभग 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। विश्वविद्यालय में काफी समय से विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के लिए बहुउद्देशीय सभागार की जरूरत महसूस की जा रही थी।
स्वर्ण जयंती द्वार: वाईएमसीए विश्वविद्यालय एक शिक्षण संस्थान के रूप में 2019 को अपने 50 वर्ष पूरे करने जा रहा है। इस उपलक्ष्य को यादगार बनाने के लिए विश्वविद्यालय का छात्रसंघ ‘मॉब’ स्वर्ण जयंती द्वार का तोहफा देने जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रवेश द्वार के निर्माण पर लगभग 50 लाख रुपये की लागत आयेगी।
एससी/एसटी छात्रावासः विश्वविद्यालय में लड़कों व लड़कियों के लिए चार-चार छात्रावास है तथा छात्रावास में कुल आवासीय क्षमता 800 विद्यार्थियों की है। बालिका छात्रावास को प्राथमिकता देते हुए एससी/एसटी लड़कियों के लिए एक नया बहुमंजिला छात्रावास बनाया जा रहा है। इसके निर्माण पर लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत आयेगी।
आवासीय परिसरः कर्मचारियों के लिए बहुमंजिला आवासीय परिसर का निर्माण किया जायेगा। नौ मंजिला आवासीय खण्ड में बेसमेंट तथा पार्किंग के लिए स्टिल्ट का प्रावधान होगा। यह परियोजना 24 महीनों के भीतर पूरी कर ली जायेगी। इसके निर्माण पर लगभग 36 करोड़ रुपये की लागत आयेगी।
अकादमिक (विज्ञान संकाय) खण्डः वाईएमसीए विश्वविद्यालय में विज्ञान संकाय में शुरू किये जा रहे नये पाठ्यक्रमों के लिए एक नया विज्ञान खण्ड बनाया जा रहा है। इसके निर्माण पर लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत आयेगी.
वाईएमसीए विश्वविद्यालय एक शिक्षण संस्थान के रूप में वर्ष 2019 में अपने 50 वर्ष पूरे करने जा रहा है। स्वर्ण जयंती वर्ष की तैयारियों के रूप में सभी परियोजनाओं को शुरू किया जा रहा है। सभी नई परियोजनाओं को आगामी दो वर्षों में पूरा कर लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
विश्वविद्यालय – एक नजर
वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद की स्थापना वर्ष 1969 में इंडो-जर्मन परियोजना के तहत इंजीनियरिंग कालेज के रूप में हुई थी। विश्वविद्यालय जर्मन प्रौद्योगिकी पर आधारित कार्यशालाओं के लिए पहचाना जाता है। संस्थान को वर्ष 1996 में राज्य सरकार ने शत प्रतिशत अपने अधीन ले लिया। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 (दिल्ली-मथुरा) पर लगभग 20 एकड़ पर स्थित वाईएमसीए विश्वविद्यालय को दिसम्बर, 2009 में हरियाणा राज्य विधायी अधिनियम संख्या-21 के तहत विश्वविद्यालय का दर्जा हुआ और इसे यूजीसी से 12-बी मान्यता हासिल है। विश्वविद्यालय द्वारा छह विषयों में बीटेक के चार वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम तथा एमटेक, एमबीए, एमसीए, एमएससी, एमए (जर्नलिज्म व मास कम्युनिकेशन) तथा पीएचडी में डिग्री पाठ्यक्रम करवाता है। विश्वविद्यालय को एसोचौम द्वारा वर्ष 2014 में राष्ट्रीय शिक्षा उत्कृष्टता के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ नवोदित विश्वविद्यालय का पुरस्कार दिया गया था। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद् (नैक) द्वारा ‘ए’ ग्रेड मान्यता प्रदान की गई है। एनआईआरएफ-2017 रैकिंग के अंतर्गत, विश्वविद्यालय को शीर्ष 101 से 150 संस्थानों में स्थान प्राप्त हुआ है और राज्य में यह स्थान हासिल करने वाला एकमात्र राजकीय विश्वविद्यालय है।