TODAY EXPRESS NEWS ( रिपोर्ट अजय वर्मा ) हरियाणा एक मुश्किल और संवेदनशील दौर से गुजर रहा है जिसमें राज्य सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता कानून व्यवस्था बनाए रखने और जान-माल का नुकसान रोकने की है। एक रणनीतिक सफलता के तहत बाबा गुरमीत राम रहीम को सीबीआई कोर्ट में पेशी के लिए बिना किसी को परेशान किए सुरक्षित पहुंचाना और न्यायिक प्रक्रिया को पूरा करवाना राज्य सरकार की एक बड़ी कामयाबी रही। लाखों की संख्या में अनुयायियों के जमावड़े को नियंत्रित रखने काम भी पंचकुला में संतोषजनक कामयाबी के साथ किया गया।
कोर्ट के आदेश के बाद पंचकुला में भड़की हुई भीड़ और असामाजिक तत्वों का पुलिस और मीडिया पर हमला अनेपक्षित और अस्वीकार्य था जिसका माकूल जवाब सुरक्षा बलों द्वारा दिया गया। लगभग आधा घंटे तक पुलिस आंसू गैस के गोलों और लाठीचार्ज से हजारों लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास करती रही लेकिन उपद्रवियों द्वारा आगजनी शुरू किये जाने और मीडिया वाहनों को फूंक देने के बाद उन्हें तितर बितर करने के लिए गोलियां भी चलाई गई। टकराव में दुर्भाग्यवश कई लोगों की जान चली गई लेकिन प्रशासन पूरे क्षेत्र को अपने नियंत्रण में लेने में कामयाब रहा। बाद में पूरे पंचकुला शहर को सभी अनुयायियों से खाली करवा दिया गया और सैंकड़ो लोगों को हिरासत में ले लिया गया।
इससे पहले रात को भी पुलिस ने लाउड स्पीकर से घोषणा कर लोगों को शहर छोड़ने की अपील की थी लेकिन वे नहीं माने। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की बड़ी संख्या के कारण रात के समय सख्त कार्यवाही करने के भीषण परिणाम हो सकते थे जिन्हें प्रशासन ने समझदारी दिखाते हुए टाल दिया। खुफिया तंत्र के जरिए यह भी सुनिश्चित किया गया था कि जमा हुए लोगों के पास घातक हथियार ना हो। पंचकुला हैफेड चौक पर हुई हिंसा में उपद्रवियों ने वहीं पर पेड़ो से तोड़ी गई लकड़ियों का इस्तेमाल किया और वहां मौजूद मीडिया की ओबी वैन के जनरेटर से ईंधन निकाल कर आगजनी के लिए इस्तेमाल किए जाने की भी जानकारी मिली है। डेरा प्रमुख के साथ आई कुछ गाड़ियां पुलिस ने ज़ब्त की है जिनसे हथियार भी बरामद हुए हैं।
यह भाजपा सरकार की सफलता है और निष्पक्षता का प्रमाण है कि न्यायिक प्रक्रिया को नियमों के अनुसार पूरा करवाया गया और सामान्य नागरिक अधिकारों के दायरे में लाखों लोगों को नियंत्रित भी किया गया। राज्य सरकार के संतुलित और संयमित प्रयासों से एक विस्फोटक हो सकने वाली स्थिती को टाल दिया गया है वरना देश ने 1984 में ऐसे मंजर भी देखें हैं जब सरकार, प्रशासन, तंत्र सब फेल हो गया था और हजारों लोगों की जानें जाती रही, सत्तासीन लोग मूकदर्शक बने रहे। विरोधी दल भले ही इतिहास से सबक ना लें लेकिन भाजपा सरकार अपने नागरिकों की जान-माल की हिफाजत में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इन्हीं दलों के नेता जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान आपसी सांठगांठ कर लोगों को फोन पर भड़काते हुए पूरे देश ने सुने थे। ये दल राजनीतिक फायदे के लिए लोगों की जान से खेलने से परहेज नहीं करते। 1984 में भी हजारों आम लोगों की जान राजनीतिक विफलता की वजह से गई। पंचकुला के टकराव में पुलिस ने सिर्फ उन लोगों पर वार किया जो आगजनी कर रहे थे और पुलिस पर हमला कर रहे थे। रिहायशी क्षेत्र होने के बावजूद एक भी स्थानीय नागरिक को ना चोट आई, ना जान का नुकसान हुआ। हां, अगर प्रशासन जल्दबाज़ी में डेरा समर्थकों को भड़काने वाला कोई कदम उठा लेता तो जरूर नुकसान कहीं ज्यादा होता। हम आम लोगों और डेरा प्रेमियों से लगातार अपील कर रहे हैं कि कानून का सम्मान करें और शांति बनाए रखें। हमारी सरकार परिस्थिति के हिसाब से हर हालात से निपटने के लिए तैयार है।
फिलहाल सुरक्षा बल की मदद से पंचकुला समेत हरियाणा के सभी जिले प्रशासन के नियंत्रण में हैं और सब जगह शांति है। जरूरत है कि विपक्षी दल आग में घी डालकर राजनीतिक रोटियां ना सेकें और अपने कार्यकालों को याद करें जब सरकारें कुछ खास लोगों के यहां गिरवी होती थी। आज पूरी तरह कानून और न्याय व्यवस्था ही सर्वोपरि है। हरियाणा के आम लोगों का जीवन हम सुरक्षित रखने में कामयाब रहे, इस पर हमें संतुष्टि है और यही हमारा प्राथमिक उद्देश्य है।
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