मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ग्राम एवं आयोजना विभाग की राज्य स्तरीय समिति की बैठक में फरीदाबाद-2031 की ड्र्राफ्ट विकास योजना को स्वीकृति

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TODAY EXPRESS NEWS ( REPORT BY AJAY VERMA ) चंडीगढ़, 6 नवम्बर- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में ग्राम एवं आयोजना विभाग की राज्य स्तरीय समिति की बैठक में फरीदाबाद-2031 की ड्र्राफ्ट विकास योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इसके अतिरिक्त, समिति ने पिहोवा-2031 के लिए तैयार की गई ड्र्राफ्ट विकास योजना को भी मंजूरी प्रदान की। पिहोवा के लिए बनाई गई पहली योजना हेतु आम जनता से आपतियां और सूझाव आमंत्रित किये गए हैं।

 
फरीदाबाद की ड्र्राफ्ट विकास योजना को 38 लाख से अधिक अनुमानित जनसंख्या के लिए तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे गगनचुम्बी भवनों का निर्माण करवाएं ताकि लोगों के लिए ज्यादा से ज्यादा खुली जगह मुहैया हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों के प्रणालीबद्ध विकास को सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है, जिसमें शहरी क्षेत्रों की तर्ज पर लोगों को सभी सुविधाएं मुहैया करवाना शामिल है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विकास योजना में चिन्हित ग्रीन बेल्ट और खुली जगह का रखरखाव करें।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सैक्टरों के विकास के मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण उन क्षेत्रों में सैक्टरों का विकास करने का प्रयास करें जहां कोई भी निजी डेवलपर्स आवासीय सुविधाएं मुहैया नहीं करवा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य उन क्षेत्रों का विकास करवाने का होना चाहिए, जो अछूते हैं। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि निजी डेवलपर्स को दी जाने वाली भूमि में से 12 प्रतिशत भूमि सरकार को विकास कार्यों के लिए देनी होगी। 
 
फरीदाबाद की ड्र्राफ्ट विकास योजना ग्राम एवं आयोजना विभाग द्वारा गत 14 जुलाई, 2014 और स्थानीय निकाय विभाग द्वारा 18 जुलाई, 2014 को प्रकाशित की गई थी। ग्राम एवं आयोजना विभाग तथा स्थानीय निकाय विभाग को क्रमश: 478 और 164 आपतियां व सुझाव प्राप्त हुए थे। इन आपतियों व सुझावों की जांच के पश्चात जिला स्तरीय समिति और मैट्रोपोलिटिन योजना समिति की सिफारिशों पर आज की बैठक बुलाई गई थी और ड्र्राफ्ट विकास योजना को अंतिम रूप दिया गया और अब इसका प्रकाशन होगा। 
 
बैठक में बताया गया कि फरीदाबाद की विकास योजना में 14328 हैक्टेयर क्षेत्र आवासीय उद्देश्य के लिए आरक्षित है। इसी प्रकार, वाणिज्य उद्देश्य के लिए 2069 हैक्टेयर भूमि, औद्योगिक उद्देश्य के लिए 6179 हैक्टेयर, परिवहन और सम्पर्क के लिए 4020 हैक्टेयर, सार्वजनिक उपयोगिता के लिए 638 हैक्टेयर, सार्वजनिक और अर्ध सार्वजनिक उपयोग के लिए 1299 हैक्टेयर, पार्क व ग्रीन बैल्ट तथा खुली जगह के लिए 5314 हैक्टेयर और विशेष जोन के लिए 448 हैक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। 
 
पिहोवा के ड्र्राफ्ट विकास योजना को 2031 तक 1.10 लाख अनुमानित जनसंख्या को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है, जिसमें सात आवासीय सैक्टर-1, 2,3,4ए,7ए,9 और 10 व तीन वाणिज्य सैक्टर जिनमें 4,7 और 12 हैं। दो सार्वजनिक और अर्धसार्वजनिक सैक्टरों के साथ-साथ औद्योगिक, परिवहन और सम्पर्क व खुली जगह के लिए एक-एक सैक्टर रखा गया है। 
 
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि पिहोवा की धार्मिक महत्वता को देखते हुए ड्र्राफ्ट विकास योजना में एक अलग प्रावधान किया जाना चाहिए। इस पर उन्हें बताया गया कि पिहोवा से जाने वाली सरस्वती नदी के लिए क्षेत्र आरक्षित किया गया है। 
 
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ० राकेश गुप्ता, राजस्व विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पी.के.दास, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, ग्राम एवं आयोजना विभाग के प्रधान सचिव श्री अरूण कुमार गुप्ता, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री अनुराग रस्तोगी, ग्राम एवं आयोजना विभाग के निदेशक श्री टी.एल.सत्याप्रकाश, आबकारी एवं कराधान आयुक्त श्रीमती आशिमा बराड़, सूचना, जनसम्पर्क और भाषा विभाग के निदेशक श्री समीर पाल सरो सहित राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। 

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