TODAY EXPRESS NEWS ( REPORT BY AJAY VERMA ) फरीदाबाद। स्कूली बच्चों एवं युवाओं में बढ़ रही आत्महत्या करने की प्रवृति की रोकथाम के उद्देश्य से मैट्रो अस्पताल, फरीदाबाद ने एक सराहनीय पहल करतेहुए वल्र्ड सुसाईट प्रिवेन्शन डे के उपल्क्ष्य मेंआज एक साप्ताहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अरावलीइंटर ने शनल स्कूल, वीएन स्कूल, डी.सी. माॅडल, सेंटपीटर स्कूल, एवीएन स्कूल,न्यू विद्या मंदिरस्कूल, अग्रवाल पब्लिक स्कूल आदि विभिन्न स् कूलों मेंजाकर सुसाईट प्रिवेन् शन वर्कशाॅप की।कार्यक्रम में मैट् रो अस्पताल के मनोरोग एवं नशामुक्ति विभाग के विशेषज्ञ डा. सचिन कुमार मंगला ने स्कूलों में छात्राओं द्वारा बढ़ रही आत्महत्या की प्रवृत्ति की रोकथाम व उससे जुड़ी बातों के बारे में विस्तार से बताया। डा. सचिन ने बताया कि हर घंटे में एक किशोरआत्महत्या की कोशिश करता है, हम सबइस बात से अनजान नहीं है कि आज कल ब्लूव्हे लगेम , पढ़ाई का प्रेशर, रिश्तों में अनबन एवं डिप्रेशन के कारण युवा अपनी जान दांवपर लगा देते है इसलि ए इनवर्कशाॅप द्वारा हम लोगों को यह बताना चाहते है किआत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।
आत्महत्या 100 प्रतिशत रोकी जा सकती है, अगर समय रहते पीड़ित को मदद मिल सके।इस आयोजन का उद्देश्य समाज और विशेष रूप से छात्रों और युवा वर्ग के बीच इस पहलू पर जागरूकता पैदा करना व उन्हें इस प्रवृत्ति से दूर करना था। इसी साप्ताहिक कार्यक् रम के दौरान अस्पताल परिसर में एक पेंटिंगकम्पीटीशन का आयोजन भी किया गया, जिसमें विभिन्न स्कूलों के 104 बच्चों ने हिस्सा लिया।कम्पीटीशन में बेहतर पें टिंग करने वाले स्कूली बच्चों को एप्रि-प्रिऐशन सर्टिफिकेट दिये गए और पहले , दूसरे व तीसरे स्थान पर आए बच्चों को पुरस्कार वितरित किये गये।
इसके उपरान्त एक इंटरेक्टिव सेशन काआयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में जिला उपायुक्त समीरपाल सरो ने शिरकत की और स्कूलों से आए प्रिसिंपल, टीचरों एवं अन्य अतिथि गणों से सुसाइट प्रिवेन्शन से जुड़ी बातों पर अपनी सोच सांझा की। इस मौके पर अस्पताल के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल ने जिला उपायुक्त सीमरपाल सरों ने मैट्रो अस्पताल की इस सराहनीय पहल को जमकर सराहते हुए कहा कि अन्य संस्थानों व सामाजिक संस्थाओं को भी ऐसी कार्यशालाएं आयोजित करनी चाहिए ताकि हमारी युवा पीढ़ी को अच्छे औ श्रबेहतर दिशा निर्देश मिल सके।
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