TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA ) WHO के मुताबिक देश में हर साल खसरे और रुबैला की चपेट में आने से लगभग 50 हजार बच्चो की मौत हो जाती है जिनकी उम्र 9 महीने से लेकर 15 साल के बीच होती है।मौत के इस बढ़ते मौत के ग्राफ को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन हरियाणा ने WHO के साथ मिलकर पोलियो की तरह ही खसरा और रुबैला को प्रदेश से खत्म करने के लिए कमर कस ली है। जिसके लिए एक विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जायेगा इस टीकाकरण की शुरुआत स्कूलों और आंगनवाड़ी से की जाएगी और इस अभियान को सफल बनाने के लिए अभिभावकों को भी इससे होने वाले दुष्परिणामो के बारे में समझाया जायेगा ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके।
खसरे रोग से सफाये और रुबैला को नियंत्रण करने की रणनीति को पत्रकारो से सांझा करते दिखाई दे रहे फरीदाबाद के सिविल सर्जन है जिन्होंने बताया की खसरे और रुबैला के लक्षण लगभग एक सामान है तेज बुखार के साथ बदन पर लाल दाने निकल जाते है जिससे बच्चे की जान भी जा सकती है। इसका विशेष ख़तरा 9 महीने से लेकर 15 साल तक के बच्चो को होता है। वहीँ यदि किसी गर्भवती महिला को गर्भधारण के तीन महीने के दौरान रुबैला की बिमारी हो जाए तो उसके बच्चे पर इसका विशेष प्रभाव पड़ता है और कोई भी बच्चा इस बिमारी की चपेट में न आये इसलिए इसकी पहली शुरुआत 25 अप्रैल से स्कूलों से की जाएगी की जाएगी इस अभियान में आंगनवाड़ी से भी सहयोग लिया जाएगा ताकि पोलियो की तरह से इस खसरा और रुबैला को भी प्रदेश से जड़ से खत्म किया जाए सके। इसलिए वह छोटे -बच्चो के अभिभावकों से अपील करते है वह जादा से जादा संख्या में आगे आये और खसरे पर रुबैला को जड़ से ख़त्म करने के लिए चालये जाने वाले इस पेनलेस टीकाकरण अभियान में सहयोग करे और अपने बच्चो को इन खतरनाक बिमारी से बचाने के साथ -साथ देश के विकास में सहयोग करें।