केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के साथ उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने दिए महिलाओं को चरखे

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TODAY EXPRESS NEWS :  6 सितंबर को बाटा मेट्रो स्टेशन के सामने स्थित होटल रैडीशन ब्लू के बगल में आयोजित समारोह में चयनित आर्थिक रूप से कमज़ोर 100 परिवारों की महिलाओं को केंद्रीय मंत्री श्रीमति स्मृति ज़ुबिन ईरानी ने अपने हाथों से प्रमाण पत्र बांट कर चरखा सौंपा, इस मौके पर श्रीमति इरानी ने हरियाणा के कैबिनेट मंत्री श्री विपुल गोयल के इस प्रयास जिसमें कमज़ोर परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास के तहत आर्थिक स्वावलंबन के लिए चरखा स्कीम से महिलाओं को जोड़ा है उसकी जम कर तारीफ की, इरानी ने कहा कि विपुल गोयल हमारी बहनों और बेटियों को ना सिर्फ चरखा बांटा है बल्कि घर परिवार और समाज में उन्हे सम्मान के साथ जीने का रास्ता दिया है इस पुनीत कार्य के लिए मैं अपनी ओर से, अपनी लाभार्थी बहनों और उनके बच्चों की ओर से बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूं जो उन्हों ने महिलाओं की उन्नति और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की पहल की है।  इससे पहले हरियाणा के उद्योग एवं पर्यावरण मंत्री श्री विपुल गोयल ने केंद्रीय मंत्री श्रीमति स्मृति के फरीदाबाद पहुंचने पर हृदय से आभार व्यक्त किया।  गोयल ने कहा कि श्रीमति ईरानी जिस ओहदे हैं पर इसके बाद भी ज़मीन से जुड़ कर कार्य करती है ये सभी के लिए बड़ा पाठ है। गोयल ने कहा कि कांग्रेस अपनी करनी का फल भुगत रही है, और ऐसी पार्टी को उखाड़ फेकने का बीजेपी ने जो बीड़ा उठाया है उसकी द्वज वाहक बहन ईरानी बनी है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राहुल गांधी को उनके संसदीय क्षेत्र अमेठी से उखाड़ फेकने में एक या दो दिन का वक्त नहीं लगा है वर्षों संघर्ष करना पड़ा है, लाभ हानि की चिता किए बिना बहन स्मृति ने अमेठी की जनता में भरोसा जगाया है तब जा कर अमेठी ने उन्हें अपना सांसद चुना है, स्मृति ईरानी जी वहां के लोगों के हर सुख-दुख में हमेशा शरीक होती हैं, गोयल ने कहा कि आपको ये जानकर हैरानी होगी कि श्री राहुल गांधी अपने सांसद मद का बजट भी खर्च नहीं कर पाए जबकि अमेठी का हाल बदहाल था जिसे सुधारने में स्मृति ईरीनी जी ने खूब पसीना बहाया। फरीदाबाद में सशक्त शक्ति योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमज़ोर परिवारों को चरखा दे कर 25-25 महिलाओं के ग्रुप में KVIC खादी एण्ड विलेज कमीशन इंडस्ट्रीज के द्वारा 15 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद महिलाओं को KVIC कच्चा माल देगी और महिलाओं द्वारा बनाए गए सूत को वापस खादी केंद्र तक पहुंचाने का कार्य भी KVIC ही करेगी। हर महीने महिलाएं जितना भी प्रोडक्शन करेंगी उसके मुताबिक हर महिला के खाते में उसी के मुताबिक रुपए भी आएंगे। विपुल गोयल ने कहा कि अगर बहनें दिन में 6 से 8 घंटे तक चरखा चलाती हैं तो वो महीने में 8000 रुपया तक कमाई कर सकती हैं जो परिवार के लिए बड़ा सहारा होगा।

( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )


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