फरीदाबाद के सेक्टर 23 इलाके में दिखा दबंगो का कहर जिन्होंने न सिर्फ राह जाते लोगो की जमकर पिटाई की बल्कि महिलाओ के साथ भी अश्लीलता के साथ पेश आये और उनके साथ गाली गलौच करते हुए हाथापाई भी की जिन्हें स्थानीय लोगो ने मोबाइल में कैद कर लिया। सबसे बड़ी बात यह रही की जिस महिला के साथ इन्होंने हाथापाई की उस बहादुर बेटी ने इन दबंगो की गुंडागर्दी का विरोध ही नहीं किया बल्कि लाठी उठाकर उनके पीछे दौड़ पड़ी इस नज़ारे को देखकर हमेशा से इन दबंगो के सामने दुबकने वाले सेक्टर वासी भी जोश में आ गए और नतीजतन तीन दबंगो में से एक को दबोच लिया गया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया हालांकि इस हाथापाई में बहादुर बेटी के शरीर पर कई चोटें भी आयी इसके बावजूद उसने बिना किसी खौफ के महिला थाने में देर रात अपना बयान दर्ज करवाया । पुलिस ने आखिरकार कई बिभिन्न धाराओ के तहत मामला दर्ज कर लिया है लेकिन बहादुर बेटी और स्थानीय लोग अभी भी पुलिस पर ढीली कार्यवाही करने का आरोप लगा रहे है वहीँ बहादुर बेटी ने साफ़ कहा है की यदि पुलिस ने सभी को गिरफ्तार नहीं किया तो वह अपने बच्चो समेत ट्रेन के आगे कूद जायेगी। इस बहादुर बेटी का नाम आशा है जो पेशे से जिम ट्रेनर है.
मोबाइल फुटेज की फोटो में दिखाई दे रहा यह दबंगई का नज़ारा फरीदाबाद के सेक्टर 22 -23 का है जहाँ बाइक पर जा रहे एक युवक को मामूली कहासुनी पर इन दबंगई ने अपनी बाइक से उतरकर जमकर पीटना शुरू कर दिया लेकिन उसके बचाव में कोई नहीं आया. जब उनका मन भर गया तो वह वहां से चलते बने. इसके बाद यह दबंग सेक्टर 23 में अपनी बाइक पर पहुचे उस वक्त बाइक पर तीन दबंग सवार थे जो मुजेसर गाव के रहने वाले बताये गए है. शिकायतकर्ता जिम ट्रेनर आशा शेखावत ने बताया की मुजेसर गाव में 7 – 8 लड़के है जो बाइक पर सवार होकर इस सेक्टर में पिछले तीन – चार महीने से आतंक फैला रहे है और राह चलती लड़कियों और महिलाओ को पीछे से हाथ मारना और अश्लील फब्तियां कसना इनका रोज का काम है और कल शाम जब वह जिम से आ रही थी तो उसने देखा की वह एक लड़की के साथ बदतमीज़ी कर रहे है और कोई भी उसे बचाने के लिए आगे नहीं आ रहा तो उससे रहा नहीं गया और उसने अपना विरोध जब इन लड़को के आगे किया तो उन्होंने उसके साथ हाथापाई की और गालियां दी यहाँ तक की यह भी कहा की इसका 376 ( रेप ) बनाना पडेगा। उसने बताया की इस पर उसने लाठी उठा ली और उन पर टूट पड़ी यह देखकर सेक्टरवासी भी उसकी मदद के लिए आगे आये और जिसके चलते वह एक लड़के को पकड़ने में कामयाब हो गए जिसे पुलिस के हवाले कर दिया गया है. पीड़िता ने बताया की यह युवक बाइको पर हर रोज देर रात तक हुड़दंग मचाते है. लेकिन लोग डर के मारे कोई विरोध नहीं करते। उसने बीजेपी सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के ऊपर सवाल उठाते हुए कहा की इस इलाके में बेटियां और महिलाये बिलकुल सुरक्षित नहीं है उसने सरकार से अपील की – कि यदि बेटियो को पढ़ाना और बचाना है तो ऐसे असमाजिक तत्वो के खिलाफ सरकार सख्त कार्यवाही करे नहीं तो बेटियो का गला दबा दे. बहादुर बेटी ने साफ़ कहा है की यदि पुलिस ने सभी को गिरफ्तार नहीं किया तो वह अपने बच्चो समेत ट्रेन के आगे कूद जायेगी।
वहीँ सेक्टरवासियों ने भी अब इस बहादुर बेटी की हिम्मत के बल पर इन अमाजिक तत्वो के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही है. उनका कहना था की इस लड़की की हिम्मत देखकर अब वह चुप नहीं बैठेंगे। स्थानीय निवासी अनूप सोनी ने कहा की अब मुजेसर गाव से दबंगो की तरफ से उसे धमकी मिली है की शिकायतकर्ता महिला तो कभी ना कभी चली जायेगी उसके बाद तुम लोगो और तुम्हारे बच्चो को हम लोग देख लेंगे। उन्होंने आरोप लगाया की पुलिस कार्यवाही के दौरान इतने बड़े मामले को लेकर पुलिस संवेदनशील दिखाई नहीं दी. उन्होंने आरोप लगाया की इस मामले में राजनितिक दबाव भी डाला जा रहा है जिसके चलते पुलिस की चाल धीमी दिखाई दे रही है. उन्होंने चेतवानी दी की यदि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही नहीं की गयी तो वह सेक्टर 23 की सड़को को जाम करेंगे।
इस पूरे मामले पर महिला थाने की जांच अधिकारी ने बताया की शिकायत के आधार पर मामला विभिन्न धाराओ में दर्ज कर लिया गया है और जल्दी ही फरार प्रिंस और सन्नी को गिरफ्तार कर दिया जाएगा। पुलिस अधिकारी ने ने बताया की सेक्टर 23 में कल जब आशा नाम की महिला जिम से घर लौट रही थी तब बाइक पर सवार तीन लड़को ने उससे छेड़खानी की और विरोध करने पर महिला से हाथापाई भी की. पुलिस ने बताया की इस मामले में आरोपियों की लोगो के बयान के आधार पर पहचान करवाई गयी है.
सरेआम मारपीट और महिलाओ से छेड़खानी के चलते सेक्टर 22 – 23 के लोग दहशत में है लेकिन सवाल उठता है की पिछले तीन – चार महीनों से आखिरकार लोग इनका जुल्म क्यों सहन कर रहे थे लेकिन बहादुर महिला के आगे आने के बाद डरे हुए सेक्टरवासी भी अब आर पार की लड़ाई के लिए अब अपना मन बना चुके है. यदि यह लोग पहले ही इन दबंगो के खिलाफ आवाज़ उठाते तो इन लोगो के हौसले इतने बुलंद न होते जिसका खामियाजा इलाके की माँ बहनो को भुगतना पड़ा. देखना है की अब पुलिस प्रशासन इस मामले को लेकर कितनी कड़ी कार्यवाही करती है.