फरीदाबाद – तीन दिवसीय द्वितीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन का हुआ समापन – राज्यपाल ने दी किसानों को इनामी राशि – इस्पात मंत्री ने कहा की किसानों और उपभोगता में होना चाहिए सीधा संपर्क।
TODAY EXPRESS NEWS FARIDABAD : हरियाणा सरकार द्वारा यहां सूरजकुण्ड के मेला ग्राउण्ड में आयोजित किए गए तीन दिवसीय द्वितीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन 2017 के समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह में आज हरियाणा के राज्यपाल प्रो0 कप्तान सिंह सोलंकी बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पहुचे। इस मौके पर रामविलास शर्मा कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनकड परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रुपाला और केंद्रीय इस्पात इस्पात मंत्री बिरेंद्र सिंह भी मौजूद रहे। वही मेले के समापन पर किसानों को पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया. वहीँ इस्पात मंत्री ने कहा की किसानों और उपभोगता में होना चाहिए सीधा संपर्क। द्वितीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन 2017 समापन के मौके पर विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट रहे किसानों को पुरूस्कृत किया। राज्पाल प्रो0 सोलंकी ने सहकारिता समिति पुरस्कार वितरण के अन्तर्गत आठ किसानों को 25-25 हजार रूपए की सम्मान राशि व शाल भेंट किए। इनमें दी हरियाणा स्टेट को-आप्रेटिव अपैक्स बैंक लिमिटिड की ओर से बलदेव सिंह सैनी व वेद प्रकाश कुलहारिया, दी हरियाणा स्टेट फैडरेशन ऑफ को-आप्रेटिव शूगर मिल्ज लिमिटेड की ओर से ज्ञान सिंह घई, सुरेन्द्र कांत व रामेश्वर, हैफेड की ओर से धर्मबीर व सुरजित तथा हरियाणा डेरी फैडरेशन की ओर से यह सम्मान पाने वालों में रविन्द्र शामिल रहे। इसके अलावा किसान जयपाल सिंह को सोनालिका ट्रेक्टर भी उपहार के रूप में दिया गया. हरियाणा के राज्यपाल प्रो कप्तान सिंह सोलंकी ने अपने संबोधन में कहा कि न्यू इंडिया की परिकल्पना को हासिल करने के लिए हमें किसानों को आगे बढाना होगा और यदि भारत जैसे कृषि प्रधान देश में एक व्यक्ति एक कदम आगे बढायेगा तो भारत 125 करोड कदम आगे बढ जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान की प्रगति में ही देश की प्रगति है और 21वीं सदी भारत की सदी होगी। यह विचार आज यहां उन्होंने द्वितीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन बतौर मुख्य अतिथि तौर पर किसानों को संबोघित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा की सम्मेलन को वे दूसरी दृष्टि से देखते हैं और इस प्रकार से सम्मेलन के आयोजन से 21वीं सदी में नए भारत का उदय होना शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही आयोजित हुए इंडिया कन्कलेव में न्यू इंडिया की बात कर रहे थे लेकिन तभी संभव है जब किसान की प्रगति होगी और देश की प्रगति भी होगी। उन्होंने कहा कि नए प्रयास और दिशा शुरू हो गई है और भारत 21वीं सदी में अग्रणी होने के लिए बढने लगा है। उन्होंने कहा कि भारत में 60 प्रतिशत किसान हैं और किसान की प्रगति में ही देश की प्रगति है और इस सम्मेलन में किसानों, खेती से जुडे लोगों को बुलाकर आगे के लिए चर्चा की गई है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के अपना स्वर्ण जंयती वर्ष मना रहा है और इस मौके पर यह सम्मेलन का महत्व और भी बढ जाता है ओर इसके लिए उन्होंने आयोजकों को बघाई भी दी। इस मौके पर कृषि मंत्री ओ पी धनकड़ ने तीन दिवसीय कृषि सम्मलेन को एक कामयाब आयोजन बताया और कहा की इस सम्मलेन में पहले दिन देसी गाय के ऐ 2 दूध के प्रमोशन पर चर्चा की गयी और किसानों को देसी गाय के दूध की महत्वता बतायी। उन्होंने बताया की पहले दिन गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस सम्मलेन का उद्घाटन किया था वहीँ दुसरे दिन पैरी अर्बन एग्रीकल्चर और फिशरीज पर फोकस किया गया. इस दिन वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे वहीँ शाम को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने मेले का अवलोकन किया और पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने बताया की एनसीआर के करोडो के बाजार पर उनकी निगाह बनी हुई है इसी तरह आज तीसरे और आखरी दिन रिस्क मैनेजमेंट क्लामेक्स स्मार्ट एग्रीकल्चर और ई नेम विषय पर चर्चा हुई की राष्ट्रीय कृषि बाजार कैसे विकसित हो. आखरी दिन हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री पृरूषोत्तम रुपाला और इस्पात मंत्री बीरेंदर सिंह के अलावा शिक्षा मंत्री रामबिलास , कृष्णलाल पवार के अलावा अनेक देशो के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया की इन तीन दिनों में प्रतिदिन एक किसान को ट्रेक्टर इनाम में दिया गया वहीँ दर्जनों किसान रतन अवार्ड जिनमे सब्जी रतन , फूल रतन , मत्स्य रतन आदि कैटागिरी के एक लाख प्रति इनाम किसानों को दिए गए. इसके अलावा 25 हजार रूपये के इनाम भी दर्जनों किसानो को कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने पर दिए गए. मुख्य अतिथि के रूप में पहुचे इस्पात मंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा की किसान से लेकर अंत तक सात सीढिया पार करनी पड़ती है विचौलियों को ख़तम करने के लिए हमारी कोशिश है की इन सात सीढियो को चार सीढियो में बदल दे. सरकार चाहती है की किसान और उपभोगता में सीधा रिश्ता कायम हो तभी किसान को फायदा होगा। उन्होंने कहा की किसान को आज के दौर में मार्कीटिंग भी सीखनी चाहिए जिसमे सरकार को भी आगे बढ़कर किसान की मार्कीटिंग में मदद करनी चाहिए।