पुलिस लॉकअप में कपड़े उतार कर बंद करना मानव अधिकारों का उल्लंघन है : हरियाणा मानव अधिकार आयोग

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Haryana Human Rights Commission

Today Express News / Report / Ajay verma / हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग द्वारा भेजी गई एक पिटिशन पर निर्णय देते हुए कहा की हरियाणा के पुलिस लॉकअप में किसी व्यक्ति को कपड़े उतार कर बंद करना पूर्णतया मानव अधिकारों का उल्लंघन है . सुरेश कुमार सोनीपत के निवासी द्वारा सन 2015 में हरियाणा मानव अधिकार आयोग में दरखास दी गई थी कि वह और उसका भाई जो कि एक मामले में किसी फौजदारी केस के चश्मदीद गवाह थे को उस केस के अभियुक्तों ने गवाही न देने के लिए कहा और धमकी भी दी उन्होंने भला बुरा जाति सूचक शब्द भी कहे जिसकी शिकायत उसने पुलिस थाने में की परंतु पुलिस के कर्मचारियों ने उल्टा उन्हीं से दुर्व्यवहार किया और 107 151 में उन्हें लॉकअप में बंद कर दिया और उन को निर्वस्त्र कर दिया गया।शिकायत कि जांच के बाद मानव अधिकार आयोग ने पुलिस कर्मचारियों को इसमें दोषी माना तथा दोनों पीड़ित व्यक्तियों को पंद्रह ₹15000 मुआवजा देने के लिए सरकार को कहा था।

गृह विभाग द्वारा यह मामला मानव अधिकार आयोग के संज्ञान में अब दुबारा लाया गया कि एसपी सोनीपत ने उन आरोपों को जो पुलिस पर लगे थे को ना सिर्फ झूठ बताया है बल्कि यह भी अपने जवाब में कहा की लॉकअप में कोई अभियुक्त आत्महत्या ना कर ले इसलिए लॉकअप में बंद करते हुए व्यक्तियों के कपड़े उतारने पड़ते हैं इस बात पर मानव अधिकार आयोग ने अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की है तथा हरियाणा सरकार को निर्देश दिए हैं कि यदि इस प्रकार की कोई कार्रवाई जैसा कि एसपी सोनीपत के कहने से लगता है कि हरियाणा में हो रही है तो उसे तुरंत रोक दिया जाए तथा संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया जाए इस प्रकार की अमानवता किसी भी व्यक्ति के साथ हरियाणा में नहीं होनी चाहिए। मानव अधिकार आयोग ने पुलिस हिरासत में किसी भी व्यक्ति को निर्वस्त्र किया जाने को पूर्णता अनुचित एवं उसके मानव अधिकारों के खिलाफ बताया है.

 

 

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