TODAY EXPRESS NEWS ( REPORT BY AJAY VERMA ) पलवल, 16 अक्तूबर। जिला के सभी ईंट-भट्टे मालिकों को निर्देश दिए गए है कि कोई भी भट्टा बिना जिग-जैग तकनीक व बिना लाईसैंस के पाया गया तो उसके खिलाफ स त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक योगेन्द्र सिंह ने बताया कि सभी जिग-जैग तकनीक से बनाए जाने वाले ईंटों के भट्टे वर्तमान भट्ठों से बिल्कुल विपरीत होते हैं। जिग-जैग तकनीक वाला ईंट-भट्टा चौरस होता है। जबकि पुरानी तकनीक वाला भट्ठा लंबा व गोलाकार होता है। पुरानी तकनीक वाला भट्टा काला धुंआ छोडता है जो वातावरण में मौजूद हवा को जहरीला कर देता है। जबकि जिग-जैग तकनीक वाला भट्टा सफेद धुआ छोडता है। जिसमें हानिकारक तत्व की मात्रा काफी कम होती है।
उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी) क्षेत्र में पडऩे वाले ईंट भट्टों की जिग-जैग न अपनाने पर बंद करने के आदेश जारी किए गए हैं। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार एनसीआर क्षेत्र में जिन ईंट भट्टों ने अभी तक जिग-जैग इंड्युक्ड ड्रा ट्स तकनीक को नहीं अपनाया है वे भट्टे चार माह यानी अक्टूबर से जनवरी तक बंद रहेंगे। हवाले से साफ कर दिया गया है कि इस साल के अंत तक सभी ईंट भट्टों जिग-जैग तकनीक को अपनाए अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहें। जिला पलवल में इस समय 151 ईंट भट्टे हैं।