TODAY EXPRESS NEWS / REPORT / AJAY VERMA / फरीदाबाद, 1 फरवरी। पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जिला स्तर पर पूर्ण ईकाईयां स्थापित की जाएंगी। अभी तक यह बोर्ड केवल प्रदूषण को रोकने का काम ही जिलास्तर पर कर रहा है। जब कि पर्यावरण संरक्षण का काम चंडीगढ़ में होता है। पर्यावरण संरक्षण की चुनौतियों को देखते हुए राज्य सरकार जल्दी ही पर्यावरण संरक्षण की यूनिट भी जिला लेवल पर स्थापित करेगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने शनिवार को दोपहर बाद मानव रचना विश्वविद्यालय में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास एवं दक्षिणा फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित पर्यावरण चुनौतियां एवं समाधान विषय पर अंतर्राष्टï्रीय सम्मेलन को मुख्य अतिथि के तौर संबोधित करते हुए यह घोषणा की। सम्मेलन के दूसरे दिन सभागार में आयोजित इस समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पर्यावरण एवं जल संरक्षण की दिशा में बहुत से नए कार्यक्रम शुरू किए हैं। जल संरक्षण के लिए धान की फसल का रोपाई क्षेत्र प्रदेश में पचास हजार हैक्टेयर कम हो गया है। किसानों ने स्वेच्छा से धान लगाना छोड़ दिया है। एक किलो धान उत्पादन में पांच हजार लीटर पानी खर्च हो जाता है। सरकार की पहल पर कुछ लोगों ने तो चावल खाना तक छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार वृक्षारोपण की एक प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत स्कूली विद्यार्थियों को एक पौधे के पालन-पोषण पर तीन वर्ष में तीन सौ रूपए दिए जाते हैं। यह इसलिए कि तीन वर्ष तक पौधे की देखभाल होती रहे। श्री मनोहर लाल ने कहा कि आमतौर पर पर्यावरण संरक्षण तथा प्रदूषण पर अंकुश लगाने की तकनीक काफी मंहगी होती हैं। सरकार की स्टार्ट अप जैसी योजनाओं व प्रोत्साहन के परिणामस्वरूप कुछ ऐसे गैर सरकारी संगठन, समाजसेवी व शिक्षण संस्थाएं हैं, जिन्होंन पर्यावरण अनुसंधान में सराहनीय कार्य करते हुए नए अविष्कार किए हैं। जो कि काफी सुलभ हैं। अनेक महिलाओं ने भी अपनी रचनाधर्मिता दिखाते हुए पंचभूत तत्वों के संरक्षण की दिशा में प्रशंसनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि प्रकृति हमारी मित्र है और इसकी रक्षा करना हमारा परम कत्र्तव्य है। यूएनओ ने भी इस बात पर जोर दिया है कि आर्थिक विकास के साथ पर्यावरण को संरक्षित रखना जरूरी है। दोनों में संतुलन होगा, तभी मानव जीवन सुरक्षित रह सकता है। इस अवसर पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्टï्रीय सचिव अतुल कोठारी, संजय स्वामी, डा. पंकज मित्तल तथा यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. प्रशांत भल्ला ने भी अपने विचार रखे। मानव रचना यूनिवर्सिटी की ओर से मुख्यमंत्री को उनके द्वारा लगाए गए वृक्ष का क्यूआर कोड भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, विधायक नरेंद्र गुप्ता, सीमा त्रिखा, गोपाल आर्य, अजय गौड़, डा. अमित भल्ला, गोपाल शर्मा, अमित आर्य, उपायुक्त यशपाल यादव व अतिरिक्त उपायुक्त रामकुमार सिंह भी उपस्थित रहे। समारोह में मुख्यमंत्री ने मानव रचना प्रज्ञान सम्मान से असम के फोरेस्ट मैन जादव मोला पायेंग, वाटरमैन राजेंद्र शर्मा, अधिवक्ता एम सी मेहता, शिवालिक प्रिंट्स के मालिक नरेंद्र अग्रवाल, परमित सांघवी को सम्मानित किया। यंग अचीवर अवार्ड कुमारी अजयादीप तथा डा. ओपी भल्ला एक्सेलेंसी अवार्ड इंडियन ऑयल कार्पोरेशन एवं मानव रचना विशेष पुरस्कार भारत विकास परिषद की फरीदाबाद शाखा को दिया गया। को पुरस्कृत किया गया। प्रोजेक्ट अवार्ड में तीसरा 21 हजार का पुरस्कार जेसी बोस युनिवर्सिटी, दूसरा 31 हजार रूपए का मानव रचना वि.वि. की टीम व प्रथम पुरस्कार 51 हजार रूपए का आईएएसई विश्वविद्यालय सरदारशहर की टीम को दिया गया। नए स्टार्ट अप में मुख्यमंत्री ने यूथ जलसा पुरस्कार फार्मबुक सोल्यूशन, पार्क इन, ली कॉफ, स्मार्ट टी, अटावेयर बायोडिग्रेबल, नैनामैटिरियल बेस्ड पोर्टेबल वाटर ट्रीटमेंट सिस्टम को आईडिया प्रोजेक्ट को दिया। इनको अढाई-अढाई लाख की राशि दी जाएगी। इस मौके पर उपासना अग्रवाल, प्रो. आलोकदीप, डा. संजय श्रीवास्तव, डा. एम.एम. कथूरिया, एच के बत्रा, ललित गोस्वामी, रमणीक प्रभाकर, योगेश सैनी, पूजा इत्यादि उपस्थित रहे।