नेशनल अवार्डी कलाकारों ने मेले की चौपाल पर श्री कृष्णलीला की प्रस्तुति देकर बांधा समां – दर्शको हुए भक्ति में भावविभोर

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TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA ) थीम स्टेट उत्तर प्रदेश के मथुरा के कलाकारों द्वारा राधा कृष्ण के किरदार पर सूरजकुंड मेले की चौपाल पर बरसाने की फूलो की होली का भव्य कार्यक्रम पेश किया गया. जिसमे पिछले 20 वर्षो से साधना कर रही कलाकार गीतांजलि शर्मा ने राधा के किरदार में प्रस्तुत किया। इस भव्य प्रस्तुति से चौपाल पर पूरा माहौल राधा – कृष्णमय हो गया और लोग भक्ति में भाव विभोर हो गए मानो वह मथुरा के बरसाने में पहुंच गए हो.  यह महान कलाकार जहाँ स्वच्छ भारत की ब्रांड अम्बेस्डर है वहीँ इन्हे संगीत अकेडमी का सबसे बड़ा बिस्मिल्ला खान राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुका है. यही नहीं गीतांजलि को उत्तर प्रदेश का सबसे सर्वोच्च सम्मान यश भारती से भी नवाजा जा चुका है और आज गीतांजलि मथुरा के युवाओ और बच्चियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन चुकी है और उन्हें संगीत और नृत्य की शिक्षा भी दे रही है.  
 
मेले की चौपाल पर बरसाने की मशहूर फूलो की होली का कार्यक्रम आज मशहूर कलाकार गीतांजलि शर्मा के नेतृत्व में प्रस्तुत किया गया जिसमे गीतांजलि ने राधा का किरदार निभाया। कलाकारों की इस प्रस्तुति से चौपाल पर पूरा माहौल राधा – कृष्णमय हो गया और  दर्शक बिना पलक झपकाए इस प्रस्तुति का आनंद लेते देखे गए. करीब 15 मिनिट तक लगातार दी गयी इस प्रस्तुति को देख दर्शको ने जमकर तालियां बजायी और भूरी – भूरी प्रशंसा की. 
ख़ास बातचीत करते हुए कलाकार गीतांजलि शर्मा ने बताया की वह पिछले 20 सालो से अपनी पप्रस्तुति दे रही है और अब तक वह तीन हजार से जायदा शो कर चुकी है. उन्होंने बताया की इंडियन मेथोलॉजी में कृष्ण और राधा का बड़ा ही ऊंचा स्थान है और उस रूप में परफॉर्म करना उतना ही मुश्किल है. मैं आज भी सीखने का प्रयास करती हूँ. इन सफल प्रस्तुतियों के लिए उसने बीस साल की साधना की है और वह सिर्फ यह किरदार नहीं निभाती बल्कि उस किरदार को दिल से जीती है तभी परफॉर्मेंस निकलकर आती है. 
 
अब तक की अपनी कहानी बयाँ  करते हुए गीतांजलि शर्मा ने बताया की बीस साल पहले जब मैंने इस क्षेत्र में कदम रखा तब मथुरा में कोई लड़की नृत्य नहीं करती थी. उस समय में नृत्य को अच्छा पेशा नहीं समझा जाता था. जिसके लिए उसे और उसके परिवार को बहुत कुछ सहना पड़ा. गीतांजलि ने बताया की पहले के दौर के मुकाबले आज का समय बिलकुल बदल गया है क्योंकि यह टीवी का ज़माना है. आज टीवी पर बहुत सारे डांस के लाइव शो आते है. जिसके चलते आज मथुरा में बहुत सारी बच्चियां इस कला को सीख रही है जिन्हे मैं सीखाती हूँ. लेकिन जब मैंने  सीखना शुरू किया था तब बहुत ही संघर्ष का समय था और यदि मैं उस संघर्ष से नहीं जूझती तो आज इस मुकाम पर नहीं होती। आज समाज का बड़ा योगदान रहा है मुझे मजबूत बनाने में. मैंने दिल से साधना की तो उसके बदले इश्वर ने मुझे आज बहुत कुछ दिया। ये सच है की सच्चे मन से साधना करने पर निश्चित रूप से फल मिलता है फिर चाहे वह योग साधना हो , इश्वर साधना , संगीत साधना हो या फिर किसी भी क्षेत्र की साधना हो. इसी साधना की वजह से मुझे बहुत सारे अवार्ड मिले है समाज में वो स्थान मिला है और सेलिब्रिटी का दर्जा मिला है. उन्होंने बताया की आज मैं स्वच्छ भारत की ब्रांड अम्बेस्डर हूँ और युवाओ और बच्चियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हूँ. इसके अलावा मुझे संगीत अकेडमी का सबसे बड़ा बिस्मिल्ला खान राष्ट्रीय अवार्ड भी मिल चुका है. उसने बताया की यही नहीं उसे उत्तर प्रदेश का सबसे सर्वोच्च सम्मान यश भारती से भी नवाजा जा चुका है जिसके लिए वह अपने गुरुजनो के अलावा अपने माता पिता का सम्मान करती है जिनकी वजह से उसका जन्म इस धरती पर हुआ. 
 
वहीँ कृष्ण का किरदार निभाने वाले और गीतांजलि की शिष्या तन्वी शर्मा ने बताया की वह पिछले आठ साल से अपनी गुरु माँ गीतांजलि शर्मा के साथ परफॉर्म कर रही है और यह सब उसे उसकी गुरु  गीतांजलि ने सिखाया है. मेरी गुरु ने मुझे एक ही मूलमंत्र दिया था की जो भी करो वह दिल से करो नहीं तो बेशक मत करो. 
 
चौपाल पर राधा कृष्ण की बरसाने वाली होली की प्रस्तुति देख दर्शक भी भाव विभोर हो गए और बिना पलक झपकाए इस प्रस्तुति का आनंद लेते देखे गए. दर्शको का कहना था की बरसाने की मशहूर फूलो की होली और कृष्णलीला देखकर उन्हें ऐसा लगा मानो वह सूरजकुंड में नहीं मथुरा – वृन्दावन के बरसाने में पहुंच गए हो. दर्शको ने इस प्रस्तुति की जमकर तारीफ की. 
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