TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA )पलवल: जातीय आरक्षण विरोधी मंच के संस्थापक सतीश भूटानी ने सोमवार को दलित संगठनों के हुए हिंसात्मक प्रदर्शन की कड़ी शब्दों में आलोचना करते हुए मांग की है कि सरकारी संपत्ति के नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से की जाए तथा उनके खिलाफ ठोस मुकदमे दर्ज कर तुरन्त गिरफ्तारी की जाए। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब इस तरह की जातीय हिंसा को रोकने के लिए एकजुट होना जरूरी है। उन्होंने उन दलित नेताओं से भी अपील की है कि वे एससी एसटी कानून में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करें। सुप्रीम कोर्ट ने एससीएसटी कानून खतम नहीं किया बलिक अरेस्टिंग पर तुरंत गिरफ्तारी को हटाया है। मुकदमा दर्ज करने से पहले जांच की बात कही है। इसमें दोनों पक्षों का भला है।
श्री भूटानी ने कहा कि जातीय आरक्षण केवल वोटों की राजनीति के सिवा कुछ नहीं है। सरकार को चाहिए कि जातीय आरक्षण समाप्त करे तथा अधिक जरूरत होने की आवश्यकता पडऩे पर आर्थिक आधार पर आरक्षण प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस व प्रशासन द्वारा बनाई गई वीडियो क्लिपों, सोशल मीडिया में चल रही वीडियो क्लिपों के आधार पर पहचान कर सभी के खिलाफ मुकदर्ज करने चाहिएं।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को जाने बगैर दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्रवान कर दिया। श्री भूटानी ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि वे बारीकी से छानबीन कराकर पता लगाए कि इस आंदोलन में हथियार, डंडे कहां से आए। किन किन तत्वों ने इसमें अहम भूमिका रही।