TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA ) फरीदाबाद की सडकों पर उतरी सैंकडों महिलाओं ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए मुर्दाबाद के नारे लगाये, बता दें कि 19 जनवरी से सभी आशा वर्कर सिविल अस्पताल के बाहर धरने पर बैठी हुई हैं जिनकी मांग है कि सभी आशा वर्कर को पक्का किया जाये और समान काम समान वेतन लागू किया जाये। इन्हीं मांगों को लेकर आशा वर्कर पिछले कई सालों से लगातार सरकार से लडाई लड रही हैं मगर अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है।
इस बारे में आशा वर्कर की प्रधान हेमलता से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में सरकार एक तरफ तो आशा वर्कर को सरकार रीढ की हड्डी कहती है और दूसरी ओर उसी रीढ को मजबूत करने की बजह कमजोर करने में लगी हुई है। आशा वर्कर दिन रात मेहनत कर स्वास्थ्य विभाग के सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर कार्य करते हैं जिसका मेहनता भी उन्हें नहीं मिलता है। इसलिये उनकी मांग है कि उन्हें पक्का किया जाये और जब तक प्रक्रिया चलती है तब तक समान काम समान वेतन दिया जाये।
वहीं सर्व कर्मचारी संघ के नेता सुभाष लांबा और नगर पालिका कर्मचारी नेता नरेश शास्त्री की माने तो आज उन्होंने आशावर्कर को समर्थन दिया है, और साफ तौर पर कहा कि सरकार आशावर्कर को अकेला न समझे सभी कर्मचारी संघ उनके साथ है और इस हडताल के दौरान स्वास्थ्य सेंवायें बंद होने के कारण किसी मरीज को कोई परेशानी होगी तो उसकी जिम्मेदार सरकार होगी।