TODAY EXPRESS NEWS : हरियाणा खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की चेयरपर्सन गार्गी कक्कड़ फरीदाबाद दौरे पर निकली और उन्होंने एनआईटी एक – दो चौक के पास सोहना खादी ग्रामोउद्योग मंडल के खादी इण्डिया शोरूम का अवलोकन किया और खादी तथा ग्रामोद्योग के उत्पादन देखे। इस मौके पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा की खादी हिन्दुस्तान का प्रथम हस्ताक्षर है और आज खादी ग्रामोद्योग का भविष्य बहुत उज्जवल है आज हरियाणा के तीन बोर्डो में खादी बोर्ड सबसे बड़ा बोर्ड है लेकिन हैरानी की बात है की पिछली सरकारों ने खाड़ी के प्रमोशन को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया। आज हमारे देश के प्रधानमंत्री की पहली पसंद खादी है और वह इसे लगातार प्रमोट कर रहे है. उन्होंने कहा की गांधी जी से लेकर मोदी तक खादी का सफर इतना आगे बढ़ चुका है की शायद आने वाले समय में इसकी डिमांड देखते हुए इसकी पूर्ती भी न हो पाए लेकिन अफ़सोस इस बात का है की पिछली सरकारों ने खादी को प्रमोट करने के लिए कुछ नहीं किया। चेयरपर्सन गार्गी कक्कड़ ने कहा की मैं समझती हूँ की आज खादी के प्रोडेक्ट लोगो तक नहीं पहुंच पा रहे है और खादी खरीदने के लिए लोग या तो दिल्ली , यूपी या फिर गुजरात में जाकर इसे ख़रीददते है हालांकि हरियाणा में खादी का भविष्य बहुत उज्जवल है लेकिन इसे जन जन तक पहुंचाने के लिए काम नहीं किया गया. आज लोग खादी को ढूंढते है की खादी कहाँ मिलेगी। पूरे हरियाणा में अभी तक खादी बोर्ड का कोई आउटलेट नहीं है और जो खुले हुए है वह कमिशनबेस पर चल रहे है. इसलिए बहुत जल्दी पंचकुला में खादीग्रामोद्योग बोर्ड का पहला आउटलेट हम खोलने जा रहे है इसके बाद पूरे हरियाणा में फ्रेंचाइज आउटलेट हम खोलने जा रहे है और मेरा मानना है की हर पांच किलोमीटर की दूरी पर खादी का एक मेगास्टोर होना चाहिए जिसमे लोगो को खादी वस्त्रो के अलावा ग्रामोउद्योग के उत्पाद भी एक ही छत के नीचे उपलब्ध हो. इसलिए दिवाली के आस पास हम हरियाणा में मेगस्टोर्स खोलेंगे। पत्रकारों को और जानकारी देते हुए चेयरपर्सन गार्गी कक्कड़ ने कहा की पहले गाँव के लोग और नेता खादी पहनते थे लेकिन आज सभी खादी का इस्तेमाल करने लगे है आज बहुत से डिजाइनर हमारे संपर्क में है जो खादी वस्त्रो को लेकर फेशन शो करना चाहते है यही नहीं आज दूल्हे दुल्हनों की ड्रेस भी खादी में डिजाइन होने लगी है उन्होंने लोगो से अपील की – कि सभी लोग हफ्ते में दो दिन देशहित में खादी के वस्त्रो का इस्तेमाल करे क्योंकि एक मीटर खादी बुनने से एक बुनकर के परिवार को एक वक्त का भोजन उपलब्ध होता है.
( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा के साथ मंजीत सिंह की रिपोर्ट )