TODAY EXPRESS NEWS ( REPORT BY AJAY VERMA ) फरीदाबाद 25 नवम्बर। थाना सराय ख्वाजा पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर सैंकड़ों करोड़ के धोखाधड़ी के मामलों में दोषियों के खिलाफ 6 मुकदमें दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। वहीं पीडि़त शरद अग्रवाल का कहना है कि अगर पुलिस ने दोषियों को पकडऩे में ढील बरती तो ये लोग विदेश भी भाग सकते हैं। इससे पहले दोषियों ने मुकदमें दर्ज होने से बचने के लिए शिकायतकर्ता को न केवल धमकियां दिलाई अपितु उनके खिलाफ फिरौती मांगने का झूठा मुकदमा दर्ज कराकर इस मामले को दबाने का प्रयास किया लेकिन माननीय न्यायाधीश की दूरदर्शिता के कारण पुलिस को ये मामले दर्ज करने पड़े।
शरद अग्रवाल कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर डिजाइन करते हैं। उन्होंने एक सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जिसकी कीमत हजारों करोड़ में थी। लेकिन उनकी कंपनी में काम कर रहे वर्कर शंकर ने जो कि साजिश के तहत शरद अग्रवाल की कंपनी में काम कर रहा था एक दूसरी कंपनी बना रखी थी जिसमें दिनेश गोयनका, इम्तियाज अहमद एवं ये सभी पार्टनर ने मिलकर शरद अग्रवाल का सॉफ्टवेयर चोरी किया और अपनी कंपनी के द्वारा देश एवं विदेश में करीब सवा सौ लोगों को कम रेट में यह सॉफ्टवेयर उपयोग करने के अधिकार किराये पर देने शुरू कर दिए।
शरद अग्रवाल ने अपने कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के कापी राइट ले रखे थे और जैसे ही उन्हें अपने साथ हुई इस धोखाधड़ी की सूचना मिली तो उन्होंने दोषियों के खिलाफ सबूत इकट्ठे करके उनके खिलाफ पुलिस में कार्यवाही करने की बात कही। इस पर तीनों दोषियों ने मिलकर उनसे माफी मांगी और इस सॉफ्टवेयर के द्वारा मिलने वाली रायल्टी में से एक हिस्सा देने की बात कही। लेकिन श्री अग्रवाल द्वारा मना किए जाने पर उन्होंने जुर्माने के तौर पर इस चोरी एवं धोखाधड़ी के संदर्भ में 250-250 करोड़ के 6 चेक दे दिए। बाद में दोषियों ने इस पेमेन्ट को क्लीयर होने से रोकने के लिए बैंक में सैटिंग कर ली जो कि शरद अग्रवाल द्वारा उनके बैंक में चेक डालने पर एक चेक बाउंस हो गया जिसका उन्होंने कोर्ट में केस डाल रखा है जबकि पांच चेक बैंक कर्मियों ने मिलीभगत करके दोषियों को वापिस दे दिए अथवा कहीं छुपा रखे हैं।
चेक के केस से बचने के लिए दोषियों ने शरद अग्रवाल के खिलाफ फिरौती मांगने का एक केस भी दर्ज कराया जो कि जांच में झूठा पाए जाने पर खारिज हो गया। उन्हें अंडरवल्र्ड के लोगों से धमकियां भी दिलवाई गईं। आलम यह हो गया कि वकीलों ने उनका केस लडऩे से इन्कार ही कर दिया। लेकिन जब उन्हें चंडीगढ़ के कुछ वकीलों से न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एवं बार एसोसिएशन फरीदाबाद के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट एल.एन. पाराशर के बारे में पता चला तो वे कोर्ट में न्याय पाने की हिम्मत जुटा पाए। श्री पाराशर ने इस मामले के तथ्य कोर्ट के समक्ष रखे जहां माननीय न्यायालय ने पुलिस को दोषियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करने के आदेश दे दिए।
थाना सराय ख्वाजा पुलिस ने शंकर कुमार इलियास उर्फ बदरुद्दीन खान, दिनेश गोयनका, इलियास शकील दुरियानी, इम्तियाज अहमद इम्तियाज छोटा इम्तियाज एवं इनकी साजिश में शामिल इस गिरोह के लोगों के खिलाफ मुकदमें नं. 1059, 1060, 1061, 1062, 1063, 1064, 1065 धारा 406, 419, 420, 465, 467, 468, 469, 470, 471, 506, 120बी, 34, आईटी एक्ट 43 एवं 66बी के तहत मामले दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।