चितौड़गढ़ के बागड़ी लौहार परिवार का हाथो से बना किचन का सामान बना आकर्षण का केंद्र

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TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA ) सूरजकुंड मेले में जहाँ हस्तशिल्पी दर्शको के आकर्षण का केंद्र बने हुए है वही चितौड़गढ़ राजस्थान से बागड़ी लौहार जाती का एक परिवार भी मेले में हाथ से बना रसोई का सामान लेकर आया है. इस परिवार की स्टाल हरियाणा के अपना घर के बाहर लगी हुई है. जहाँ घरेलु किचन का सामान चकला , बेलन , तवा , फ्राईपैन , कढ़ाई , मधानी , खुरपा आदि प्रदर्शित किया गया है. यही नहीं यह लौहार परिवार यहाँ अपने हाथो से सामान बनाता हुआ भी नज़र आएगा। हालांकि यह परिवार पिछले चौबीस सालो से इस मेले में आ रहा है. 
पिछले 24 सालो से मेले में चितौड़गढ़ राजस्थान से बागड़ी लौहार जाती का यह परिवार हाथ से बना रसोई का सामान लेकर आ रहा है. कड़ी मुशक़्क़त से लोहा कूटकर तैयार किया गया यह सामान दर्शको के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है जिसमे घरेलु किचन का सामान चकला , बेलन , तवा , फ्राईपैन , कढ़ाई , मधानी , खुरपा आदि सब शामिल है. 

लोहार राहुल ने बताया की 24 साल पहले उसके दादा मेले में हाथ से बना किचन का सामान लेकर आये थे और तब से हर साल उनका परिवार इस मेले में आ रहा है. जिसमे किचन के सभी जरूरी सामान शामिल है. उसने बताया की इस काम में उनके घर में 7 – 8 लोग लगे हुए है और वह मेलो में आते जाते रहते है. उसने बताया की लोहे के सामान को बनाने में कड़ी मेहनत लगती है और उनकी स्टाल पर जायदा से जायदा 600रूपये तक की आइटम रखी हुई है. – वहीँ  लोहार राहुल की पत्नी अंजलि ने बताया की वह घर का चौखा चूल्हा करने के अलावा घर के मर्दो के साथ यह सामान बनाने में मदद करती है. उसने बताया की वह पिछले साल भी इस मेले में आयी थी और उनके हाथ का बनाया सामान यहाँ हाथो हाथ बिक जाता है यही नहीं बाजारों में दुकानदार भी उनका सामान बेचने के लिए खरीदकर ले जाते है. अंजलि ने बताया की उनके यहाँ परम्परा है की महिलाये बचपन से ही हर काम करने में दक्ष होती है. 

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