गुरू नानकदेव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर पंज प्यारों का लिया आशीर्वाद

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गुरू नानकदेव जी के 550वें प्रकाशोत्सव पर फरीदाबाद के पूर्व महापौर अशोक अरोड़ा के सुपुत्र भारत अरोड़ा ने बडख़ल विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत एनएच-1, स्थित गुरूद्वारा सिंह सभा द्वारा निकाले जा रहे नगर कीर्तन में पंज प्यारों का फूल मालाओं व पटके पहनाकर स्वागत किया और उनसे आशीर्वाद लिया। इस मौके पर भारत अरोड़ा ने बडख़ल क्षेत्र के निवासियों को गुरू नानकदेव जी के प्रकाशोत्सव पर बधाई दी। श्री भारत ने कहा कि प्राचीन काल से भारत की धरती ऋषि-मुनियों एवं संतों की पावन धरा रही है व संस्कृति एवं सभ्यता को आगे बढ़ाने में हमेशा संतों का मार्गदर्शन रहा है। विभिन्न कालखंडों में अलग अलग महान संत, महात्माओं एवं ऋषियों ने अवतरित होकर भारतीय समाज में व्याप्त अन्याय, सामाजिक आर्थिक विषमता, निर्माण की कल्पना को मूर्त रूप देने के लिए निरंतर प्रयास किया। उन्होंने कहा कि भारत वर्ष अपनी अध्यात्मिक श्रेष्ठता के कारण ही विश्वमंच पर धर्म गुरू की उपाधि से अपनी अलग पहचान रखता है। गुरु नानक देव जी भारत की महानतम आध्यात्मिक विभूतियों में से एक थे। भारत और पूरे विश्व में महान संत और सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देवजी का 550वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। गुरुनानक देव की शिक्षाएं युवाओं के साथ-साथ समाज के लिए प्रेरणादायक हैं। गुरु नानक देव जी का जन्म ऐसे युग में हुआ, जब संसार में अधर्म, अत्याचार और जातिवाद चरम पर था। गुरुनानक देव जी सिखों के प्रथम गुरु थें। सिख धर्म की स्थापना 15वीं शताब्दी में भारत के उत्तर-पश्चिमी पंजाब प्रांत में गुरुनानक देव जी ने की थी। गुरुनानक देव जी के अनुयायी इन्हें गुरु नानक, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। इस मौके पर श्री अरोड़ा के साथ उनके छोटा भाई हरीश अरोड़ा व उनकी युवा टीम भी मौजूद थी।

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