TODAY EXPRESS NEWS (बिलाल अहमद) पीड़ित बुजुर्ग रफीक निवासी बिवां ने कहा 28 साल बाद पुलिस सब इंस्पेक्टर रतनलाल के न्याय देने पर पुलिस में जगी एक खास उम्मीद।
शांति सुरक्षा सहयोग का नारा देने वाली पुलिस पर लोगों का विश्वास बहुत ही कम होता है। लेकिन फिरोजपुर झिरका थाने में बतौर थाना प्रबंधक के पद पर तैनात सब इंस्पेक्टर रतनलाल लें एक बार फिर पुलिस पर विश्वास जमाने का काम किया है। यह बात उस समय सामने आई जब एक बुजुर्ग फिरोजपुर झिरका थाने के गेट से बाहर निकलते हुए थाना प्रबंधक अहिंसा के पुजारी ईमानदारी की मिसाल सब इंसपेक्टर रतनलाल को दुआओं से नवाजता जा रहा था। पूछने पर पीड़ित बुजुर्ग रफीक निवासी बिवां ने बताया कि वह काफी दिनों से अपने ही बेटे के आतंक से परेशान था उनका बेटा दूसरे लोगों की बातों में आकर उनके साथ बहुत बुरा व्यवहार करता था यहां तक की मारपीट पर भी उतारू हो जाता था। करीब 3 महीने पहले उसने इसकी शिकायत फिरोजपुर झिरका थाने में दी उस समय सब इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने थाने का चार्ज संभाला हुआ था। वह उन्हें किसी भी प्रकार का कोई न्याय नहीं दिला सका। जैसे ही थाना प्रबंधक सब इंसपेक्टर रतनलाल ने फिरोजपुर झिरका थाने का चार्ज संभाला तो चर्चाओं को सुनकर उन्हें न्याय की उम्मीद जगी। जैसे ही यह मामला थाना प्रबंधक रतनलाल के संज्ञान में आया तो उन्होंने तुरंत एक्शन लेकर कानूनी कार्रवाई की। पीड़ित बुजुर्ग रफीक का कहना है वास्तव में थाना प्रबंधक सब इंस्पेक्टर रतनलाल अहिंसा के पुजारी वह गरीबों के सच्चे मसीहा हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिस पर उनका बिल्कुल भी विश्वास नहीं था। लेकिन थाना प्रबंधक सब इंस्पेक्टर रतनलाल ने उनकी शिकायत पर कार्यवाही करते हुए पुलिस हुए पब्लिक के बीच बनी खाई वह संदेह को दूर किया है। बुजुर्ग बार-बार कह रहा था थाना प्रबंधक सब इंस्पेक्टर रतनलाल गरीबों के सच्चे मसीहा हैं। दूध का दूध पानी का पानी कर गरीबों को इंसाफ दिलाने का काम कर रहे हैं। कुछ इस तरीके की बातें कहते हुए दुआवो से नवाजते हुए यह बुजुर्ग अपने घर चला गया।