TODAY EXPRESS NEWS : चरखी दादरी। “मैं विनम्रता के साथ खट्टर साहब से अनुरोध करता हूँ कि दिल्ली सरकार की तरह वह भी हरियाणा के शहीदों के परिवारों को 1 करोड़ की सम्मान राशि देने की स्कीम शुरू करें।” शहीद रविंद्र के परिवार को
चरखी दादरी में आयोजित शहीद सम्मान समारोह में 1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि देने बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से ये अनुरोध किया।
केजरीवाल ने कहा, “हरियाणा, दिल्ली और पूरे देश को शहीद रविंद्र पर गर्व है। मैं दिल्ली की जनता की तरफ से यहां दिल्ली पुलिस के शहीद जवान रविंद्र के सम्मान समारोह में आया हूं। हमने अब तक 20 शहीदों के परिवारों 1-1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी है। दिल्ली सरकार अपने शहीदों के सम्मान में 20 करोड़ रुपये खर्च करके गरीब नहीं हो गई। ऐसा देश, ऐसा समाज, जिसमें शहीदों की शहादत का सम्मान नहीं होता, वो कभी तरक्की नहीं कर सकता।”
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ये भी कहा, “किसी की शहादत के बदले 1 करोड़ रुपये कुछ नहीं होते। एक मां से पूछो उसके बेटे के जान की कीमत क्या है? एक बीवी से पूछो कि उसके सुहाग की कीमत क्या है? एक बच्चे से पूछो कि उसके पिता के जान की कीमत क्या है? हमें अपने देश पर कुर्बान होने वाले शहीदों का सम्मान करना चाहिए। जो देश अपने शहीदों का सम्मान नहीं कर सकता वो देश कभी आगे नहीं बढ़ सकता। “
केजरीवाल ने कहा, ” मैं बहुत छोटा सा व्यक्ति हूँ। आज से पांच साल पहले मुझे कोई नहीं जानता था। मुख्यमंत्री बनने से पहले जब मैं देखता था कि कोई खिलाड़ी क्रिकेट मैच जीत कर आता था तो उसे ये कंपनी 1 करोड़ कर इनाम दे रही है, वो कंपनी 5 करोड़ का इनाम दे रही है। परन्तु बड़ा ही दुःख होता था, जब हमारा कोई जवान शहीद होता था तो कोई उसके परिवार को पैसा देना तो दूर की बात सांत्वना देने भी नहीं आता था। मैंने शहीदों के परिवारों को रोते हुए देखा है। जब कोई शहीद होता है तो केवल अख़बार में एक फोटो छप जाती है। इसके बाद
शहीदों के परिवारों को कोई नहीं पूछता। दिल्ली पुलिस में पहले कोई शहीद होता था तो उसके परिवार को एक सिलाई मशीन देते थे। ये भी शहीद का कोई सम्मान हुआ?
उस समय हम सोचते थे कि अगर भगवान की कृपा हुई और हमारी कभी चली तो सबसे पहले शहीदों के सम्मान में 1 करोड़ रुपये देंगे।”
केजरीवाल ने ये भी कहा, “14 फरवरी, 2015 को दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी और 24 फरवरी को हमने ये योजना लागू कर दी कि आज के बाद अगर कोई दिल्ली का रहने वाला सैनिक बाॅर्डर पर शहीद होता है, दिल्ली पुलिस का सिपाही अपनी ड्यूटी करते हुए शहीद होता है या दिल्ली फायर सर्विस का कोई सिपाही लोगों की जान बचाते हुए शहीद होता है तो दिल्ली सरकार उसके परिवार को 1 करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान करेगी। सरकार बनने के केवल10 दिन के अन्दर हमने देश पर शहीद होने वाले अपने सिपाहियों के लिए कानून बना दिया और पहला सम्मान हमने दिल्ली पुलिस के एक कर्मचारी के परिवार को दिया था।”
केजरीवाल ने कहा, “आप सभी जानते हैं कि दिल्ली में सरकार चलाना हमारे लिए कितना मुश्किल हो रहा है। केंद्र सरकार हमारे हर काम में रोड़ा अटका रही है। लेकिन
मोदी जी ने सबसे गंदा काम शहीदों के सम्मान में उनके परिवार को 1 करोड़ रुपये दिए जाने वाली स्कीम पर रोक लगाकर किया। इन अड़चनों से परेशान होकर हमें सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट से हमें अनुमति मिली, तब जाकर हम अपनी योजनाओं को दोबारा लागू कर सके।”
केजरीवाल ने कहा, “रविन्द्र जी सितम्बर, 2016 में शहीद हुए थे। आज ढाई साल बाद हम उनके परिवार को ये सम्मान राशि दे रहे हैं। ये कोई सम्मान नहीं हुआ। अगर हम रविन्द्र जी की शहादत के 15 दिन के अन्दर इनके परिवार को सम्मान राशि दे पाते, तब असली सम्मान होता।
( टुडे एक्सप्रेस न्यूज़ के लिए अजय वर्मा की रिपोर्ट )