TODAY EXPRESS NEWS / REPORT / AJAY VERMA / दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में दिनांक 10 से 13 फरवरी तक आयोजित होने वाली ‘इंडियन ओपन अंतर्राष्ट्रीय किकबॉक्सिंग प्रतियोगिता’ में फरीदाबाद के 25 खिलाडी, 5 प्रशिक्षक एवं 4 रेफ़री भाग लेंगे. ‘फरीदाबाद जिला किकबॉक्सिंग संघ’ एवं ‘हरियाणा किकबॉक्सिंग संघ’ के संस्थापक महासचिव श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया की ‘विश्व किकबॉक्सिंग महासंघ’ के निर्देशानुसार दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में दिनांक 10 से 13 फरवरी तक ‘इंडियन ओपन अंतर्राष्ट्रीय किकबॉक्सिंग प्रतियोगिता’ में फरीदाबाद के 25 खिलाडी, 5 प्रशिक्षक एवं 4 रेफ़री भाग लेंगे. फरीदाबाद जिले के खिलाडियों में ओम तेवतिया, भविष्य तोमर, सुजाता सोलंकी, रिद्धि तंवर, मेधांश सिंह, तन्मय शर्मा, रवीना शाह, निहाल सिंह रावत, स्वेता नागर, अंश मेंदीरत्ता, अमिति महाजन, ललिता, मोहित, निरल कुकरेजा, मोनल कुकरेजा, हिताली खत्री, योगिता कौशिक, हरवीन कौर, इशानी ग्रोवर, परिवेश धाकर, देव, डेलीशा बिस्वाल, गार्गी भटिआ, तत्त्व भरद्वाज, अंतरा बंसल, अमन हैं, एवं प्रशिक्षक के रूप में सचिन गुप्ता, अजय सैनी, अंजू शर्मा, भगीरथ शर्मा, योगेंदर, रेफ़री के तौर पर राजन राय, पुलकित भरद्वाज, सचिन एवं हरमनदीप कौर जाएंगे.
‘वाको इंडिया किकबॉक्सिंग महासंघ’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया इस प्रतियोगिता में भारत सहित विश्व के 12 देशों के लगभग 1000 चुनिंदा खिलाडी एवं अधिकारी भाग लेंगे. भारत में पहली बार आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता को तकनिकी दृष्टि से सफलता पूर्वक आयोजित करने के लिए क्रोएशिया से “वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ किकबॉक्सिंग ओर्गनइजेशन्स” के विश्व तकनिकी समिति के चेयरमैन श्री रोमियो डेसा, विश्व निर्णायक समिति के चेयरमैन एस्तोनिया से श्री यूरी लखतिकोव एवं ग्रेट ब्रिटैन से श्री ब्रायन बेक को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है. श्री अग्रवाल ने यह भी बताया की इस प्रतियोगिता में भारतीय खिलाडियों को बेहतरीन अंतर्राष्ट्रीय अनुभव मिलेगा.
क्या है किकबॉक्सिंग: किकबॉक्सिंग मार्शल आर्ट की एक आधुनिक हाइब्रिड शैली है जिसे पूर्व में फुल कांटेक्ट कराटे के नाम से जाना जाता था. कराटे की तकनीकों के साथ – साथ पश्चिमी मुक्केबाजी के आधार पर द्वितीय विश्व युद्ध के उपरांत विकसित हुई यह आधुनिक युद्धक कला आज एक विश्व व्यापी खेल का रूप ले चूका है. मार्शल आर्ट की इस आधुनिक शैली के विस्तार एवं नियंत्रण हेतु वर्ष 1977 में “वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ किकबॉक्सिंग ऑर्गनाइज़ेशन (वाको)” की स्थापना हुई जिसका मुख्यालय इटली में स्थित है. वाको द्वारा इस युद्धक कला के खेल प्रारूप को कुशलता पूर्वक विकसित किया गया जिसे युवाओं ने काफी तेजी से अपनाया और परिणाम स्वरुप आज विश्व के पाँचों महाद्वीपों के लगभग सभी देशों में वाको की राष्ट्रीय इकाइयां कार्यरत है. इसकी लोकप्रियता को देखते हुए 30 नवंबर 2018 को टोक्यो, जापान में आयोजित ‘इंटरनेशनल ओलम्पिक कमिटी’ की एग्जीक्यूटिव बोर्ड मीटिंग के दौरान वाको किकबॉक्सिंग खेल को मान्यता प्रदान कर दी गई जबकि ‘इंटरनेशनल वर्ल्ड गेम्स एसोसिएशन (आई.डब्लू.जी.ए.)’, ‘ओलम्पिक कौंसिल ऑफ़ एशिया (ओ.सी.ए)’, ‘वर्ल्ड एंटी- डोपिंग एजेंसी (वाडा)’, इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स फेडरेशन (फिसु)’, तथा ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ़ इंटरनेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशन (जी.ए.आई.एस.एफ.) जैसी अंतर्राष्ट्रीय खेल संस्थाओं से किकबॉक्सिंग को पूर्व से ही मान्यता प्राप्त है. भारत में किकबॉक्सिंग: भारत में “वाको किकबॉक्सिंग” से सम्बंधित ‘किकबॉक्सिंग खेल’ की शरुआत वर्ष 1994 हुई और धीरे – धीरे इसने अपनी गति पकड़ी, अन्य देशों की तरह भारत में भी वाको की सम्बद्ध संस्था “वाको इंडिया किकबॉक्सिंग फेडरेशन” के नाम से कार्यरत है जिसके नेतृत्व में देश के 32 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों में किकबॉक्सिंग की सम्बद्ध इकाइयां कार्य कर रही है.
वर्तमान में भारत में किकबॉक्सिंग खेल को राष्ट्रीय स्तर पर स्कूली खेलों एवं विश्वविद्यालय खेलो में शामिल कर लिया गया है. “वाको इण्डिया किकबॉक्सिंग फेडरेशन” के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारत में “वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ़ किकबॉक्सिंग ऑर्गनाइज़ेशन (वाको)” के प्रतिनिधि श्री संतोष कुमार अग्रवाल ने बताया की पिछले दो वर्षों में किकबॉक्सिंग खेल के तकनिकी स्वरूप में काफी सुधार आया है, देश के खिलाडियों ने अंतररष्ट्रीय प्रतियोगिताएं में पदक जीतना शुरू कर दिया है यह एक अच्छा संकेत है. यदि एशिया महाद्वीप की बात की जाए तो पिछले दो वर्षों में ‘भारतीय टीम’ का अंतर्राष्टीय प्रतियोगिताओं में पुरे एशिया महाद्वीप के अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा पार्टिसिपेशन एवं मैडल जीते हैं.