TODAY EXPRESS NEWS ( AJAY VERMA ) फरीदाबाद, 6 मार्च – वाईएमसीए विज्ञान एवं प्र्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद के इलेक्ट्रिानिक्स इंजीनियरिंग विभाग द्वारा विद्यार्थियों तथा संकाय सदस्यों को इंटरनेट आफ थिंग्स के उभरते क्षेत्र के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से ‘इंटरनेट आफ थिंग्स (आईओटी) के उपयोग द्वारा सिस्टम डिजाइन’ विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला आज प्रारंभ हो गई। कार्यशाला में विश्वविद्यालय तथा आसपास के शिक्षण संस्थानों से 50 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे है। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को आईओटी डिजाइन के अभ्यास एवं अनुभव के लिए विशेष सत्र का आयोजन भी किया जायेगा।
कार्यशाला का उद्घाटन बिट्स पिलानी के वरिष्ठ प्रोफेसर और सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. चंद्रशेखर तथा कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुनीष वशिष्ठ भी उपस्थित थे। सत्र को संयोजन डॉ. प्रदीप कुमार तथा रश्मि चावला ने किया।
अपने संबोधन में प्रो. चंद्रशेखर ने आईओटी तकनीक के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट आफ थिंग्स इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उभरती तकनीक है और इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों तथा शिक्षकों के लिए जरूरी है कि इस नई तकनीक को सीखे। उन्होंने प्रतिभागियों को आईओटी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवीन खोज करने के लिए भी प्रेरित किया।
सत्र को संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि देश ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी प्रगति की है और अब मुख्य फोकस इंटरनेट आफ थिंग्स जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स के उन्नत क्षेत्र को गति देने के लिए होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला सभी प्रतिभागियों के लिए बेहतर अवसर है कि वे इस तकनीक को समझे तथा समाज में इंजीनियरिंग से संबंधित समस्याओं के समाधान में अपना योगदान दें।
कार्यशाला के पहले दिन सत्र को सीएसआईआर-सीईईआरआई पिलानी के मुख्य वैज्ञानिक राज सिंह तथा कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. बी. प्रसाद ने भी संबोधित किया।